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राजयोग का चमत्कारी शक्तिपीठ त्रिपुर सुन्दरी माता जी पीठ बांसबाडा

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  राजयोग का चमत्कारी शक्तिपीठ त्रिपुर सुन्दरी माता जी पीठ बांसबाडा जिला बांसबाडा , राजस्थान के निकट स्थित त्रिपुर सुन्दरी माता जी का मंदिर भारत की पश्चिमी पट्टी विषेश में लोकप्रिय है। यहा दर्शन करनें के लिये दिल्ली,हिमाचल,पंजाब,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ,गुजरात एवं महाराष्ट्र से लाखों भक्तगण अपनी मनोकामनायें लेकर पहुंचते हैं। राजनैतिक लोगों का भी विशेष आकर्षण का केन्द्र है। प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी जी एवं नरेन्द्र मादी जी सहित अनकों मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण यहां दर्शन हेतु पधार चुके है। रियासतकाल में गुजरात, मालवा एवं मारवाड के शासक किसी भी अभियान से पूर्व माता की पूजा अर्चना एवं आर्शीवाद प्राप्त करके ही आगे बढते थे। --------- राजस्थान का एकमात्र मंदिर जहां एक ही दिन में 3 रूपों में होते हैं देवी मां के दर्शन नवरात्र में माता त्रिपुरा सुंदरी (Tripura sundari) के दर्शन का विशेष महत्व है. बांसवाड़ा जिले (Banswara district) से करीब 18 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में अरावली पर्वतमालाओं के बीच माता त्रिपुरा सुंदरी का भव्य मंदिर है. मुख्य मंदिर के द्वार के किवाड़ आदि चांदी (Silver gate) के ...

माँ भगवती के 52_Shkti Pith _शक्तिपीठ स्थल

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माँ भगवती  के 52_शक्तिपीठ स्थल         आज हम हिन्दू धर्म  के 52 शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि  पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये शक्ति पीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। हालांकि देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का ज़िक्र मिलता है, वहीं तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। देवी पुराण में ज़रूर 52 शक्तिपीठों की ही चर्चा की गई है। इन 52 शक्तिपीठों में से कुछ विदेश में भी हैं।           52 शक्तिपीठों के बनने के सन्दर्भ में जो कथा है, वह यह है कि राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता जगदम्बिका ने सती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव से विवाह किया। एक बार मुनियों का एक समूह यज्ञ करवा रहा था। यज्ञ में सभी देवताओं को बुलाया गया था। जब राजा दक्ष आए तो सभी लोग खड़े हो गए लेकिन भगवान शिव खड़े नहीं हुए। भगवान शिव दक्ष के दामा...