विश्व पटल पर, हिन्दू का हितचिन्तक कौन ...?



बांग्लादेश में दुर्गापूजा 
उत्सव के दौरान कई जगह हिंसा
- अरविन्द सीसोदिया 
 सवाल यह है कि दुनिया का कोई भी धर्म या पंथ .., हिन्दू समाज में तो जीवित रह सकते हैं.., मगर गैर हिदू समाज में कोई धर्म या पंथ या सम्प्रदाय जीवित नहीं रह सकता..! इस तरह हजारों सबूत बिखरे पड़े हैं.. कश्मीर में .., पंडितों को घाटी  से बाहर कर दिया गया..! पाक्स्तान जहाँ हिन्दू आबादी को शैने शेनें  समाप्त किया जा रहा है...! बांगला देश  के बारे में तसलीमा से बेहतर कोई उदाहरन नहीं हो सकता..! उसका सिर लाने पर इनाम है...! वहां हिन्दुओं के साथ जो घट रहा है उसका सच बाहर नहीं आ पा रहा.., दुर्गा पूजा में उपद्रव तो महज एक  झलक  है....!
 सवाल .....?
विश्व पटल पर..,
हिन्दू का हित चिन्तक  कौन ...?
हिन्दू का संरक्षक कौन ...?
हिन्दू का शुभचिन्तक  कौन..?
   भारत में केंद्र सरकार को इसकी चिता करनी चाहिए .., यह सरकार ८५ प्रतिशत हिदू वोटों  से चुनी गई है...!  मगर यह कांग्रेस की सरकार है  सो.., जोर देकर  तो वह बात करेगी ही नहीं ..,वैसे भी अब यह सरकार सोनिया गांधी के रहते ईसाई हितों व षड्यंत्रों से बाहर नहीं निकाल सकती...!  इस सरकार और इस पार्टी का मतलव ही तो झूठी धर्म  निरपेक्षता और मुस्लिम साम्प्रदायिकता   है...! हिन्दुओं से विश्वासघात...! मुसलमान  की कोई भी बात हो वही सर- माथे...!! बेशर्मी से कोई हिन्दुओं के साथ दुर्भावना रखता है  तो वह कांग्रेस दल सहित .., तमाम वे दल हैं जो झूठ मूठ ही अपने आपको सेक्यूलर कहते हैं...!  सेक्यूलर होने का मतलब यह नहीं कि किसी धर्म या पंथ के लोगों पर अत्याचार हो और सरकार मूक दर्शक बन कर रह जाये...! मानवता भी कुछ होती है..!
संयुक्त राष्ट्र संघ या अन्य तमात संस्थाएं मात्र ईसाई औजर हैं.., इनको हिन्दू पर जुल्म नहीं दिखता है...! कुल मिला कर हिन्दू संगठनों को प्रभावी , भूमिका निभानी होगी, जशंतक दिन्दू के विश्वाश की बात है , कोई वास्तविक रूप में हिन्दू हित को आगे बड़े तो समाज साथ खड़ा होने तैयार है.., राजनीति और समाजहित को अलग अलग रख कर ही चलाना होगा.! भारत के हिन्दू संगठन ठीक ढंग से  इस घटना का तो  प्रतिकार करें..! प्रभावी तरीके से प्रतिकार करें.., तब ही कोई परिणाम निकाल सकता है...!
  दुनिया भर में हिन्दुओं नें १७ ओक्टुबर २०१० को विजय दसमी अर्थात दशहरा का पवन पर्व मनाया.., ढाका , बंगलादेश से दिलको हिला देने वाला समाचार आया..! ... बांग्लादेश के विभिन्न भागों में नशे में धुत्त लोगों और पुलिसकर्मियों ने दुर्गापूजा मना रहे श्रद्धालुओं पर हमले किए जिसके बाद कई जगहों पर हिंसा भ़डक गई। कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गापूजा पांडालों पर हमले किए जिससे कई जगहों पर हिंसा भ़डक गई। कई जगहों पर पुलिसकर्मियों द्वारा भी पूजा मंडपों को निशाना बनाने की खबर है। वेबसाइट "बीडीन्यूज24 डॉट काम" के मुताबिक पूजा पंडालों पर हमले और पुलिस के निष्पक्ष न रहने की खबरें सामने आने के बाद प्रशासन ने पुलिसकर्मियों को वहां से हटा लिया और एक थाने को फिलहाल बंद कर दिया।
 बांग्लादेश के पूर्वोत्तर इलाके सूनामगंज के ताहिरपुर उपाजिला इलाके में स्थित एक मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला करने के कारण छह पुलिसकर्मियों और एक उप निरीक्षक को वहां से हटा लिया गया। शेरपुर सदर पुलिस स्टेशन के एक उप निरीक्षक को पुलिस स्टेशन से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। कार्यकारी पुलिस अधीक्षक (शेरपुर) मोहम्मद अनीसूर रहमान ने कहा कि उप निरीक्षक बदरूजमान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
 हसीना ने हालंकि धर्मनिर्पेक्षता पर बल देते हुए कहा कि उनका देश "गैर सांप्रदायिक देश" है। उन्होंने कहा कि देशभर में 27,000 से अधिक दुर्गापूजा पंडाल बनाए गए हैं जो अभी तक सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में धर्मनिर्पेक्षता को बरकरार रखते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, ""धर्मनिर्पेक्षता देश के संविधान के चार स्तंभों में से एक है और यदि कोई व्यक्ति अपने मजहब के अनुसार नहीं रह सकता है तो इसका कोई मतलब नहीं है।""

Violence mars Durga Puja festivities in Bangladesh

Dhaka, Oct 17 – Attacks by drunken mobs and even policemen on Hindu devotees and Durga Puja marquees in many parts of Bangladesh marred the festivities of the country’s minority community even as Prime Minister Sheikh Hasina stressed on the virtues of secularism.
 Reports of violence came from across the country as the biggest religious festival of the minority Hindu community ended Sunday.
The authorities withdrew policemen and closed down a police station after cops were found attacking Puja Mandaps, the makeshift bamboo-and-cloth marquees erected for the festival at some places, bdnews24.com, a newspaper website reported.
In Narayanganj, just outside Dhaka, two people were arrested for vandalism, loot and attack on a Puja pavillion at Tanbazaar.
Witnesses said at least 10 people were injured when around 15 drunk men attacked Hindus devotees, who were dancing at a pavilion in Minabazar area of Tanbazar early Saturday.
They stabbed organising secretary of the Puja celebration committee of the area, Ankan Saha Rana, 35, and member Sumon Das, 24, when they attempted to stop the drunks.
In Sunamganj in northeastern Bangladesh, six policemen including a sub-inspector were withdrawn from a police station for attacking devotees at a temple in Tahirpur Upazila (sub-district).
A sub-inspector of Sherpur Sadar Police Station in central Bangladesh was withdrawn to the police lines for burning a festoon with the image of goddess Durga.
Acting Superintendent of Police (Sherpur) Mohammad Anisur Rahman said legal steps will be taken against Badruzzaman, the sub-inspector.
Meanwhile, Prime Minister Sheikh Hasina stressed on virtues of secularism and said her country was ‘non-communal’ while speaking at a function hosted by Hindus in the national capital Saturday.
Hasina said that 27,000 Durga Puja mandaps or marquees were erected across the country this year, the highest ever. Similarly, 94,000 Muslims were proceeding on Haj to Saudi Arabia, which was also the highest, denoting freedom to practice different faiths.
‘Secularism is one of the four pillars of the country’s constitution and has no meaning if people cannot practice their religions,’ she said during her visit to the Dhakeshwari Temple Saturday, which marked the Mahanabami, a high point of the Hindu festival.
But the New Age newspaper said: ‘Even as the prime minister speaks of secularism and thanks her law enforcers for ensuring a peaceful environment, there are reports of attacks, even by cops, on puja mandaps across the country.’
आईएएनएस

टिप्पणियाँ

  1. कहा की बात कर रहे है बंगला देश में जितनी हिन्दू लडकिया है सभी क़े साथ मुसलमानों ने शील भंग किया है हिन्दुओ की कौन सुनने वाला है? दुर्गा पूजा की तो बात ही छोडिये.
    कभी हमारे ब्लॉग[ दीर्घतमा] पर भी आइये

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