वर्षों बाद भारत माँ को खुलकर हँसते देखा






- प्रिया भाटिया
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"मोदी की विदेश यात्राओं पर सोशल मीड़िया में काफी जोक्स बनाये जा रहे है..
लेकिन कुछ तथ्य -
1) मोदी 365 दिनों में से 53 दिन विदेश यात्राओं पर रहे है.. मौजूदा चीन यात्रा को पकड़ के..और कुल 17 देशों का दौरा किया है.
दूसरी तरफ डॉ मनमोहन सिंग (UPA -2, पहिला साल), 365 दिनों में से 47 दिन विदेश यात्रा पर रहे है. और सिर्फ 12 देशों का ही दौरा किया है..
2) दोनों ने लगभग समान दिन बिताये है विदेश में.. पर मोदी ने ज्यादा देशों का दौरा किया है, मनमोहन से तुलना करने पर..
3) और साफ़ फर्क ये है की, मोदी के दौरे Official State Visits रहे है,
जबकी मनमोहन सिंग के दौरे Summit-Oriented रहे है जैसे की, यु.एन., ब्रिक्स, सार्क, NAM, ASEAN, वगैरा.
4) मोदी ने एक साल में कुल 57 करार किये है 17 देशो से.. जबकि मनमोहन सरकार 22 करार ही कर पायी, 12 देशों से..
5) मोदी ने एक साल में 40% ज्यादा FDI भारत में लाया है.. जबकि मनमोहन सरकार सिर्फ 18% ज्यादा..
6) मोदी सरकार में विदेशी मुद्रा 18% बढ़ी है जबकि मनमोहन सरकार में सिर्फ 5.5%..
"और मजे की बात ये है की मनमोहन सिंग की विदेश यात्राओं पर 650 करोड़ रूपये खर्च हुए है..और उनके साथ सेकड़ो मीडिया वाले भी जाते थे सरकारी पैसे से, जो मोदी ने बंद कर दिया है.."
पर मोदी जी के विदेश दौरे ज्यादा चर्चा में रहे है, क्योंकी पिछले एक साल में दुनिया भर में भारत की साख और इज्जत बढ़ी है..
मोदी किसी भी नेता की आँख में आँख डालकर बात करते है.. जबकि महमोहन सरकार में भारत किसी कोने में बैठा रहता था..
अमेरिका, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रलिया, और अब चीन में जो मोदी का रॉकस्टार स्वागत हुआ है, तो पुरे विश्व में चर्चा तो होगी ही.. साथमें कुछ लोगों के पेट में भी दर्द उठेगा."-------- प्रिया भाटिया


है कठिन यह मार्ग लेकिन, अनवरत हम बढ़ रहे है,
इन प्रबलतम आँधियों से, हम निरंतर लड़ रहे है,
साधना साकार करदे , बस यही निश्चय ठना है,
चिर विजय की कामना है, कर्म ही आराधना है।
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पाकिस्तान को घबराते देखा है,
अमेरिका को झुकते देखा है।
इतने वर्षों बाद भारत माँ को खुलकर मुस्कुराते देखा है।
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67 साल पहले एक गुजराती
ने देश को अंग्रेजों से मुक्त
किया था.....
अब 67 साल बाद एक गुजराती
ने देश को कांग्रेस से मुक्त
किया है......

पहले वाला गुजराती 'नोटो' पर
छा गया,

अभी वाला गुजराती 'वोटों' पर
छा गया..
ऐ दोस्त खिडकिया खोल
के देखने दे मुझे....... .
मेरे वतन की नई तस्वीर बन
रही है.......
आज भारत फिरसे आजाद
हुआ...... पहला इग्लेड की
रानी से..... और आज
" इटली की ---- " से.....
जो पढ़ सके न खुद, किताब मांग रहे है,
खुद रख न पाए, वे हिसाब मांग रहे है।
जो कर सके न साठ साल में कोई विकास देश का, वे सौ दिनों में जवाब मांग रहे है।
आज गधे गुलाब मांग रहे है, चोर लुटेरे इन्साफ मांग रहे है।
जो लुटते रहे देश को 60 सालों तक,
सुना है आज वो 1OO दिन का हिसाब मांग रहे है?
जब 3 महीनो में पेट्रोल की कीमते 7 रुपये तक कम हो जाये,
जब 3 महीनो में डॉलर 68 से 60 हो जाये,
जब 3 महीनो में सब्जियों की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में सिलिंडर की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में बुलेट ट्रैन भारत में चलाये जाने को सरकार की हरी झंडी मिल जाये,
जब 3 महीनो में सभी सरकारी कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुचने लग जाये,
जब 3 महीनो में काले धन वापसी पर कमिटी बन जाये,
जब 3 महीनो में पाकिस्तान को एक करारा जवाब दे दिया जाए,
जब 3 महीनो में भारत के सभी पडोसी मुल्को से रिश्ते सुधरने लग जाये,
जब 3 महीनो में हमारी हिन्दू नगरी काशी को स्मार्ट सिटी बनाने जैसा प्रोजेक्ट पास हो जाये,
जब 3 महीनो में विकास दर 2 साल में सबसे ज्यादा हो जाये,
जब हर गरीबो के उठान के लिए जान धन योजना पास हो जाये.
जब इराक से हजारो भारतीयों को सही सलामत वतन वापसी हो जाये!
तो भाई अछे दिन कैसे नहीं आये???
वो रस्सी आज भी संग्रहालय में है जिस्से गांधी बकरी बांधा करते थे
किन्तु वो रस्सी कहां है जिस पे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु हसते हुए झूले थे?
हालात-ए-मुल्क देख के रोया न गया,
कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया
देश मेरा क्या बाजार हो गया है ...
पकड़ता हु तिरंगा तो लोग पूछते है कितने का है...
वर्षों बाद एक नेता को माँ गंगा की आरती करते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की समाधियों पर फूल चढ़ते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को अपनी मातृभाषा में बोलते देखा है,
वरना अब तक रटी रटाई अंग्रेजी बोलते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को Statue Of Unity बनाते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की मूर्तियां बनते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को संसद की माटी चूमते देखा है,
वरना अब तक इटैलियन ---- चाटते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को देश के लिए रोते देखा है,
वरना अब तक "मेरे पति को मार दिया" कह कर वोटों की भीख मांगते देखा है।
पाकिस्तान को घबराते देखा है,
अमेरिका को झुकते देखा है।
इतने वर्षों बाद भारत माँ को खुलकर मुस्कुराते देखा है।

आप सभी से निवेदन इस मेसेज को पुरे भारत हर एक नागरीक तक पहुचाने में मेरी मदद करे।।
-सुनिलपाल सिंह गुसाईं
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टिप्पणियाँ - सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये
चीनी 39 से 29 हो गयी
चावल 105 से 65 हो गया
पेट्रोल 73 से 56 हो गया
डॉलर 68 से 60 हो गया
सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी जिससे टाइम पे
जल्दी काम हो सके और घूसखोरी कम
हो सके…
डीजल 12 रूपये कम हो गया
महंगाई पिछले 7 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई
सरकारी बाबू टाइम पे ऑफिस जाने लगे
देश का मान सम्मान दुनिआ में बढ़ने लगा।
पाकिस्तान डरने लगा।
बाहर से आयात कम हो गया। सभी वस्तुएं देश में बनने
लगी।
घरेलु व्यापार को संरक्षण मिल गया।
पुराने घिसे पिटे अंग्रेज़ों के बनाये क़ानून खत्म होने लगे
रेलवे का आधुनिकीकरण शुरू हो गया। ( जैसे
लम्बी दूरी की पैसेंजर गाड़ियों में
स्टेशन आने की सूचना का प्रसारण शुरू हो गया बिलकुल
मेट्रो की तरह )
गैस
कंपनियों की भी पोर्टेबिलिटी शुरू
हो गयी
किसान विकास पत्र फिर शुरू हुए नए स्वरूप के साथ
आयकर की सीमा 2.5 लाख हुई
जन धन योजना से बैंको और कम खरच में जीने
वालों का फायदा और बीमा अलग
ये तो कम से कम वो बातें हैं जिनका effect पूरे देश पे पड़ रहा है।
और सभी काम साधारण आदमी तक पहुँच
चुके है सिर्फ कागजी नहीं। और
अभी तो सिर्फ नौ महीने
ही हुए है बहोत दिन पड़े हैं हर दिन काम हो रहे
है 2019 तक तो विरोधी दल बचेंगे
भी नहीं।
ये तो वो काम है जो मोटे मोटे हैं जिनका असर
बाकी जगह है वो शुरू करता हूँ।
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