संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विजयादसमी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS का स्थापना दिवस

चित्र
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस कार्यकारी सारांश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS / आरएसएस) की स्थापना परमपूज्य  डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार  ने विजयादशमी के पावन दिन  1925 में की थी । आज देश भर में संघ की 50 हजार से अधिक दैनिक शाखाएं हैं। समाज के हर क्षेत्र में संघ की प्रेरणा से विभिन्न संगठन चल रहे हैं जो राष्ट्र निर्माण तथा हिंदू समाज को संगठित करने में अपना योगदान दे रहे हैं। संघ के विरोधियों ने तीन बार इस पर प्रतिबंध लगाया—1948,1975 व 1992 में। लेकिन तीनों बार संघ पहले से भी अधिक मजबूत होकर उभरा। संघ एक सामाजिक—सांस्कृतिक संगठन है।   दृष्टि और दर्शन प्राचीन काल से चलते आए अपने राष्ट्रजीवन पर यदि हम एक सरसरी नजर डालें तो हमें यह बोध होगा कि अपने समाज के धर्मप्रधान जीवन के कुछ संस्कार अनेक प्रकार की आपत्तियों के उपरांत भी अभी तक दिखाई देते हैं। यहाँ धर्म-परिपालन करनेवाले, प्रत्यक्ष अपने जीवन में उसका आचरण करनेवाले तपस्वी, त्यागी एवं ज्ञानी व्यक्ति एक अखंड परंपरा के रूप में उत्पन्न होते आए हैं। उन्हीं के कारण अपने राष्ट्र की वास्तविक रक्षा हुई है...

स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका

चित्र
स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1898 में हुआ। महात्मा गांधी के नेतृत्व में तीन सत्याग्रह हुए : 1921, 1930 और 1942। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने अपने निधन (1940) से पहले 1921 और 1930 के सत्याग्रहों में भाग लिया था और उन्हें कारावास भी सहना पड़ा। डॉ. मनमोहन वैद्य लिखते है, “एक योजनाबद्ध तरीके से आधा इतिहास बताने का एक प्रयास चल रहा है। भारत के लोगों को ऐसा मानने के लिए बाध्य किया जा रहा है कि स्वतंत्रता केवल कांग्रेस के और 1942 के सत्याग्रह के कारण मिली है। और किसी ने कुछ नहीं किया। यह बात पूर्ण सत्य नहीं है। गांधी जी ने सत्याग्रह के माध्यम से, चरखा और खादी के माध्यम से सर्व सामान्य जनता को स्वतंत्रता आन्दोलन में सहभागी होने का एक सरल एवं सहज तरीका, साधन उपलब्ध कराया। लाखों की संख्या में लोग स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ सके, यह बात सत्य है। परन्तु सारा श्रेय एक ही आन्दोलन या पार्टी को देना यह इतिहास से खिलवाड़ है, अन्य सभी के प्रयासों का अपमान है।” (पांचजन्य, 17 सितंबर, 2018)...

समर्पित जीवन : नरेन्द्र मोदी

चित्र
    समर्पित जीवन : नरेन्द्र मोदी   साभार - https://www.narendramodi.in अधिकांश किशोर 17 वर्ष की आयु में अपने भविष्य के बारे में और बचपन के इस आखिरी पड़ाव का आनंद लेने के बारे में सोचते हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी के लिए यह अवस्था पूर्णत: अलग थी। 17 वर्ष की आयु में उन्होंने एक असाधारण निर्णय लिया, जिसने उनका जीवन बदल दिया। उन्होंने घर छोड़ने और देश भर में भ्रमण करने का निर्णय कर लिया। उनका परिवार नरेन्द्र के इस निर्णय पर चकित था, लेकिन उन्होंने नरेन्द्र के छोटे शहर का सीमित जीवन छोड़ने की इच्छा को अंतत: स्वीकार कर लिया। जब घर त्यागने का वह दिन आ गया, उस दिन उनकी माँ ने उनके लिए विशेष अवसरों पर बनाया जाने वाला मिष्ठान बनाया और उनके मस्तक पर परम्परागत तिलक किया। जिन स्थानों की उन्होंने यात्राएँ की उसमें हिमालय (जहाँ वे गुरूदाचट्टी में ठहरे), पश्चिम बंगाल में रामकृष्ण आश्रम और यहाँ तक कि पूर्वोत्तर भी शामिल है। इन यात्राओं ने इस नौजवान के ऊपर अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने भारत के विशाल भू-भाग में यात्राएँ कीं और देश के विभिन्न भागों की विभिन्न संस्कृतियों को अनुभव किया। यह उनके लिए आध्य...

जनसंख्या नीति बननी चाहिए : संघ

चित्र
  देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए: दत्तात्रेय होसबाले -आरएसएस के सरकार्यवाह बोले, साल भर में बढ़ीं 6600 संघ की शाखाएं   प्रयागराज, 19 अक्टूबर ।    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बुधवार को यहां कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोगों में भी स्वाभिमान जागरण के कारण ''मैं भी हिन्दू हूँ '' का बोध विकसित हुआ है।   संघ के सरकार्यवाह आज प्रयागराज के गौहनिया स्थित जयपुरिया स्कूल के वात्सल्य परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान जागरण के कारण ही पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोग अब संघ से भी जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि मेघालय और त्रिपुरा राज्य के जनजाति समुदाय के लोग संघ के सरसंघचालक जी को भी इस बोध के साथ आमंत्रित करने लगे हैं। प्रयागराज में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन दत्तात्रेय होसबाले ने  पत्रकारों को बताया कि संघ अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में बहुत से आयामों में कार्य...