समर्पित जीवन : नरेन्द्र मोदी

 

 The Activist

समर्पित जीवन : नरेन्द्र मोदी

 साभार - https://www.narendramodi.in

अधिकांश किशोर 17 वर्ष की आयु में अपने भविष्य के बारे में और बचपन के इस आखिरी पड़ाव का आनंद लेने के बारे में सोचते हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी के लिए यह अवस्था पूर्णत: अलग थी। 17 वर्ष की आयु में उन्होंने एक असाधारण निर्णय लिया, जिसने उनका जीवन बदल दिया। उन्होंने घर छोड़ने और देश भर में भ्रमण करने का निर्णय कर लिया। उनका परिवार नरेन्द्र के इस निर्णय पर चकित था, लेकिन उन्होंने नरेन्द्र के छोटे शहर का सीमित जीवन छोड़ने की इच्छा को अंतत: स्वीकार कर लिया। जब घर त्यागने का वह दिन आ गया, उस दिन उनकी माँ ने उनके लिए विशेष अवसरों पर बनाया जाने वाला मिष्ठान बनाया और उनके मस्तक पर परम्परागत तिलक किया। जिन स्थानों की उन्होंने यात्राएँ की उसमें हिमालय (जहाँ वे गुरूदाचट्टी में ठहरे), पश्चिम बंगाल में रामकृष्ण आश्रम और यहाँ तक कि पूर्वोत्तर भी शामिल है। इन यात्राओं ने इस नौजवान के ऊपर अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने भारत के विशाल भू-भाग में यात्राएँ कीं और देश के विभिन्न भागों की विभिन्न संस्कृतियों को अनुभव किया। यह उनके लिए आध्यात्मिक जागृति का भी एक समय था, जिसने नरेन्द्र मोदी को उस व्यक्ति से अधिक गहराई से जुड़ने का अवसर दिया, जिसके वे सदैव से प्रशंसक रहे हैं – स्वामी विवेकानंद।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव
नरेन्द्र मोदी दो वर्ष के बाद वापस लौट आये लेकिन घर पर केवल दो सप्ताह ही रुके। इस बार उनका लक्ष्य निर्धारित था और उद्देश्य स्पष्ट था – वह अहमदाबाद जा रहे थे। वोराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ कार्य करने का मन बना चुके थे। 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन है, जो भारत के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए कार्य करता है। आर.एस.एस. से उनका पहला परिचय आठ वर्ष की बेहद कम आयु में हुआ, जब वह अपनी चाय की दुकान पर दिन भर काम करने के बाद आर.एस.एस. के युवाओं की स्थानीय बैठक में भाग लिया करते थे। इन बैठकों में भाग लेने का प्रयोजन राजनीति से परे था। वे यहाँ अपने जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव डालने वाले लक्ष्मणराव इनामदार, जिनको ‘वकील साहेब’ के नाम से भी जाना जाता था, से मिले थे।

अहमदाबाद और उसके आगे की राह
अपनी इस पृष्ठभूमि के साथ, लगभग 20 वर्षीय नरेन्द्र गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद पहुँच गए। वह आरएसएस के नियमित सदस्य बन गए और उनके समर्पण और संगठन कौशल ने वकील साहब और अन्य लोगों को प्रभावित किया। 1972 में वह प्रचारक बन गए और पूरा समय आरएसएस को देने लगे। वह अन्य प्रचारकों के साथ अपना आवास साझा करते थे और एक कठोर दैनिक दिनचर्या का पालन करते थे। दिन की शुरुआत प्रातः काल 5 बजे होती थी जो देर रात तक चलती थी। इस तरह के एक व्यस्त दिनचर्या के बीच नरेन्द्र ने राजनीति विज्ञान में अपनी डिग्री पूर्ण की। उन्होंने शिक्षा और अध्ययन को सदैव महत्वपूर्ण माना।

 एक प्रचारक के तौर पर उन्हें गुजरात भर में घूमना पड़ता था। वर्ष 1972 और 1973 के मध्य वे नादियाड के संतराम मंदिर में रुके, जो कि खेड़ा जिले का भाग है। 1973 में नरेन्द्र मोदी को सिद्धपुर में एक विशाल सम्मलेन आयोजित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया, जहाँ वह संघ के शीर्ष नेताओं से मिले। नरेन्द्र मोदी जब एक कार्यकर्ता के तौर पर अपने आप को स्थापित कर रहे थे उस समय गुजरात सहित देश भर में बेहद अस्थिर माहौल था। जब वह अहमदाबाद पहुंचे, शहर साम्प्रदायिक दंगों की भयानक विभीषिका से जूझ रहा था। देश के अन्य भागों में भी, कांग्रेस पार्टी को 1967 के लोकसभा चुनावों में शिकस्त मिली थी। कांग्रेस पार्टी उस समय श्रीमती इंदिरा गांधी और अन्य असंतुष्ट गुट में बंट गई थी, इस गुट के नेताओं में गुजरात के मोरारजी देसाई भी थे। ‘गरीबी हटाओ’ के प्रचार की लहर पर सवार श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनावों में लोकसभा की 518 में से 352 सीटें जीतकर बड़ी वापसी की थी।

 गुजरात राज्य के चुनावों में भी श्रीमती इंदिरा गांधी ने केंद्र की सफलता को दोहराया और 50 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ 182 में से 140 सीटें प्राप्त कीं। हालाँकि कांग्रेस और श्रीमती गांधी का यह उल्लासोन्माद जिस तेजी के साथ निर्मित हुआ था, उतनी ही तेजी से फीका पड़ा। त्वरित सुधार और प्रगति का सपना गुजरात में कारगर साबित नहीं हुआ और यहाँ के आम आदमी के बीच कांग्रेस से मोहभंग निर्मित होने लगा। इन्दुलाल याज्ञिक, जीवराज मेहता और बलवंत राय मेहता जैसे राजनीतिक दिग्गजों का संघर्ष और बलिदान लालच की राजनीति की भेंट चढ़ गया।

 1960 की समाप्ति और 1970 के शुरुआत में कांग्रेस सरकारों ने भ्रष्टाचार और कुशासन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। ‘गरीबी हटाओ’ का दिव्य नारा धीरे-धीरे ‘गरीब हटाओ’ में बदल गया। गरीब की हालत बदतर होती चली गई। गंभीर अकाल और भारी कीमत वृद्धि ने गुजरात को दुर्दशा की पराकाष्ठा तक पहुंचा दिया। आवश्यक वस्तुओं के लिए अंतहीन कतारें एक सामान्य सा दृश्य बन गया था। आम आदमी के लिए कोई राहत नहीं थी।

नवनिर्माण आन्दोलन : युवा शक्ति
जनता का असंतोष सार्वजानिक आक्रोश में बदल गया जब दिसम्बर 1973 में मोरबी (गुजरात) इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्रों ने उनके खाने के बिलों में बेतहाशा वृद्धि का विरोध किया। इस तरह का प्रदर्शन गुजरात के अन्य राज्यों में भी हुआ। इन प्रदर्शनों को व्यापक समर्थन मिलने लगा और सरकार के खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन खड़ा हुआ, जिसे नवनिर्माण आन्दोलन के नाम से जाना जाता है।

नरेन्द्र मोदी ने एक व्यापक जन आन्दोलन तैयार किया, जिसे समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल हुआ। इस आन्दोलन को उस समय और ताकत मिली जब एक सम्मानित सार्वजानिक हस्ती और भ्रष्टाचार के खिलाफ शंखनाद करने वाले जयप्रकाश नारायण ने इस आन्दोलन को अपना समर्थन दिया। जब जयप्रकाश नारायण अहमदाबाद आये तब नरेन्द्र मोदी को उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अन्य अनुभवी नेताओं द्वारा आयोजित कई वार्ताओं ने नौजवान नरेन्द्र पर एक मजबूत छाप छोड़ी आख़िरकार छात्र शक्ति की जीत हुई और कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ा। तथापि यह हर्ष अधिक समय तक नहीं रहा। अधिनायकवाद के काले बादलों ने 25 जून 1975 की आधी रात को देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने देश के ऊपर आपातकाल थोप दिया।

आपातकाल के काले दिन
श्रीमती गांधी को भय था कि न्यायालय द्वारा उनके चुनाव को निरस्त करने के बाद उन्हें अपना शीर्ष पद गंवाना पड़ सकता है। उन्हें लगा कि इन हालात में आपातकाल ही श्रेष्ठ विकल्प है। लोकतंत्र सलाखों के पहरे में चला गया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई और विपक्ष के मुखर स्वर श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लाल कृष्ण आडवाणी, श्री जॉर्ज फर्नांडीज़ से लेकर श्री मोरारजी देसाई को गिरफ्तार कर लिया गया।

 नरेन्द्र मोदी आपातकाल विरोधी आंदोलन के मूल में थे। वे उस तानाशाह अत्याचार का विरोध करने के लिए गठित की गई गुजरात लोक संघर्ष समिति (जीएलएसएस)के एक सदस्य थे। कालांतर में वे इस समिति के महासचिव बन गए, जिसके तौर पर उनकी प्राथमिक भूमिका राज्य भर में कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित करने की थी। कांग्रेस विरोधी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर की जा रही सख्त निगरानी के चलते यह बेहद मुश्किल काम था। आपातकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए काम के बारे में कई कहानियाँ हैं। उनमें से एक यह है कि वह एक स्कूटर पर सवार होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता को एक सुरक्षित घर में ले गए थे। इसी प्रकार, एक बार यह बात सामने आई कि गिरफ्तार किए गए नेताओं में से एक गिरफ्तारी के समय अपने साथ कई महत्वपूर्ण कागजात ले जा रहे थे। वे कागजात किसी भी कीमत पर पुनः प्राप्त किए जाने थे। यह ज़िम्मेदारी नरेन्द्र मोदी को सौंपी गई कि वे किसी भी तरह उन कागजात को पुलिस थाने में पुलिस की हिरासत में बैठे उस नेता से लेकर आएं और वह भी पुलिस बल के सामने। जब नानाजी देशमुख को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब उनके पास एक पु‍स्तक थी जिसमें उनसे सहानुभूति रखने वालों के पते लिखे हुए थे।नरेन्द्र मोदी ने उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रबंध कर दिया कि उनमें से किसी को भी आततायी सरकार के पुलिस बल गिरफ्तार नहीं कर पाए।

नरेन्द्र मोदी की अन्य जिम्मेदारियों में से एक गुजरात में आने व वहां से जाने वाले आपातकाल विरोधी कार्यकर्ताओं के लिए यात्रा की व्यवस्था बनाना भी था। कभी-कभी अपने काम के चलते उन्हें कई तरह के भेष बदल कर जाना होता था ताकि वे पहचाने न जाएं – एक दिन वे एक सिख सज्जन के रूप में होते थे, तो अगले दिन एक दाढ़ी वाले बुजुर्ग आदमी के रूप में।

 आपातकाल के दिनों में नरेन्द्र मोदी के सबसे मूल्यवान अनुभवों में से एक यह था कि उस दौरान उन्हें विभिन्न दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ काम करने का अवसर मिला। नरेन्द्र मोदी ने जून 2013 को अपने ब्लॉग पर लिखा है:

मुझ जैसे युवाओं को आपातकाल ने एक ही लक्ष्य के लिए लड़ रहे अनेक नेताओं और संगठनों के एक व्यापक एवं आश्चर्यजनक समूह के साथ काम करने का एक अदभुत अवसर दिया। इसने हमें उन संस्थाओं से परे काम करने में सक्षम बनाया, जिनसे हम प्रारंभ से जुड़े थे। हमारे परिवार के दिग्गजों जैसे अटल जी, आडवाणी जी, स्वर्गीय श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी, स्वर्गीय श्री नानाजी देशमुख से लेकर श्री जॉर्ज फर्नांडीस जैसे समाजवादियों तथा श्री रवीन्द्र वर्मा जैसे कांग्रेसियों तक जो मोरारजी भाई देसाई के साथ मिलकर काम कर रहे थे व आपात स्थिति से दुखी थे, विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े नेताओं ने हमें प्रेरित किया। मैं भाग्यशाली हूँ कि मैंने गुजरात विद्यापीठ के पूर्व उपकुलपति श्री धीरूभाई देसाई,मानवतावादी श्री सी टी दारू व गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्रियों श्री बाबूभाई जशभाई पटेल और श्री चिमनभाई पटेल तथा प्रमुख मुस्लिम नेता स्वर्गीय श्री हबीब उर रहमान जैसे लोगों से बहुत कुछ सीखा है। इस बारे में कांग्रेस की निरंकुशता का विरोध करने वाले और यहां तक कि पार्टी छोड़ने वाले स्वर्गीय श्री मोरारजी भाई देसाई का संघर्ष और दृढ़ संकल्प मन में आता है।

ऐसा लग रहा था जैसे विभिन्न विचारों और विचारधाराओं का एक जीवंत संगम एक बड़े और नेक उद्देश्य के लिए आकार ले चुका था। हम सब अपने सांझा उद्देश्य यानि देश के लोकतांत्रिक लोकाचार को बनाए रखने के लिए जाति, धर्म, समुदाय या धर्म के मतभेदों से ऊपर उठ कर एक साथ काम कर रहे थे। हमने दिसंबर 1975 मेंगांधीनगर में सभी विपक्षी सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए तैयारी की। इस बैठक में स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तम मावलंकर, श्री उमाशंकर जोशी और श्री कृष्णकांत जैसे निर्दलीय सांसदों ने भी भाग लिया। राजनीति के दायरे के बाहर नरेन्द्र मोदी को सामाजिक संगठनों और कई गांधीवादियों के साथ काम करने का अवसर मिला है। वे जार्ज फर्नांडीस (जिन्हें वह ‘जॉर्ज साहब’ के नाम से पुकारते हैं) और नानाजी देशमुख दोनों के साथ हुई बैठक को अक्‍सर याद करते हैं। उन स्याह दिनों के दौरान वह अपने अनुभवों के बारे में लिखते रहते थे, जिसे बाद में ‘आपातकाल में गुजरात’ नाम की एक पुस्तक के रूप में छापा भी गया।

आपातकाल से परे नवनिर्माण आंदोलन की ही तरह, आपातकाल की समाप्ति लोगों की जीत के रूप में हुई। 1977 के संसदीय चुनावों में श्रीमती इंदिरा गांधी बुरी तरह पराजित हुईं। जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया और नई जनता पार्टी की सरकार में अटल जी और आडवाणी जी जैसे जनसंघ नेताओं को महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्री बनाया गया। लगभग उसी समय, नरेन्द्र मोदी को पूर्ववर्ती वर्षों के दौरान उनकी सक्रियता और अच्छे संगठनात्मक काम की सराहना के तौर पर ‘संभाग प्रचारक’ (एक क्षेत्रीय आयोजक के बराबर का पद) बनाया गया था। उन्हें दक्षिण और मध्य गुजरात का प्रभार दिया गया था। उसी समय उन्हें दिल्ली बुलाया गया था और आपातकालीन अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुभवों को आधिकारिक तौर पर प्रस्तुत करने का दायित्व दिया गया। इस जिम्मेदारी का अर्थ काम का अधिक बोझ तथा क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों कर्तव्यों के मध्य संतुलन स्थापित करना था, जिसे नरेन्द्र मोदी ने आसानी और दक्षता के साथ निभाया।


गुजरात में उनकी यात्राएं जारी रहीं तथा 1980 के दशक के प्रारंभ में काफी बढ़ गईं। इस दौरान उन्हें राज्य के हर तालुके तथा लगभग हर गांव का दौरा करने का अवसर मिला। यह अनुभव एक आयोजक तथा एक मुख्यमंत्री, दोनों के रूप में उनके लिए बहुत काम आया। इस दौरान वे लोगों की समस्याओं से सीधे रूबरू हुए तथा उन्हें हल करने के लिए कठिन काम करने के उनके संकल्प में वृद्धि हुई। सूखा, बाढ़ या दंगों के दौरान वे अनेक बार राहत कार्यों का नेतृत्व भी करते थे।

नरेन्द्र मोदी खुशी से अपने काम में डूबे थे लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और नवगठित भाजपा में उनके वरिष्ठ उन्हें और अधिक ज़िम्मेदारी सौंपना चाहते थे, और इस प्रकार 1987 में एक और अध्याय नरेन्द्र मोदी के जीवन में शुरू हुआ। उसके बाद से वे जितना समय सड़कों पर काम करते थे उतना ही समय वे पार्टी की रणनीतियां तैयार करने में व्यतीत करते थे। उन्हें पार्टी के नेताओं के साथ काम करना होता था व कार्यकर्ताओं के साथ बैठना होता था। राष्ट्र की सेवा के लिए अपना घर छोड़ देने वाला वह वड़नगर का बालक एक और लंबी छलांग लगाने ही वाला था, हालांकि उसके अपने लिए यह अपने देशवासियों और महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए चल रही अपनी यात्रा की निरंतरता में महज एक छोटा सा मोड़ था। कैलाश मानसरोवर की एक यात्रा के बाद नरेन्द्र मोदी ने गुजरात भाजपा में महासचिव के रूप में काम करना प्रारंभ कर दिया।

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मोदी सरकार के 7 साल ने कैसे भारत को बदल दिया : अखिलेश मिश्रा
May 31, 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूसरी सरकार को अभी दो साल पूरे हुए हैं। कुल मिलाकर नरेन्द्र मोदी सात साल से प्रधानमंत्री कार्यालय में हैं। सरकार के एक प्रमुख के रूप में उनकी उपलब्धियों और कमियों का आकलन करने के लिए यह काफी लंबा समय है। तो हमें पीएम मोदी के अब तक के कार्यकाल का आकलन कैसे करना चाहिए?

बेशक आकलन करने का एक तरीका उपलब्धियों की सूची है, जिनमें से अधिकांश मात्रात्मक हैं। उदाहरण के तौर पर, फ्लैगशिप योजनाओं के माध्यम से पहुंचने वाला लाभ काफी असाधारण है। जन-धन योजना के माध्यम से 42 करोड़ लोगों का खाता खोलकर उन्हें बैंकों से जोड़ना, भारत में हर घर में वित्तीय समावेशन ले जाना है। मुद्रा योजना के जरिए 29 करोड़ ऋण मंजूर कर 15 लाख करोड़ रुपये वितरित करना, एक उद्यमशीलता क्रांति का बीजारोपण है और इसी प्रकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटलीकरण (2020 में 25 बिलियन रीयल-टाइम ट्रांजेक्शन) भारत को दुनिया में सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम बनाना शामिल है।

हालांकि, इन उल्लेखनीय संख्याओं से परे मोदी की सफलता या असफलता का आकलन करने का एक और तरीका है - हमारे राष्ट्रीय चरित्र में बदलाव। इनमें से कुछ परिवर्तन क्या हैं?

सबसे पहले,
पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की इकोनॉमिक पॉलिसी मेकिंग को मौलिक रूप से बदल दिया है। पीएम मोदी से पहले, विशेष रूप से सिर्फ मैक्रो इकोनॉमिक्स पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता था और माइक्रो इकोनॉमिक्स को राज्यों तक ही समीति रखा जाता था। यही कारण है कि आजादी के 66 साल से अधिक समय के बाद भी (2014 में मोदी के सत्ता में आने से पहले) देश, अभी भी अपने सभी गांवों को इलेक्ट्रिफिकेशन करने या हर गांव में उचित स्वच्छता कवरेज सुनिश्चित करने या सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा को सस्ती बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था।

मोदी ने इस असंतुलन को ठीक किया है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना कि हर घर को नल के पानी का कनेक्शन मिले, अब सरकार की प्राथमिकता में उसी प्रकार है जिस प्रकार निजीकरण के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करने या नए कृषि कानूनों के साथ कृषि क्षेत्र के लिए एक नया प्रतिमान (पैरडाइम) बनाना। मोदी इन क्षेत्रों में शानदार प्रगति करने में सफल रहे हैं।

दूसरा,
मोदी ने हमेशा के लिए केंद्र सरकार से 'सेकेंड बेस्ट' डिलीवरी की उम्मीद करने की मानसिकता को हमेशा के लिए बदल दिया है। इस देश के लोग अब लैगर्ड या फॉलोअर्स होने से संतुष्ट नहीं होंगे। अगर दुनिया एक साल से भी कम समय में कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी टीका विकसित करती है, तो अब हम उम्मीद करते हैं कि भारत न केवल घरेलू टीकों के साथ उस दौड़ में अग्रणी होगा, बल्कि उसी गति से वैक्सीनेशन भी करेगा जो दुनिया में सबसे तेज है।

तीसरा,
मोदी ने पिछले 70 वर्षों के हमारे कैरेक्टर को बदल दिया है, जो एक शक्तिशाली विरोधी का सामना करने से पीछे हट जाता था। चीन, जो वन बेल्ट- वन रोड पहल से दक्षिण चीन सागर तक अपना रास्ता बनाता है, उसे डोकलाम और पैंगोंग झील से पीछे हटते देखा गया। जलवायु परिवर्तन वार्ताओं से मुक्त व्यापार समझौतों तक, बड़े बहुराष्ट्रीय निगम और ग्लोबल थिंक टैंक भारत से सहमत होने का ढोंग करते थे, लेकिन अब सभी ने महसूस किया कि 2021 का यह भारत वह भारत नहीं है जिसे वे 2014 से पहले जानते थे।

चौथा,
सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक हमारी विदेश नीति में रहा है। यह अब मोरल साइंस के व्याख्यानों से नहीं, बल्कि अब विशुद्ध रूप से हार्ड कोर राष्ट्रीय हित से संचालित होता है। व्यावहारिक राजनीति, अब नुमाइशी से हटकर शस्त्रागार का हिस्सा है।

पांचवां,
निजी उद्यम के लिए सम्मान और वैध लाभ-प्राप्ति अब वर्जित नहीं है। पीएम मोदी ने संसद में उद्यमियों को राष्ट्र निर्माता बताकर उनका बचाव किया, इसे पॉलिसी में पहले से ही समाहित किया जा रहा है और समय के साथ उनका यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान बन सकता है।

छठा,
महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें सामाजिक बंधनों से मुक्त करने के लिए किया गया कार्य, समय के साथ, मोदी का सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक योगदान बन सकता है। भारत के सबसे महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्रालयों के प्रशासन से लेकर आर्म्ड फोर्सेस में स्थायी कमीशन तक और करोड़ों छोटे और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना से लेकर कॉरपोरेट बोर्डरूम तक और रिग्रेसिव तत्काल ट्रिपल तलाक से स्वतंत्रता से लेकर पैतृक संपत्ति में वैध अधिकारों तक अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

सातवां,
पीएम मोदी ने हमारी गौरवशाली सभ्यता की विरासत को हमारे मॉडर्न इम्पल्स के साथ जोड़ने में कामयाबी हासिल की है और यह लंबे समय तक चलने वाला उनका योगदान होगा। यह राष्ट्र अब राम मंदिर के निर्माण का उत्सव उतने ही हर्षोल्लास के साथ मनाता है, जितना वह ASAT मिशन की सफलता में आनंदित होता है या गगनयान के प्रक्षेपण की प्रतीक्षा करता है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दशकों में एकमात्र ऐसी सरकार है जो पूर्ण बहुमत के साथ फिर से चुनी गई है। जैसा कि देश दूसरी कोविड-19 लहर से जूझ रहा है, मोदी सरकार के लिए अपनी सातवीं वर्षगांठ मनाने का उचित तरीका यह होगा कि वह इस देश के लोगों की सेवा के लिए खुद को फिर से समर्पित कर दे। यह न केवल वर्तमान राष्ट्रीय अनिवार्यता के अनुरूप होगा, बल्कि इस सरकार को वोट करने वाले लोगों के लिए एक उचित उपहार होगा। आखिरकार, क्या सरकारों की भूमिका को स्थायी रूप से 'सत्ता से सेवा' में बदलना पीएम मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि नहीं होगी?

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नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
जन्म: 17 सितम्बर 1950)
साभार - https://www.deepawali.co.in
नरेंद्र मोदी जी का शुरूआती जीवन जन्म (Early life)

नरेंद्र मोदी जी का जन्म गुजरात राज्य के मेहसाना जिले के एक छोटे टाउन वडनगर में हुआ. जब इनका जन्म हुआ था तब यह बॉम्बे में था किन्तु अब वर्तमान में यह गुजरात में स्थित है. नरेंद्र मोदी जी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इनके पिता एक सड़क व्यापारी थे, जिन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काफी संघर्ष किया था. मोदी जी की माता एक गृहणी महिला है. मोदी जी ने बचपन में अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपने भाइयों के साथ रेलवे स्टेशन में और फिर बस टर्मिनल में चाय भी बेची. मोदी जी ने अपने बचपन के दिनों में हीकई कठिनाइयों और बाधाओं का सामना किया था, लेकिन अपने चरित्र और साहस की ताकत से उन्होंने सभी चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया. इस तरह से इनका शुरूआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा था.

26 मई 2014 से अब तक लगातार दूसरी बार वे भारत के प्रधानमन्त्री बने हैं तथा वाराणसी से लोकसभा सांसद भी चुने गये हैं। वे भारत के प्रधानमन्त्री पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं।

नरेंद्र मोदी जी की रोचक जानकारी (Narendra Modi Interesting Facts)
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- बचपन में मोदी जी भारतीय आर्मी में शामिल होना चाहते थे, और उन्होंने सैनिक स्कूल में शामिल होने के लिए कोशिश भी की. लेकिन वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से वे सैनिक स्कूल में दाखिला नहीं ले सके.
- 17 साल की उम्र में मोदी जी ने अपना घर छोड़ दिया था और वे भारत के अलग – अलग हिस्सों में यात्रा करने के लिए गए.
- प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपना अधिकारिक निवास अपने किसी भी परिवार के सदस्य के साथ साझा नहीं किया.
- उन्होंने यूनाइटेड स्टेट में इमेज मैनेजमेंट एवं पब्लिक रिलेशन पर 3 महीने का कोर्स किया था.
- मोदी जी स्वामी विवेकानंद जी को बहुत मानते थे, वे उनके महान अनुयायी थे.
- बराक ओबामा के बाद नरेंद्र मोदी जी ट्विटर पर दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा फॉलोवर वाले नेता है, इनके लगभग 12 मिलियन से भी अधिक फॉलोवर हैं. मोदी जी एवं बराक ओबामा दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी हैं.
- नरेंद्र मोदी जी सन 2010 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे, तब गुजरात दुनिया का दूसरा सबसे अच्छे राज्य के रूप में उभरा था.
- मोदी जी ने अपने 13 साल के गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली थी.
- नरेंद्र मोदी जी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक एवं इन्स्टाग्राम में सक्रीय रहते हैं, इसके चलते इन्हें भारत का सबसे टेक्नो – प्रेमी नेता माना जाता है.
- मोदी जी हमेशा हिंदी भाषा में हस्ताक्षर करते हैं, फिर चाहे वह कोई आकस्मिक अवसर हो या अधिकारिक दस्तावेज हो.
- सन 2016 में लंदन के मेडम टूसौद वैक्स म्यूजियम में मोदी जी का एक वैक्स स्टेचू बनाया गया है.
- नरेंद्र मोदी जी असल में बहुत धार्मिक है, और वे हर साल नवरात्र के दौरान पूरे 9 दिन उपवास करते हैं, भले ही वह यात्रा ही क्यों न कर रहे हों.
- मोदी जी दिन में केवल 5 घंटे या उससे कम ही सोते हैं.
- मोदी जी को उनकी ड्रेसिंग में बहुत स्टाइलिश होने के लिए जाना जाता है. उन्हें पारंपरिक भारतीय पोशाक काफी पसंद है.

नरेंद्र मोदी जी के सुविचार (Narendra Modi Quotes)

- एक बार जब हम यह तय कर लेते हैं कि हमें कुछ करना है, तो हम मीलों आगे जा सकते हैं.
- हम में से सभी के पास अच्छे और बुरे दोनों गुण हैं, जो लोग अच्छे गुणों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं वे लोग सफल होते हैं.
- बन्दूक के साथ आप पृथ्वी को लाल बना सकते हैं, लेकिन यदि आपके पास हल हैं तो आप पृथ्वी को हरा बना सकते हैं.
हर किसी में सपने देखने की शक्ति होती है. लेकिन सपनों को संकल्पों में बदलना चाहिए. कभी किसी विचार को मरने नहीं देना चाहिए.
- भारत एक युवा देश है, इतने बड़े प्रतिशत वाले देश में न केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व के भाग्य को बदलने की क्षमता है.
- मंगल मिशन की सफलता के बाद कोई भी भारत के युवाओं पर सवाल नहीं उठा सकता है. सब कुछ स्वदेशी है.
- नरेंद्र मोदी जी हमारे देश की ऐसी हस्ती है जिन्हें लोग कभी नहीं भूल सकते हैं. साल 2019 के आम चुनाव में मोदी जी दोबारा प्रधानमंत्री  हैं.

FAQ

Q : नरेंद्र मोदी का पूरा नाम क्या है?
Ans : नरेंद्र दामोदरदास मोदी

Q :नरेंद्र मोदी का जन्म कब आता है?
Ans : 17 सितंबर 1950

Q : नरेंद्र मोदी का जन्म स्थान क्या है?
Ans : वडनगर मुंबई स्टेट वर्तमान में गुजरात

Q : नरेंद्र मोदी की जाति क्या है?
Ans : मोद घाची, ओबीसी

Q : नरेंद्र मोदी की माता एवं पिता का नाम क्या है
Ans : माता हीराबेन, पिता स्वर्गीय श्री दामोदरदास मूलचंद मोदी

Q : नरेंद्र मोदी के भाई बहन का नाम क्या है
Ans :
सोम मोदी
अमृत मोदी
प्रहलाद मोदी
पंकज मोदी
वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी

Q : नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम क्या है
Ans : जशोदाबेन

Q : नरेंद्र मोदी का विवाह कब हुआ था
Ans : 1968

Q : नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री कब बने
Ans : 2001

Q : नरेंद्र मोदी जी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किस दिन शपथ ग्रहण की थी ?
Ans : 7 अक्टूबर 2001

Q : नरेंद्र मोदी पहली बार कब प्रधानमंत्री बने ?
Ans : 2014

Q : नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए किस दिन शपथ ग्रहण की ?
Ans : 26 मई 2014

Q : नरेंद्र मोदी के पहले चुनाव में बीजेपी ने कितनी सीट हासिल की थी
Ans : 282

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नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई महत्वपूर्ण योजनायें (Narendra Modi Famous Schemes)

सन 2014 से लेकर अब तक के कार्यकाल में मोदी जी ने कई महत्वपूर्ण योजनायें एवं पहलों की शुरुआत की. जिनमें से कुछ के बारे में जानकारी इस प्रकार है –
 
- स्वच्छ भारत अभियान :- यह अभियान भारत का बड़े स्तर पर शुरू किया गया अभियान है, जिसके अंतर्गत देश में ----- स्वच्छता और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों शौचालय का निर्माण किया गया.
- प्रधानमंत्री जन धन योजना :- यह योजना देश के किसानों के बैंकों में खाते खुलवाने के लिए शुरू की गई थी. जिसके तहत किसानों के मुफ्त में खाते खोले गए एवं किसानों को दी जाने वाली सहायता उनके बैंक खाते में जमा की गई.
- प्रधानमंत्री उज्जवाला योजना :- इस योजना के तहत गरीब परिवार की महिलाओं को सम्मान देते हुए उन्हें एलपीजी गैस सिलिंडर प्रदान किये गये.
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना :- इस योजना के तहत फसलों की अच्छी तरह से सिंचाई हो सकें एवं कृषि कार्य को बेहतर दिशा मिल सके. इसलिए इस योजना की शुरुआत की गई.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना :- इस योजना में फसल के लिए किसानों को बीमा प्रदान किया गया. ताकि यदि उनकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण ख़राब हो जाती है तो उन्हें बीमा का पैसा मिल सके.
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना :- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं के कौशल के विकास के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की सुविधा दी गई.
- मेक इन इंडिया :- प्रधानमंत्री मोदी जी ने सत्ता में आने के बाद कुछ बहुत ही अहम अभियान चलाये, उन्हीं में से एक ‘मेक इन इंडिया’ अभियान था. जिसके तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहित कर उनके विकास के लिए कार्य किये गये.
- गरीब कल्याण योजना :- इस योजना के तहत गरीबों के कल्याण एवं उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कार्य किया गया.
- सुकन्या समृद्धि योजना :- इस योजना को शुरू करने का प्रधानमंत्री जी का उद्देश्य छोटी बच्चियों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना था.
- प्रधानमंत्री आवास योजना :- इस योजना के अंतर्गत गरीबों को किस्तों के आधार पर खुद का घर बनने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई.
- डिजिटल इंडिया प्रोग्राम :- प्रधानमंत्री जी ने इस प्रोग्राम को शुरू कर देश में अर्थव्यवस्था को डिजिटल करने के लिए प्रेरित किया. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भी डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए अपील की.

इस तरह से नरेंद्र मोदी जी ने अपने अब के कार्यकाल में और भी कई अन्य महत्वपूर्ण योजनायें एवं अभियान जैसे
- नमामि गंगे,
-बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना,
-सर्व शिक्षा अभियान,
-स्टैंड अप इंडिया आदि चलायें, जोकि पूरी तरह से देश के विकास के लिए थे.

नरेंद्र मोदी जी के मुख्य कार्य

गुजरात के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री दोनों के रूप में मोदी जी ने कई सारे महत्वपूर्ण फैसले लिए, एवं इनके कार्यकाल में लिए गये कुछ फैसलों की जानकारी इस प्रकार है–

-भूमिजल संरक्षण प्रोजेक्ट :- गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके शासन के दौरान सरकार ने भूमिजल संरक्षण प्रोजेक्ट के निर्माण का समर्थन किया. इससे बीटी कॉटन की खेती में मदद मिली, जिससे नल कूपों से सिंचाई की जा सकती थी. इस तरह से गुजरात बीटी कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया.
-नोटबंदी :- प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान मोदी जी ने नोटबंदी जैसा बहुत ही अहम फैसला लिया. जिसके तहत मोदी जी ने 500 एवं 1000 के पुराने नोट बंद कर दिये एवं इसके स्थान पर 2000 एवं 500 के नये नोट जारी किये. यह मोदी जी द्वारा लिया गया एक ऐतिहासिक फैसला था.
-जीएसटी :- नरेंद्र मोदी जी ने नोटबंदी करने के बाद देश में जितने भी टैक्स लगाये जाते थे, उन्हें एक साथ सम्मिलित कर दिया और एक टैक्स जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू किया.
-सर्जिकल स्ट्राइक :- प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2016 में उरी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना के साथ मिलकर सर्जिकल स्ट्राइक करने के फैसला लिया.
-एयर स्ट्राइक – इसके बाद उन्होंने साल 2019 में फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद देश के सभी सुरक्षा बलों को पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रकार का एक्शन लेने के लिए खुली छूट दे दी, जोकि बहुत ही बड़ा ऐलान था. इसके बाद फरवरी में ही वायुसेना द्वारा एयर स्ट्राइक की गई थी.

   ऊपर दिए हुए मुख्य कार्यों के अलावा प्रधानमंत्री जी खाते में आने वाले कुछ अन्य कार्य जैसे
- ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की शुरुआत,
-  गुजरात में ‘स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी’ का निर्माण,
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण आदि भी है.

    इसके अलावा विदेशी निवेशों के साथ मिलकर भारत में
- बुलेट ट्रेन लाने जैसे कार्यों में भी मोदी जी ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. इन सभी के साथ ही मोदी जी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और दुनिया के अन्य देशों के साथ संबंधों को सुधारने के लिए बहुत बड़ा संकल्प भी दिखाया है.

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नरेंद्र मोदी जी की उपलब्धियां (Narendra Modi’s Awards and Achievments)

नरेंद्र मोदी जी ने अपने अभी तक के जीवन में निम्न उपलब्धियां हासिल की हैं –

- सन 2007 में इंडिया टुडे मैगज़ीन द्वारा किये गये एक सर्वे में मोदी जी को देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया गया था.
- सन 2009 में एफडी मैगज़ीन में उन्हें एफडीआई पर्सनालिटी ऑफ़ द ईयर पुरस्कार के एशियाई विजेता के रूप में सम्मानित किया गया.
- इसके बाद मार्च सन 2012 में जारी टाइम्स एशियाई एडिशन के कवर पेज पर मोदी जी की फोटो छापी गई थी.
- सन 2014 में मोदी जी का नाम फोर्ब्स मैगज़ीन में दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में 15 वें स्थान पर रहा. - इसी साल टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा दुनिया के 100 सबसे शक्तिशाली लोगों में भी मोदी जी का नाम सूचीबद्ध किया गया था.
- सन 2015 में ब्लूमबर्ग मार्केट मैगज़ीन में मोदी जी का नाम दुनिया के 13 वें सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में था. और -- साथ ही इन्हें इसी साल टाइम मैगज़ीन द्वारा जारी इन्टरनेट सूची में ट्विटर और फेसबुक पर 30 सबसे प्रभावशाली लोगों में दूसरे सबसे अधिक फॉलो किये जाने वाले राजनेता के रूप में इन्हें नामित किया गया था.
- सन 2014 एवं 2016 में मोदी जी का नाम टाइम मैगज़ीन के पाठक सर्वे के विजेता के रूप में घोषित किया गया था.
- साल 2016 में ही अप्रैल माह की 3 तारीख को मोदी जी को सऊदी अरबिया का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अब्दुलाज़िज़ – अल – सऊद के आदेश पर दिया गया था. एवं 4 जून को अफ़ग़ानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार घाज़ी आमिर अमानुल्लाह खान के राज्य आदेश पर दिया गया था.

- साल 2014, 2015 एवं 2017 में भी मोदी जी का नाम टाइम मैगज़ीन में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल था. एवं सन 2015, 2016 एवं 2018 को फोर्ब्स मैगज़ीन में दुनिया के 9 सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल था.
- 10 फरवरी, सन 2018 में इन्हें विदेशी डिग्निटरीस के लिए पलेस्टाइन का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पलेस्टाइन राज्य के ग्रैंड कोलार’ के साथ सम्मानित किया गया था.
- 27 सितंबर, 2018 को नरेंद्र मोदी जी को चैंपियंस ऑफ़ अर्थ अवार्ड प्रदान किया गया था, जोकि यूनाइटेड नेशन का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है, और यह अवार्ड 5 अन्य व्यक्तियों और संगठनों को भी प्रदान किया गया था, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस की लीडरशिप के लिए और सन 2022 तक प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के लिए संकल्प लिया था.
- साल 2018 में ही 24 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ग्लोबल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मोदी जी के योगदान के लिए उन्हें सीओल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
- इस साल 22 फरवरी, सन 2019 को मोदी जी ने प्रतिष्ठित सीओल शांति पुरस्कार 2018 प्राप्त किया. और साथ ही मोदी जी का नाम दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना शुरू करने के लिए इस साल के ‘नॉबेल शांति पुरस्कार’ के लिए भी नामांकित किया गया है.

इस तरह से मोदी जी ने अपने मुख्यमंत्री बनने से लेकर प्रधानमंत्री बनने के बाद तक के कार्यकाल में काफी सारी उपलब्धियां अपने नाम की है और आगे भी करते रहेंगे.

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नरेंद्र मोदी जी कोरोनाकाल में कार्य

पिछले साल कोरोना ने भारत में दस्तक दी जिसने दुनियाभर में अपना तांडव मचाना शुरू कर दिया था. इस बीच मोदी जी ने बेहतरीन काम किया. उन्होंने समय रहते मार्च के महीने में देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया. लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया. ताकि कोरोना वायरस की चैन को तोड़ा जा सकें. इस दौरान मोदी जी ने लोगों का और साथ ही डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी एवं पुलिसकर्मी आदि का मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास किया. उन्होंने लोगों को थाली बजाने एवं दिए जलाने जैसे टास्क दिए जिससे लोग एक जुट हुए और उन्होंने उनका साथ दिया. करीब 2 महीने तक देश में लॉकडाउन लगा रहा, फिर इसे धीरे धीरे खोला गया. 2 महीने तक लॉकडाउन लगे रहने की वजह से देश के गरीबों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी, लेकिन मोदी सरकार ने विभिन्न योजनायें चलते हुए उन्हें राहत प्रदान की. मोदी जी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया. इसके लिए भी उन्होंने योजनायें बनाई.

मोदी जी एक तरफ जहां कोरोना को अपने देश में ख़तम करने के लिए लोगों का मनोबल बढ़ा रहे थे और उन्हें राहत प्रदान कर रहे थे, तो दूसरी ओर विभिन्न पड़ोसी देश के लोग भी उनसे सहायता की गुहार कर रहे हैं तब मोदी जी ने उनका भी साथ दिया. अमेरिका में कोरोना वैक्सीन तैयार की जा रही थी. मोदी जी ने उनके साथ भी समन्वय बना कर रखा और वैक्सीन भारत में लेकर आये. हालांकि मोदी जी ने भारत में ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का समर्थन करते हुए उन्हें कोरोना वैक्सीन बनाने की मंजूरी भी दी. आज भारत में कोरोना की 3 तरह की वैक्सीन मौजूद है. इस साल कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी, यह लहर पहली लहर के मुकाबले बहुत अधिक खतरनाक साबित हुई. इसमें भी उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया. केंद्र सरकार के अनुसार दिसंबर तक सम्पूर्ण भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.      

नरेंद्र मोदी जी ताज़ा खबर (लेटेस्ट न्यूज़)

मोदी जी से जुड़ी ताज़ा खबर की बात करें तो आपको बता दें कि मोदी जी की रेटिंग यानि कि फैन फॉलोइंग पिछले साल बहुत बढ़ी थी, किन्तु कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उनकी फॉलोवर्स कम हो गये हैं. लोग उन्हें कोरोना की दूसरी लहर के फैलने के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं, लोगों का कहना है कि मोदी जी ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए कोई तैयारी नहीं की थी. किन्तु लोगों को इस बात से इंकार नहीं करना चाहिए कि मोदी जी ने भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने का कार्य किया. इसके साथ ही कोरोना की नई दवा भी भारत में बनाई गई, जिसे मोदी जी द्वारा मंजूरी देकर समर्थन किया गया. इससे जो कोरोना के मरीज हैं वे एक हफ्ते में ही ठीक हो जायेंगे, तो दूसरी ओर वैक्सीन लगवाने से लोगों को कोरोना नहीं होगा.

इसके अलावा मोदी सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये हो रहे विभिन्न अपराध, लोगों की डेटा सिक्यूरिटी से छेड़छाड़ एवं देश में फ़ैल रहे गलत सन्देश को रोकने के लिए फेसबुक, ट्विटर एवं इन्स्टाग्राम को कुछ दिशानिर्देश मानने का भी आदेश दिया. और यदि वे इन्हें नहीं मानते है तो उन्हें ये प्लेटफॉर्म भारत में बंद करने के लिए भी कहा गया. आपको बात दें कि पिछले साल मोदी जी ने लगभग 200 के ऊपर चायनीज एप्प को भी भारत में बैन किया था.  

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श्रीमान नरेंद्र मोदी 

आज के लेख में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध लिखेंगे. श्री नरेन्द्र मोदी जी हमारे भारत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं. हम इन्हीं के जीवन, संघर्षों और महान कार्यों के बारे में जानेगे |


नरेंद्र : संघर्ष की मिशाल

व्यक्तिगत जीवन

राजनैतिक जीवन का प्रारंभ

पुरस्कार और सम्मान

मोदी जी द्वारा किए गए सराहनीय कार्य

उपसंहार

 

श्री नरेंद्र मोदी

नरेंद्र : संघर्ष की मिशाल

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी में एक ऐसे ओजस्वी, निर्णायक तथा विकासोन्मुख नेता है, जिनका पूरा जीवन संघर्ष की मिसाल रहा है । बहुत कम उम्र से ही उन्होंने अपने जीवन को देश की सेवा में लगा दिया था और आज उन्होंने एक लोकप्रिय नेता के रूप में  विश्व पटल पर अपनी अविस्मरणीय छवि बनायी है । आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पूरे देश की जनता के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने वाले एक विकासोन्मुख नेता के रूप में उभरे है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जीवन साहस, संवेदना तथा सतत् कठिन परिश्रम वाला रहा है। उन्होंने निचले स्तर के कार्यकर्ता, एक संगठक तथा अपने गृह राज्य गुजरात के मुख्य मंत्री के रूप में अपने 13 वर्ष के लंबे शासनकाल के दौरान एक प्रशासक के रूप में अपने कौशल का परिचय दिया।


व्यक्तिगत जीवन

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जन्म उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे-से कस्बे वडनगर  में 17 सितंबर, 1950 को हुआ था । इस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके पिता का नाम श्री दामोदरदास मोदी तथा माता का नाम  श्रीमती हीराबाई मोदी था ।   श्री नरेंद्र मोदी एक साधारण तथा विनम्र परिवार से हैं। उनके दो बड़े भाई  सोमा, अमृत और दो छोटे भाई प्रहलाद, पंकज थे। उनके पिता एक व्यापारी थे जिन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काफी संघर्ष किया । 

श्री नरेंद्र मोदी के सृजनात्मक वर्षों ने उन्हें शुरू से ही कठिन परिश्रम करना सिखाया जिसके फलस्वरूप ही वे अपनी पढ़ाई तथा पढ़ाई के बाद के जीवन के बीच तालमेल बिठा पाए और चाय की दुकान पर काम करने के लिए समय निकाल पाए क्योंकि उनके परिवार को दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था।

 वे बचपन से ही बहुत मेहनती रहे। वे चर्चा करने के लिए तत्पर रहते थे तथा पुस्तकें पढ़ने के शौक़ीन थे ।  मोदी जी स्थानीय पुस्तकालय में घंटों स्वाध्याय किया करते थे। बचपन में उन्हें तैराकी का भी शौक था। बचपन से ही श्री नरेंद्र मोदी के विचार तथा सपने उनके हम उम्र बच्चों के विचार से बिलकुल अलग थे। बचपन में भी वे समाज में बदलाव लाने के प्रबल पक्षधर थे। वे स्वामी विवेकानंद के कार्यों से अत्यधिक प्रभावित थे जिससे उनके जीवन में अध्यात्म की नींव पड़ी और भारत को जगत-गुरू बनाने के स्वामी जी के सपने को पूरा करने की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा मिली। 
राजनीति से परे नरेंद्र मोदी को लिखना पसंद है। उन्होंने कई कविताएं और कई किताबें लिखी हैं। वह अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग उनके शरीर और दिमाग को मजबूत बनाता है और तेज गति चलने वाली दिनचर्या में शांति का भाव पैदा करता है।


 श्री मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम. ए. पूरा किया है।
18 वर्ष की उम्र में उनका विवाह जशोदा बेन चिमन लाल के साथ हुआ था लेकिन मोदी जी ने कभी उनके साथ वैवाहिक जीवन नही बिताया । जशोदा बेन गुजरात के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी अब रिटायर हो चुकी है । उनकी कोई संतान नहीं है । 
 

राजनैतिक जीवन का प्रारंभ

कम आयु में मोदी जी ने संपूर्ण भारत की यात्रा करने के लिए घर छोड़ दिया। दो वर्षों तक उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों का पता लगाने के लिए भारत के विशाल भू-खंड की यात्रा की। जब वे घर लौटे तब वे एक अलग ही व्यक्ति थे जिसे यह स्पष्ट पता था कि उन्हें जीवन में कौन-सा लक्ष्य हासिल करना है। वे अहमदाबाद चले गए और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए। 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है, जो भारत में सामाजिक एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण का कार्य कर रहा है। 1972 में अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रचारक बनने के बाद से श्री नरेंद्र मोदी की कठिन दिनचर्या है। उनकी दिनचर्या प्रातः 5 बजे शुरू होती है और देर रात तक चलती है।

1970 के दशक के आखिरी दिनों ने यह भी देखा कि युवा नरेंद्र मोदी ने भारत में आपातकाल के दौरान दमित किए जा रहे प्रजातंत्र की पुनर्बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में हिस्सा लिया।

1980 के दशक में संघ में अलग-अलग जिम्मेदारियां लेते हुए श्री नरेंद्र मोदी अपने संगठन कौशल के  उभरते नेता के रूप में सामने आए। 1987 में नरेंद्र मोदी के जीवन का एक अलग अध्याय तब शुरु हुआ जब उन्होंने गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य करना शुरु किया। अपने पहले कार्य में श्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार जीत दिलाई। 

उन्होंने 1990 के गुजरात विधान सभा चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनाया। 1995 के विधान सभा चुनावों में श्री नरेंद्र मोदी के संगठन कौशल के फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा और पार्टी ने 121 सीटें जीतीं।

श्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जो उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत थी। आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 से 2019 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है,वे इस पद पर इतने लम्बे समय तक रखने वाले पहले गैर कांग्रेसी है । उन्होंने अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य भार संभाला है।

2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दोनों अवसरों पर पूर्ण बहुमत हासिल किया। 
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, श्री मोदी ने शासन व्यवस्था में एक ऐसे बदलाव की शुरुआत की और समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन का नेतृत्व किया।
 

पुरस्कार और सम्मान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भूटान सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ द डूक ग्यालपो से सम्मानित किया जा चुका है। 

अमेरिकी प्रशासन ने भी अमेरिका की सेना को दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान लीजन ऑफ मेरिट से श्री प्रधानमंत्री मोदी जी को सम्मानित किया।

संयुक्त अरब अमीरात ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायेद से श्री मोदी जी को अगस्त 2019 में सम्मानित किया था।

अफगानिस्तान ने भी अपने देश के सर्वोच्च सम्मान स्टेट बॉर्डर ऑफ गाज़ी अमानुल्लाह खान से जून 2016 में सम्मानित किया था।

 सऊदी अरब ने अपना आर्डर ऑफ अब्दुल अजीज ऑल साद श्री मोदी को 2016 में प्रदान किया था, यह किसी गैर मुस्लिम को दिया जाने वाला पहला सऊदी अरब सर्वोत्कृष्ट सम्मान था।

जून 2019 में मालदीव का डिस्ट्रिक्ट रूल ऑफ़ निशान इज्जुद्दीन सम्मान प्रधानमंत्री जी को प्रदान किया गया था ।

 फरवरी 2018 में फलस्तीन ने श्री मोदी को अ से सम्मानित किया था। 

स्वच्छ भारत अभियान के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने श्री मोदी को गोल्डन गोलकीपर अवॉर्ड सितंबर 2019 में प्रदान किया था। 

भारत रुस संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को रूस ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान आर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू से अप्रैल 2019 में सम्मानित किया था।

2018 में दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान उन्हें सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला लता मंगेशकर सम्मान से मोदी जी को सम्मानित किया जा चुका है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र के ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।


मोदी जी द्वारा किए गए सराहनीय कार्य 

देश की वित्तीय धारा से दूर गरीबों को वित्तीय धारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय का बैंक खाते खोलना था। अब तक 35 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों ने न केवल गरीबों को बैंक से जोड़ा, बल्कि सशक्तीकरण के अन्य रास्ते भी खोले हैं।

जन-धन से एक कदम आगे बढ़ते हुए श्री मोदी ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को बीमा और पेंशन कवर देकर जन सुरक्षा पर जोर दिया। JAM ट्रिनिटी (जन धन- आधार- मोबाइल) ने बिचौलियों को समाप्त कर दिया है और प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की है।

असंगठित क्षेत्र से जुड़े 42 करोड़ से अधिक लोगों के पास अब प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के तहत पेंशन कवरेज मिली है। 2019 के चुनाव परिणामों के बाद पहली कैबिनेट बैठक के दौरान व्यापारियों के लिए समान पेंशन योजना की घोषणा की गई है।

2016 में गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। यह योजना 7 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान करने में एक बड़ा कदम साबित हुई है। इसकी अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं।

आजादी के बाद से 70 वर्षों के बाद भी 18,000 गाँव बिना जहां बिजली नहीं थी वहां बिजली पहुंचाई गई है।

श्री मोदी का मानना है कि कोई भी भारतीय बेघर नहीं होना चाहिए और इस विजन को साकार करने के लिए 2014 से 2019 के बीच 1.25 करोड़ से अधिक घर बनाए गए है। 2022 तक प्रधानमंत्री के ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के सपने को पूरा करने के लिए घर के निर्माण की गति में तेजी आई है।

कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो श्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब है। 2019 के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में एक मौद्रिक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। 24 फरवरी 2019 को योजना के शुरू होने के बाद लगभग 3 सप्ताह में नियमित रूप से किश्तों का भुगतान किया गया है। 

श्री मोदी ने सॉयल हेल्थ कार्ड, बेहतर बाजारों के लिए ई-नाम और सिंचाई पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने जैसी किसान कल्याण की दिशा में विभिन्न पहल शुरू की। 

30 मई 2019 को प्रधानमंत्री ने जल संसाधनों से संबंधित सभी पहलुओं की देखरेख करने के लिए एक नया जल शक्ति मंत्रालय बनाकर एक बड़ा वादा पूरा किया।

2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ शुरू किया। इस जन आंदोलन का बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक प्रभाव पड़ा है। 

2014 में स्वच्छता कवरेज 38% थी जो आज बढ़कर 99% हो गई है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। स्वच्छ गंगा के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

 2017 में संसद के एक ऐतिहासिक सत्र के दौरान भारत सरकार ने जीएसटी लागू किया, जिसने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सपने को साकार किया।

उनके कार्यकाल में भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाया गया जो सरदार पटेल को एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस स्टैच्यू को एक विशेष जन आंदोलन के माध्यम से बनाया गया था, जिसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों के औज़ार और मिट्टी का इस्तेमाल किया गया था, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री को पर्यावरण से जुड़े मुद्दों से गहरा लगाव है। उन्होंने हमेशा से माना है कि हमें एक साफ और हरा ग्रह बनाने के लिए काम करना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के अभिनव समाधान तैयार करने के लिए अलग जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया। इस भावना को पेरिस में 2015 के COP21 शिखर सम्मेलन में भी देखा गया था जहां पीएम मोदी ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जलवायु परिवर्तन से एक कदम आगे बढ़कर पीएम मोदी ने जलवायु न्याय के बारे में बात की है। 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ के लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे। यह गठबंधन एक बेहतर ग्रह के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक अभिनव प्रयास है।

जलवायु परिवर्तन ने हमारे ग्रह को प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त कर दिया है, इस तथ्य के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील होते हुए श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी की शक्ति और मानव संसाधनों की ताकत के उचित इस्तेमाल के रूप में आपदा के लिए एक नया विजन साझा किया है । मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 26 जनवरी 2001 को विनाशकारी भूकंप से तबाह हुए गुजरात को बदल दिया। इसी तरह उन्होंने गुजरात में बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए नई प्रणालियों की शुरुआत की जिनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई।
प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से श्री मोदी ने नागरिकों के लिए न्याय को हमेशा प्राथमिकता दी है। गुजरात में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए उन्होंने शाम की अदालतों की शुरुआत की। केंद्र में उन्होंने PRAGATI ((प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) शुरू किया जो विकास में देरी कर रहे लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए एक कदम है।
श्री मोदी की विदेश नीति की पहल ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता और भूमिका को महसूस किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क देशों के सभी प्रमुखों की उपस्थिति में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया और दूसरे की शुरुआत में बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके संबोधन की दुनिया भर में सराहना हुई। पीएम मोदी 17 साल की लंबी अवधि के बाद नेपाल, 28 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 साल के बाद फिजी और 34 साल के बाद सेशेल्स और यूएई के द्विपक्षीय दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। पदभार संभालने के बाद से श्री मोदी ने UN, BRICS, SAARC और G-20 समिट में भाग लिया, जहाँ विभिन्न वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर भारत के विचारों को व्यापक रूप से सराहा गया।


उपसंहार 

विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस बात को माना कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत रिकॉर्ड गति से गरीबी को खत्म कर रहा है। इसका श्रेय केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए लिए गए विभिन्न फैसलों को जाता है। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम आयुष्मान भारत का नेतृत्व कर रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है।
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पत्रिकाओं में से एक लांसेट ने आयुष्मान भारत की सराहना करते हुए कहा है कि यह योजना भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े असंतोष को दूर कर रही है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वच्छ भारत मिशन की सराहना की और कहा कि इससे 3 लाख लोगों की जान बच सकती है।
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महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi