पति - पत्नी के प्रगाढ़ समन्वय का पर्व "करवा चौथ"
पति की लम्बी आयु के लिये पत्नी के समर्पण का अदभुत पर्व “करवा चौथ“ करवा चौथ एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्यौहार है, जो भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह त्यौहार पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। करवा चौथ का महत्वः 1. पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक। 2. पत्नी की सुहाग की रक्षा के लिए किया जाने वाला उपवास। 3. चंद्रमा की पूजा और उसके प्रति कृतज्ञता का प्रदर्शन। 4. सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक। करवा चौथ की कथाः करवा चौथ की कथा महाभारत से जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यम देवता से अपने पति की जान वापस ले ली थी। इसी कारण से, करवा चौथ को सावित्री की भक्ति और समर्पण के रूप में मनाया जाता है। करवा चौथ की रस्मेंः 1. सुबह सूर्योदय से पहले उठना और स्नान करना। 2. नए कपड़े पहनना और श्रृंगार करना। 3. करवा चौथ की पूजा करना और चंद्रमा को अर्घ्य देना। 4. उपवास रखना और रात में चंद्रमा को देखकर ही भोजन करना। 5. पति के साथ मिलकर पूजा करना और आशीर्वाद लेना। करवा चौथ का महत्व आज भी बना हुआ है, और यह त्यौहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्...