संदेश

संयुक्त परिवार लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

परिवारों में बदलता चरित्र चिंता का विषय - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
परिवारों में बदलता चरित्र चिंता का विषय - अरविन्द सिसोदिया परिवार का पहला आधार है प्रेम और विश्वास ही है @ दुर्व्यवहार, छल, कपट, चोरी,धोका और बेईमानी जहर के बराबर होती है....। परिवार की विश्वशनीयता पर पराकाष्ठा के समर्पण के करोड़ों प्रमाण भारतीय संस्कृति में मिलते हैं। आज भी रामायण की सामाजिक स्वीकृति विश्व में सर्वोच्च इसीलिये है कि  वह परिवार व्यवस्था की पोषक है। व्यवस्था का निर्माण करती है। भारत में सबसे मजबूत परिवार व्यवस्था है , विश्व के मुकाबले यह अभी भी सबसे मज़बूत बनी हुई है। किन्तु पिछले 10-15 वर्षों में इसमें भारी गिरावट आई है। विशेष कर पुत्रों का व्यवहार गंभीरतम गैर जिम्मेदारीपूर्ण हुआ है। भारत में वृद्धआश्रम खुलना समाज को गंभीर चेतावनी है। माता पिता और भाई बहन के प्रति स्वार्थपूर्णता से सोचने की प्रवर्ती गंभीर संकटों को उपस्थित करने वाले हैं। जो "मां" संतान को नौ महीनेँ तक गर्भ में रखती है, जीवन को दाव पर लगा कर संतान को जन्म देती है। भूखी प्यासी रह कर पालन पोषण करती है। हारी बीमारी से बचाती है।माँ ही पहली गुरु भी होती है। उसी मां से साथ पुत्र गंभीतर उपे...

सभी हिस्सेदारों की सहमति से बंटवारा नहीं किया तो निरस्त किया जा सकता है - सुप्रीम कोर्ट

  सुप्रीम कोर्ट ने कहा: संयुक्त परिवार HUF की संपत्ति का बंटवारा कैसे हो सकता है- JP April 21, 2022 संयुक्त परिवार HUF की संपत्ति का बंटवारा Property Distribution उसके सभी हिस्सेदारों की सहमति के बाद ही किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court की ओर से कहा गया कि यह स्थापित कानून है कि जहां सभी हिस्सेदारों की सहमति से बंटवारा नहीं किया गया हो, यह उन हिस्सेदारों के कहने पर निरस्त हो सकता है जिनकी सहमति प्राप्त नहीं हुई है। शीर्ष अदालत Supreme Court ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त परिवार Hindu Undivided Family की संपत्ति का बंटवारा Property Distribution सभी हिस्सेदारों की सहमति से ही किया जा सकता है। न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि बंटवारा उन हिस्सेदारों के कहने पर निरस्त किया जा सकता है जिनकी सहमति प्राप्त नहीं की गई हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट कानून है कि कर्ता/संयुक्त परिवार की संपत्ति का प्रबंधक केवल तीन स्थितियों में संयुक्त परिवार की संपत्ति का बंटवारा कर सकता है – कानूनी आवश्यकता, संपत्ति के लाभ के लिए, और परिवार के सभी हिस्सेदा...