कर्नाटक का प्रभाव, लोकसभा में नहीं पड़ेगा -अरविन्द सिसोदिया

कर्नाटक का प्रभाव, लोकसभा में नहीं पड़ेगा -अरविन्द सिसोदिया कर्नाटक में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली है, वहीं उत्तरप्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा नें शानदार स्वीप किया। वही जालंधर सीट आप पार्टी ने जीती। अर्थात लोकल लीडरशिप पर ही ये परिणाम डिपेंड रहे है। कर्नाटक जीत का मुख्यकारण कर्नाटका की संप्रभुता का प्रश्न चुनाव के अंतिम समय में उठाना और पीएफआई के साथ बजरंगदल को जोड़ना रहा है, जिसने जनता दल सेक्युलर के मुस्लिम वोट छीन लेने के कारण कांग्रेस को बंफर जीत मिली है। यूँ भी कर्नाटक का कल्चर सरकार बदलने का रहा है। येशा ही हिमाचल प्रदेश में भी था। एक बात और भाजपा में देखने को मिल रही है, वह है स्थानीय लीडरशिप के साथ समन्वय की है। हिमाचल प्रदेश में भी 25-30 नेताओं का विद्रोह भाजपा के खिलाफ था तो कर्नाटक में भी 40 के करीब भाजपा के स्थानीय नेता विद्रोह कर रहे थे । इसके आलावा कांग्रेस प्रलोभन की राजनीति करती है ये फ्री वो फ्री..... इसी से उसनें गत राजस्थान, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ चुनाव जीते थे। याद होगा...1 से 10 तक की गिनती। यही तरीका आम आदमी पार्टी का भी है। फ्री की बात का...