भारतीय संस्कृति के अजर अमर अष्ट-चिरंजीवी

अष्ट-चिरंजीवी कौन-कौन हैं ? कहानी उन लोगों की जो हमेशा जीवित रहेंगे, कोई वरदान तो कोई शाप के कारण कभी मरेगा नहीं, ग्रंथों में हैं 8 ऐसे पात्र जो अमर हैं | हनुमानजी को माता सीता ने दिया था अजर-अमर होने का वरदान, रावण के भाई विभीषण भी हैं अष्टचिरंजीवियों में शामिल अष्ट चिरंजीवी यानी 8 पात्र जो हमेशा जीवित रहेंगे और इन्हें कभी बुढ़ापे का सामना नहीं करना पड़ेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा ने बताया कि रोज सुबह अष्ट-चिरंजीवियों के नाम का जाप करने की परंपरा है। इस संबंध में मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों को लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन मिलता है। ये है अष्ट-चिरंजीवियों से संबंधित श्लोक अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनूमांश्च विभीषण:। कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥ सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।। इस श्लोक की शुरू की दो पंक्तियों का अर्थ यह है कि अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और परशुराम ये सात चिरंजीवी हैं। इसके बाद अगली पंक्तियों का अर्थ यह है कि इन सात के साथ ही मार्कडेंय ऋषि के नाम का जाप करने से व्य...