अटल बिहारी वाजपेयी : रग रग हिंदू मेरा परिचय

मेरा परिचय - अटल बिहारी वाजपेयी *** हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग रग हिंदू मेरा परिचय॥ मै शंकर का वह क्रोधानल, कर सकता जगती क्षार-क्षार डमरू की वह प्रलयध्वनि हूं, जिसमें नाचता भीषण संहार रणचंडी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास मै यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुंआधार फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती में आग लगा दूं मैं यदि धधक उठे जल थल अंबर, जड चेतन तो कैसा विस्मय हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग रग हिंदू मेरा परिचय॥ मै आज पुरुष निर्भयता का वरदान लिए आया भू पर पय पीकर सब मरते आए, मैं अमर हुआ लो विष पीकर अधरों की प्यास बुझाई है, मैंने पीकर वह आग प्रखर हो जाती दुनिया भस्मसात, जिसको पल भर में ही छूकर भय से व्याकुल फिर दुनिया ने प्रारंभ किया मेरा पूजन मै नर नारायण नीलकण्ठ बन गया, न इसमें कुछ संशय हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग रग हिंदू मेरा परिचय॥ मै अखिल विश्व का गुरु महान, देता विद्या का अमर दान मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग, मैंने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर मानव के मन का अंधकार, क्या कभी सामने सका ठहर मेरा स्वर्णाभा म...