भरत जी का जीवन पूजनीय, अनुकरणीय और भ्रातृत्व धर्मपथ की सर्वोच्चता

भगवान श्री राम जी की तरह भरत जी का जीवन भी पूजनीय एवं अनुकरणीय 🚩संसार के इतिहास में सबसे प्राचीन इतिहासिक ग्रन्थ महर्षि वाल्मीकि रामायण है। इस ग्रन्थ में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम सहित भरत जी के पावन जीवन का भी चरित्र चित्रण है। राम के अनुज भरत जी ने भी भ्रातृत्व वा भ्रातृ-प्रेम की ऐसी मर्यादायें स्थापित की हैं कि उसके बाद संसार के इतिहास में अन्य कोई उसका पालन नहीं कर सका। 🚩यद्यपि महाभारत में युधिष्ठिर जी के चारों भाईयों व माता द्रोपदी ने अपने बड़े भाई के लिए अनेक कष्ट सहन किये हैं, जो कि आदर्श हैं, परन्तु भरत का आदर्श देश काल व परिस्थितियों के भिन्न होने के कारण कुछ अलग व महत्तम है। श्री राम व भरत जी से सम्बन्धित घटनायें वैदिक काल में घटी थी। यह घटनायें सहस्रों व लाखों वर्ष पुरानी हैं। 🚩आज वैदिक धर्म व संस्कृति अपने मूल व यथार्थ स्वरूप में देश व संसार में विद्यमान नहीं है। आज वेद कथित मानव मूल्यों का कितना पतन हुआ है, यह हम सभी जानते हैं। वर्तमान समय में बड़े शिक्षित लोग बड़ी सफाई के साथ झूठ बोलते हैं और प्रमाणों के अभाव में सत्य को जानते हुए भी उन्हें ...