अपवित्र कर दिया नोबेल पुरूस्कार ...
लोकतंत्र समर्थक ; चीन में बंदी को नोबेल पुरूस्कार ....! - अरविन्द सीसोदिया यूं तो नोबेल पुरुस्कारों का चयन , विशेष कर शांती नोबेल अनेकों बार विवादास्पद रहा है, इसके अतिरिक्त और भी अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार विवाद पूर्ण रहे हैं.., इकने पीछे का सच छलक तो जाता है मगर ज्यादातर उन्हें कहता कोई नहीं है ! पुरुस्कार देना और उसके मुह से अपनी बात कहलवाना..! यह अजीव सी बेईमानी बहुत सालों से चल रही है..!! इस बार इसलिए विवादास्पद है कि चीन में लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले ल्यू जियाओबो (शियाओबो) को नोबेल पुरुष्कार देने की घोषणा की गई है..! यह वह व्यक्ती है जिसने १९८९ में चीन में लोकतंत्र के समर्थन में विशाल प्रदर्शन किया था , जिस में हजारों छात्र मारे गए थे ! चीन में इसका दर्जा अपराधी का है ! - क्रानिकल इयर बुक के अनुसार पेइचिंग में सैनिक कार्यवाही में लगभग १०,००० लोकतंत्र समर्थक आन्दोलनकारी जून १९८९ को मारे गए थे | इसी तरह से मनोरमा इयर बुक के अनुसार १९८९ में पेइचिंग में १५ मई को थ्यामन चौराहे पर हजारों लोकतंत्र समर्थक छात्रों ने प्रदर्शन किया था, वहां माशर्ल ला