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मातृभूमि के लिए सावरकर परिवार का सब कुछ छिन गया था

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    मातृभूमि के लिए सावरकर परिवार का सब कुछ छिन गया था Savarkar family lost everything for the sake of motherland        साल 1907 में सावरकर बंधुओं की पुश्तैनी जायदाद अंग्रेज सरकार ने जब्त कर ली। साल 1911 में सावरकर के श्वसुर की सारी संपत्ति भी अंग्रेज सरकार द्वारा जब्त कर ली गई। उसी वर्ष बंबई विश्वविद्यालय द्वारा सावरकर की बीए की डिग्री वापस ले ली गई। लंदन से वकालत की डिग्री पूरी करने के बावजूद उन्हें बार में स्थान नहीं दिया गया। इस तरह काला पानी से जिंदा लौटे सावरकर के पास मात्र 10वीं पास की शैक्षिक योग्यता रह गई थी। उनकी लिखी सारी किताबों पर पाबंदी थी इस तरह किसी प्रकार रॉयल्टी मिलने की संभावना भी नहीं थी।   बड़े भाई बाबा राव स्ट्रेचर पर जेल से रिहा हुए थे। तो ऐसे में पूरा परिवार सबसे छोटे भाई नारायण राव की डिस्पेंसरी पर निर्भर था। अहमदाबाद बम धमाके में पकड़े गए और नासिक षड़यंत्र केस में छह माह की जेल काट चुके नारायण राव पर और उनसे इलाज कराने आने वालों पर भी पुलिस की सख्त नजर रहती थी। ऐसे स्थिति में एक बार सावरकर को लगा कि इससे बेहतर स्थित...