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समाज की सशक्त भूमिका के बिना कोई भला काम अथवा कोई परिवर्तन यशस्वी व स्थायी नहीं हो सकता - सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत

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 विजयादशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री विजयादशमी उत्सव (आश्विन शुद्ध दशमी बुधवार दि. 5 अक्तूबर 2022) समाज की सशक्त भूमिका के बिना कोई भला काम अथवा कोई परिवर्तन यशस्वी व स्थायी नहीं हो सकता -  सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत आज के कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि आदरणीया श्रीमती संतोष यादव जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, नागपुर महानगर के मा. सह संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी, तथा आत्मीय स्वयंसेवक बंधु। नौरात्रि की शक्ति पूजा के पश्चात विजय के साथ उदित होने वाली आश्विन शुक्ल दशमी के दिन हम प्रतिवर्षानुसार विजयादशमी उत्सव को संपन्न करने के लिए यहाँ एकत्रित है। शक्तिस्वरूपा जगद्जननी ही शिवसंकल्पों के सफल होने का आधार है। सर्वत्र पवित्रता व शान्ति स्थापन करने के लिए भी शक्ति का आधार अनिवार्य है। संयोग से आज प्रमुख अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति से हमें लाभान्वित व हर्षित करने वाली श्रीमती संतोष यादव उसी शक्ति का व चैतन्य का प्रतिनिधित्व करती ह...

हिन्दू अपने धर्म से अलग नहीं हो सकता और भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी

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  साभार : विश्व संवाद केन्द्र, भारत चित्र साभार : स्वदेश, ग्वालियर  भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी Date - 28.11.2021 ग्वालियर.    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि राष्ट्रीय पत्रकारिता द्वारा ‘स्व’-जागरण का अभियान शुरू हो चुका है, दुनिया भारत की तरफ उम्मीद से देख रही है. हिन्दू अपने धर्म से अलग नहीं हो सकता और भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता. हिन्दू है तो भारत है और हिन्दू नहीं तो भारत नहीं. अंग्रेजों ने हिन्दुओं को छोड़कर भारत का इतिहास लिखा. उसे कोई भी पढ़ता है तो उसे ऐसा लगता है कि हिन्दू कहीं था ही नहीं. ऐसा आभास होता है मानो, दस पन्द्रह पीढ़ी पूर्व हमारे कोई पूर्वज थे ही नहीं. जबकि तथ्य यह है कि हिन्दू नहीं है तो भारत भी नहीं है. सरसंघचालक शनिवार को ग्वालियर में स्वदेश के पचास वर्ष पूर्ण होने पर जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित ‘स्व’र्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और...

विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी – डॉ. मोहन भागवत Dr Mohan Bhgawat

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  साभार - विश्व संवाद केन्द्र भारत  विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी – डॉ. मोहन भागवत ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने से ही मिटेगी  – डॉ. मोहन भागवत नोएडा. भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचलाक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि मातृभूमि का विभाजन न मिटने वाली वेदना है और यह वेदना तभी मिटेगी, जब विभाजन निरस्त होगा. सरसंघचालक जी ने कृष्णानन्द सागर जी की पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि इतिहास सभी को जानना चाहिए. “पूर्व में हुईं गलतियों से दुखी होने की नहीं, अपितु सबक लेने की आवश्यकता है. गलतियों को छिपाने से उनसे मुक्ति नहीं मिलेगी.” “विभाजन से न तो भारत सुखी है और न वे सुखी हैं, जिन्होंने इस्लाम के नाम पर विभाजन किया.” उन्होंने कहा कि इसे तब से समझना होगा, जब भारत पर इस्लाम का आक्रमण हुआ और गुरु नानक देव जी ने सावधान करते हुए कहा था – यह आक्रमण देश और समाज पर हैं, किसी एक पूजा ...