मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने दी किसानों को कई बड़ी सौगातें


आभार,मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी का !

यह पहला अवसर है जब बढी हुई बिजली दरों को वापस लिया गया और राजस्थान के लाखों किसानों को सीधे राहत दी गई हो। किसान राजस्थान की और देश की रीड है। उसे मजबूती देना देश को मजबूत करना होता है। राजस्थान की यशश्वि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी को बहुत - बहुत धन्यवाद आभार !!

- अरविन्द सिसोदिया,

जिला महामंत्री भाजपा कोटा शहर जिला !

94141 80151 / 95095 59131


कृषि बिजली दरें घटाईमुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने दी किसानों को कई बड़ी सौगातें

जयपुर, 18 फरवरी 2017



मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कृषि बिजली की दरें घटाने सहित प्रदेश के किसानों को कई सौगातें दी हैं। किसानों को अब पूर्ववर्ती दर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी और फ्लैट रेट भी 120 के स्थान पर 85 रुपये प्रति एचपी ही होगी। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन की नई दरों का बढ़ा हुआ भार अब राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देते हुए और कई घोषणाएं की हैं।

ऊर्जा राज्यमंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने किसानों के हित में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गये निर्णयों की शनिवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी। ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए निर्णय किया है कि राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन की नई दरों का बढ़ा हुआ भार सरकार वहन करेगी। सितम्बर, 2016 में विनियामक आयोग ने किसानों की दरों में करीब 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी, जिसे अब राज्य सरकार वहन करेगी।

ज्यादा जमा कराई राशि समायोजित होगी
श्री राणावत ने बताया कि अब किसानों को कृषि कनेक्शन के सामान्य श्रेणी के मीटर पर 1 रुपये 15 पैसे के स्थान पर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर देय होगी। वहीं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए प्रति एचपी की दर 120 रुपये के स्थान पर 85 रुपये रहेगी। इस निर्णय के अनुसार पूर्व में सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शनों पर काश्तकारों द्वारा बढ़ी हुई दरों पर जमा कराई गई राशि को आगामी बिलों में समायोजित किया जाएगा।

ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि प्रतिवर्ष विद्युत दरें बढ़ाने का निर्णय पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लिया गया था। इसके बावजूद हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में नियामक आयोग द्वारा किसानों के लिए बढ़ी हुई दरों का समस्त भार अपने ऊपर लिया है।

पूरे जिले में हो सकेगा कृषि कनेक्शनों का स्थानान्तरण
श्री राणावत ने मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा के अनुसार बताया कि किसानों की मांग पर कृषि कनेक्शनों के स्थानांतरण में पंचायत समिति की सीमा को बढ़ाकर जिला क्षेत्र तक कर दिया जाएगा।

समझौता राशि की दर घटाई
ऊर्जा राज्यमंत्री ने कृषि उपभोक्ताओं के लिए सिविल लाइबिलिटी की अधिकतम अवधि चार माह से घटाकर 2 माह करने की घोषणा की। इसके साथ ही समझौता राषि की दर भी 2000 रुपये से घटाकर 1000 रुपये प्रति एचपी की गई है।

मीटर सही तो लोड चैकिंग नहीं
श्री राणावत ने बताया कि अगर किसी उपभोक्ता का मीटर सही पाया जाता है तो उसकी लोड चैकिंग नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायतों की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित की गयी हैं। इन कमेटियों में वीसीआर जांच के 60 दिन तक प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में किया जाएगा।

बिना जांच, बिना आवेदन लोड बढ़ने की शिकायतों का होगा निस्तारण
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिना आवेदन या बिना जांच के लोड बढ़ने की शिकायतों का निस्तारण किया जायेगा। किसानों के पम्प की लोड चैकिंग में 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 5 एचपी तक के लोड में रियायत दी जाएगी। इस निर्णय से लगभग 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राशि जमा नहीं कर पाने वाले किसानों को मांग राशि जमा कराने का एक और अवसर दिया जाएगा।

बूंद-बूंद कृषि कनेक्शनों पर अब तीन वर्ष बाद ही सामान्य दरें
श्री राणावत ने बताया कि बूंद-बूंद, फव्वारा एवं डिग्गी सिंचाई पद्धति आधारित कृषि कनेक्शनों की विद्युत दरें 3 वर्ष पश्चात् ही सामान्य श्रेणी में परिवर्तित कर दी जाएंगी। इस निर्णय से लगभग 45 हजार किसान लाभान्वित होंगे।

शिकायतों के निराकरण के लिए शिविर अगले माह
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा आगामी माह में प्रदेशभर में पंचायत एवं उपखण्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें उपभोक्तओं की शिकायतों का निराकरण किया जाएगा।

इस दौरान डिस्कॉम्स चेयरमैन श्री श्रीमत पाण्डेय, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा श्री संजय मल्होत्रा एवं डिस्कॉम्स के सलाहकार श्री आरजी गुप्ता भी उपस्थित थे।
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कृषि कनेक्शनों के स्थानांतरण में जिले के अंदर शिथिलता

1. कृषि कनेक्शनों के स्थानान्तरण की वर्तमान पंचायत समिती की सीमा को बढ़ा कर जिला क्षेत्र करने की मैं घोषणा करता हूँ।

वी.सी.आर. में राहत
2. मैंने किसानों के लिये सिविल लाइबिलिटी के अलावा समझौता राशि को पूर्व में कम किया है। अब मैं यह घोषणा करता हूॅं कि कृषि उपभोक्ताओं के लिये सिविल लाईबिलिटी की अधिकतम अवधि 4 माह से घटा कर मात्र 2 महीने की जाएगी। इसके अतिरिक्त समझौता राशि की दर को भी हमने 2000 रूपये प्रति हार्स पावर से घटाकर 1000 रूपये प्रति हार्स पावर कर दिया है।

3. वीसीआर में किसानों की कुछ शिकायतें आ रही थी, शिकायतों की सुनवाई के लिये जिला स्तर पर वीसीआर मोनीटरिंग कमेटियाँ गठित की गयी हैं। इन कमेटियों में वीसीआर जाँच के 60 दिन तक शिकायत प्राप्त होने पर 15 दिन में निस्तारित किया जायेगा।

4. जिन किसानों के मीटर सही ढंग से चल रहे हैं ऐसे काश्तकारों के लोड की जांच नहीं की जाएगी।

मांग-पत्र राशि जमा कराने का एक और अवसर
5. ऐसे कृषि आवेदक जो किसी कारण मांग पत्र समय पर जमा नहीं करा पाते हैं उनके लिये मैंने दिसम्बर, 2014 तक के आवेदकों को मांग पत्र राशि जमा कराने का अवसर दिया था। अब मैं यह घोषणा करता हूॅ कि दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राशि जमा न कर सके किसानों को मांग राशि जमा कराने पर एक अवसर और प्रदान किया जायेगा।

लोड एक्सटेंशन की शिकायत के संबंध में
6. पिछले कुछ माह में किसानों द्वारा डिस्कॉम के स्तर पर बिना जांच या बिना आवेदन लोड बढ़ाये जाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ऐसे समस्त प्रकरणों में शिकायत दूर करने के लिए बढ़ाये गये लोड को समाप्त किये जाने की घोषणा की जाती है।

7. किसानों के पम्प के लोड चैकिंग में 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 5 एच.पी. तक के लोड में रियायत दी जाएगी।

इस निर्णय से लगभग 5 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।

विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण के संबंध में
8. विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा आगामी माह में पूरे प्रदेश में पंचायत/उपखण्ड स्तर पर विद्युत संबंधी शिकायतों के निराकरण एवं उपभोक्तओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान किये जाने के लिए शिविर का आयोजन किया जायेगा।

बूंद-बूंद कृषि कनेक्शनों की बढ़ी दरों का तीन वर्ष में सामान्य श्रेणी में परिवर्तित
9. बूंद-बूंद/फौव्वारा/डिग्गी सिंचाई पद्धति आधारित कृषि कनेक्षनों के लिए मैं यह घोषणा करता हूं कि ऐसे कनेक्शनों की 3 वर्ष पश्चात् ही विद्युत दरें सामान्य श्रेणी में परिवर्तित कर दी जायेंगी। इस निर्णय से लगभग 45000 कृषक लाभान्वित होंगे।

बिजली की बढ़ी दरों के संबंध में
10. कांग्रेस शासनकाल में लिये गये निर्णय के अनुसार नियामक आयोग में दर निर्धारण के लिये प्रतिवर्ष याचिका लगाना अनिवार्य है। पिछले 2 वर्षों में भी याचिकाएं लगाई गई एवं नियामक आयोग द्वारा किसानों के लिये बढी हुई दरों का समस्त भार सरकार ने लिया था एवं किसानों के द्वारा पूर्व की दरों पर ही भुगतान किया जाता था। सितम्बर, 2016 में नियामक आयोग ने किसानों की दरों में लगभग 25 पैसे प्रति यूनिट की बढोत्तरी की।

11. कृषि कनेक्शन के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के मीटर एवं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए बढ़ी हुई दरें वापस ली जाती हैं अर्थात् मीटर श्रेणी के काश्तकारों द्वारा 1.15 रूपये के स्थान पर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर देय होगी एवं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए 120 रूपये प्रति एच.पी. के स्थान पर 85 रूपये प्रति एच.पी. देय होगा।

12. काश्तकारों द्वारा पूर्व में बढ़ी हुई दरों पर जमा कराई गई राशि को आगामी बिलों में समायोजित किया जायेगा।

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