माफिया अतीक से माल कमानें वाले सफेदपोश चेहरों से नकाब उठनी चाहिये

माफिया अतीक की ओट से माल कमानें वाले सफेदपोश लोगों के चेहरों से नकाब उठनी चाहिये संवैधानिक सिस्टम की विफलता का नाम माफिया अतीक अहमद था राज्य की स्थापना का मूल ही न्याय से है। भारत में सबसे ज्यादा बाधित ही न्याय हुआ,10 - 50 मुकदमों को छोड दीजिये आम आदमी की बात करें तो धर पेशी पर पेशी और अंत में न्याय जीरो बटा जीरो । अतीक के हत्यारों के पीछे कौन है, इसकी जांच जरूरी - अरविन्द सिसौदिया उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद नें हत्या से पूर्व लगभग 44 साल तक देश के संबिधान, लोकतंत्र एवं न्याय व्यवस्था को मिट्टी में मिला कर रखा । उसके उपर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य जांच एजेंन्सियों को सैंकडों बेनामी संपत्तियों व 200 बैंक खातों में हुए लेनदेन सहित हजारों करोड की सम्पत्ती और विदेशी हथियारों तक जानकारी हाथ लगी है। इसके तार पाकिस्तानी से संचालित आतंकी संगठन से जुडते पाये गये। वहीं उसके उपर 100 के करीब संगीन धाराओं वाले मुकदमें थे । इससे बहुत ज्यादा वे मामले भी हो सकते हैं जो पुलिस तक पहुंचे ही नहीं। इससे पहले कि वह राजनेताओं के राज उगलता उसे शूटरों के द्वारा शूट करवा दिया गया । ...