माओवादी हिंसा से तंग आ चुके हैं आदिवासी : मोहन भागवत
आदिवासी भी माओवादी हिंसा से तंग आ चुके हैं: मोहन भागवत
Friday, June 7, 2013
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने 25 मई को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले की आलोचना करते हुए कहा है कि अब माओवादियों से कोई बातचीत नहीं की जानी चाहिए क्योंकि जो हमला उन्होने किया उसे किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है, हमले में 27 लोग मारे गये थे। सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ में रहने वाले आदिवासी भी अब माओवादियों की हिंसा से तंग आ चुके हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत रेशमीबाग मैदान में संघ के प्रशिक्षण शिविर समारोह में बोल रहे थे। इसके अलावा चीनी सीमा की घुसपैठ पर उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि आजादी के 65 वर्षों बाद भी हम सीमा विवाद जैसे मुद्दों का कोई हल नहीं निकाल पाये हैं। हम अभी भी अपनी सीमा रेखा चिन्हित नहीं कर पाये हैं, जिसके कारण चीनी सैनिक हमारी सीमा में काफी अंदर तक घुस आये हैं और हम कुछ भी नहीं कर पाते हैं। उन्होने सरकार की नाकामियों की निंदा की और खराब प्रशासन के लिए नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
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