सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा



सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा ॥धृ॥

घुर्बत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे
समझो वही हमे भी दिल है जहाँ हमारा ॥१॥

परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबा हमारा ।२॥

गोदी मे खेलती है इसकी हजारो नदिया
गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा ।३॥

ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको
उतर तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा ॥४॥

मझहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना
हिन्दवी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ॥५॥

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

कविता - दीपक बनो प्रकाश करो

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

My Gov दवा लेबलिंग में स्थानीय भाषा का उपयोग हो

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

असंभव को संभव करने का पुरुषार्थ "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ"

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS की शाखा में जाने के लाभ