अनन्त चतुर्दशी महोत्सव कोटा : अरविन्द सिसोदिया






अनन्त चतुर्दशी  महोत्सव: कोटा संभाग का जनउत्सव 
              एक विश्लेषण : अरविन्द सिसोदिया

कोटा, सितम्बर 2016 । दस दिन तक श्री गणेशजी की आराधना के बाद घर-घर विराजित प्रथम पूज्य को 15 सितम्बर गुरूवार अनंत चतुदर्शी को शहरवासी उत्साह के साथ विसर्जित करेंगे। विघ्नहरण, मंगलकरण की विदाई के लिए सारा शहर सड़कों पर होगा। गली-गली से “गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दीे आ” की पवित्र घ्वनी गूंजेगी एवं लगभग पूरे दिन ही विसर्जन का दौर चलेगा। किशोर सागर तालाब एवं चम्बल नदी सहित करीब - करीब आधा दर्जन अन्य स्थानों पर भी विसर्जन होगा।

प्रमुख विसर्जन स्थल किशोर सागर तालाब बारहदरी में सुबह से प्रतिमाओं का विसर्जन प्रारम्भ होकर देर रात तीन चार बजे तक जारी रहेगा। शहर में अलग-अलग विसर्जन स्थलों पर करीब 25 - 30 हजार गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।

इसमें छह इंच से लेकर १५ फीट तक की गणेश प्रतिमाएं जो कि गत 10 दिन झांकी के रूप में रहीं अंतिम दिन विदा हो जायेंगीं। गणपति की विदाई अत्यंत भावुक और आंखें नम कर देने वाली होती है। विशेष कर महिलाओं एवं बालिकाओं को संभलने में घंटों लग जाते है। कोटा में कम से कम अब चार - पांच जुलूस निकलने लगे हैं। बड़ी संख्या में प्रतिमायें सीधे किशोर सागर में प्रातःकाल से ही विर्सजित होने लगती हैं।

    मुख्य शोभायात्रा इस बार सूरजपोल गेट पर बनाये गये मंच से (गुमानपुरा पुलिया के पास में ) अनन्त चतुर्दशी उत्सव आयोजन समिति द्वारा प्रथम पूज्य के पूजन के बाद शुरू होगा। पहली बग्गी सनातनपुरी जी महाराज थेगडा , अध्यक्ष समिति की होगी उनके साथ संत समाज होगा, पीछे पीछे शोभायात्रा में सम्मिलित होने वाली झांकियां अखाडे़, भजन मण्डलियों होंगीं। शोभायात्रा मार्ग दुल्हन की तरह सज गया हे। बडे बडे स्वागत दरवाजे और खूबसूरत लाईटिंग के साथ पूरे मार्ग में लाउड स्पीकर लगे हुए है। शोभायात्रा पूजन के बाद राजपूत छात्रावास, कैथूनीपोल, लालबुर्ज, सब्जीमंडी, रामपुरा बाजार, आर्यसमाज रोड़ होते हुए किशोर सागर तालाब की पाल स्थित बारहदरी में प्रतिमाओं का विसर्जन होगा ।

     बड़ी प्रतिमाएं क्रेन से तथा छोटी प्रतिमाओं को एकत्रित करके नाव के जरिए तालाब में प्रवाहित किया गया। तालाब के अलावा भीतरिया कुण्ड, रंगबाड़ी कुण्ड, स्टेशन क्षेत्र रंगपुर , कुन्हाड़ी के पास चम्बल नदी और छावनी के पास नहर एवं डीसीएम चैराहे के पास नहर में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जायेगा।

      सामान्य तौर पर यह मुख्य शोभायात्रा 4 से 5 किलोमीटर लम्बी होती है, इसमें 50 से 60 अखाडे़ और 150 से अधिक झांकियां सम्मिलित होती हैं। मोटे तौर माना जा सकता है कि सम्पूर्ण कोटा में लगभग 500 से अधिक झांकियां किसी न किसी रूप में निकलती है और गणेश पाण्डालों की संख्या भी लगभग 1000 से अधिक ही मानी जाती हे।

     शोभायात्रा में आकर्षक गणपति प्रतिमाओं, अखाड़ों के करतबों, महिला अक्षाडों के हैरत अंगेज कारनामोंको देखनें, डांडिया - गरबा, भजन मण्डलियां सम्मिलित होती हैं जिन्हे देखनें के लिए दूर - दूर से श्रृद्धालू आते हैं। शोभायात्रा में शामिल गणपति झांकियों के दर्शन करने और अखाड़ों का उत्साह बढ़ाने के लिए, सांसद विधायक महापौर उपमहापौर सहित जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्ति भी सम्मिलित होते है। शोभायात्रा को देखनें के लिए, छतों पर भारी संख्या में लोग रहते हैं वहीं सड़कों पर भी पांव धरने की जगह नहीं रहती है। शोभा यात्रा देखने के लिए आये भक्तों के लिये प्रसादी के रूप में तरह - तरह के व्यंजनों का वितरण अलग अलग क्षैत्रों में व्यापार संघों एवं सामाजिक संस्थाओं के द्वारा लगाये जाते है। यह कोटा नहीं वरन कोटा संभाग का जनउत्सव हे।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रमाण

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

भाजपा का संकल्प- मोदी की गारंटी 2024

अम्बे तू है जगदम्बे........!

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

वामपंथियों की अराजकता उत्पन्न करने की खतरनाक योजना का खुलासा करता चुनाव घोषणापत्र - अरविन्द सिसोदिया cpi(m) Manifesto

Ram Navami , Hindus major festival