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परिवार व्यवस्था के बिखराव को, संस्कार केन्द्र स्थापित कर रोकें - अरविन्द सिसौदिया

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  परिवार व्यवस्था के बिखराव को, संस्कार केन्द्र स्थापित कर रोकें - अरविन्द सिसौदिया परिवार व्यवस्था के बिखराव को, संस्कार केन्द्र स्थापित कर रोकें - अरविन्द सिसौदिया Stop the disintegration of the family system by setting up Sanskar Kendra ( ritual centers ) - Arvind Sisodia   आज से 40 - 50 साल पहले परिवार के लोगों में जो समर्पण था, जो एकजुटता  थी, जो एक कुटुंब भाव था अर्थात आपसी संयुक्त रहन-सहन था। वह पूरी तरह दरक चुका है। उस समय का जो अनुशासन था, अदव था, जो सहयोग की भावना थी, वह अब देखने को नहीं मिलती। पहले जो एक दूसरे के काम आने का माद्दा था, जो रिश्ते नातों में आपसी जुड़ाव था, वह अब समाप्त प्रायः की ओर जा रहा है।  अपनेपन की वे बातें अब दूर -  दूर तक यह परिवारों में देखने को नहीं मिलती। निश्चित ही परिवारों में पाखंड भाव का पदार्पण हो चुका है। यह एक बडी और व्यापक सामाजिक समस्या है और इसका निदान तथा समाधान होना ही चाहिए। भगवान श्री राम  को मर्यादा पुरूषोत्तम कहा गया है।  उनके कालखंड में हनुमान जैसा सहयोगी, श्रवण जैसा पुत्र, भरत जैसा भाई और सीता जैसी प...