तीसरे मोर्चे की गुंजाइस तो स्वयं कांग्रेस के अहंकार ने पैदा कर दी - अरविन्द सिसोदिया Third Front vs Congress

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तीसरे मोर्चे की गुंजाइस तो स्वयं कांग्रेस के अहंकार ने पैदा कर दी  - अरविन्द सिसोदिया
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यूं तो 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के ठीक पूर्व 2013 में भी कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनीं थी और यू ही सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनें थे । इसके बाद के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कर्नाटक में बाजी मारी थी। कांग्रेस और जेडीएस बहुत मामूली सीटों पर सिमट गये थे। इसलिये विधानसभा के परिणामों को लोकसभा का तो माना ही नहीं जा सकता। फिर भी कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण में बतौर अतिथि जिन अन्य दलों को निमंत्रण भेजा है। उनमे मीडिया रिर्पोट कहती है कि कुछ गैर एनडीए मुख्यमंत्रीयों को आमंत्रित नहीं करके अपमानित किया गया है। निश्चित रूप से अन्य बहुत से अतिथि वे भी जिनके विचार कांग्रेस से भिन्न हैं। किन्तु उन्हे बुलाया गया है। संभवतः राज्यों में जिनसे कांग्रेस का मुकाबला है, उन्हे नहीं बुलाया गया होगा । मगर अपमान की राजनीति हमेशा ही मंहगी पडती है। कांग्रेस दक्षिण की बात करती है और दक्षिण में ही तीन बडे राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं बुला कर वह विपक्षी एकता का दम कैसे भर सकती है। मेरा व्यक्तिगत मत तो यह है कि कर्नाटक मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में सभी दलों को आमंत्रण भेजा जाना चाहिये था, जिससे पूरे विश्व को भारत के लोकतंत्र की एकता की खूबी प्रगट होती। किन्तु कांग्रेस चूक गई ।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण में कर्नाटक कांग्रेस या कांग्रेस पार्टी  के कोष से पैसा खर्च नहीं हो रहा है,। बल्कि पैसा जनता से टैक्स के रूप में वसूला गया सरकार के खजानें से खर्च हो रहा है। इसलिये सभी दलों के जनप्रतिनिधिगण बुलाने चाहिये। राजस्थान में भाजपा की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के शपथ ग्रहण में निर्वतमान कांग्रेस के  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सम्मिलित हुये थे। यह परम्परा होनी चाहिये।

याद रखिये छोटे मन से आप, आप अपने आप में सिकुड जाते हैं और बडे मन से आप अपने आप में विस्तार आता हैं।

कर्नाटक मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण आमंत्रण सूची
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कथित तौर पर हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव और नवीन पटनायक जैसे समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण दिया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित लोगों की सूची जो मीडिया के माध्यम से सामने आई है वह इस प्रकार से है :-
1- श्रीमती सोनिया गांधी, यूपीए की चेयरपर्सन
2- राहुल गांधी,पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस
3- श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस महासचिव
4- छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस
5- राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस
6- हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस
7- झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
8- तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन
9- तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव
10- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ( वे स्वयं तो नहीं आयेंगी, संभवतः उनका कोई सांसद आये )
11- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव
12- एनसीपी प्रमुख शरद पवार
13- महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे
14- बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
15- पुडुचेरी के सीएम एन रंगास्वामी
16- नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला

17- बिहार के सीएम नीतीश कुमार
18- नेशनल कान्फ्रेंस प्रमुख फारूख अब्दुल्लाह 

19- पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफती
20- सी पी आई के महासचिव डी राजा
21- सीपीएम के महासचिव सीताराम यूचुरी
22- एम एन एम प्रमुख अभिनेता कमल हासन 


गैर भाजपा दलों में इन्हे नहीं बुलाया गया :-
1- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
2- पंजाब के मुख्यमंत्री
3- आंध्र प्रदेश के जगनमोहन रेड्डी
4- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव
5- केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
6- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती 

7- ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक

एआईसीसी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा, ’हम समान विचारधारा वाले पार्टी नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।’

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2023 की विपक्षी एकता: 9 विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंचे
शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद रहे। इनमें महबूबा मुफ्ती (PDP), नीतीश कुमार (JDU), तेजस्वी यादव (RJD), डी राजा और सीताराम येचुरी (लेफ्ट), एमके स्टालिन (DMK), शरद पवार (NCP), फारूख अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), कमल हासन (मक्कल नीधि माईम) शामिल हैं।

इनके अलावा, कांग्रेंस से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। हालांकि, सोनिया गांधी नहीं पहुंचीं। कर्नाटक कांग्रेस ने शपथ समारोह के लिए जिन्हें न्योता नहीं दिया, उनमें भाजपा, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), ओडिशा के CM नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगनमोहन रेड्‌डी की पार्टी (YSR कांग्रेस), केरल के CM पी विजयन शामिल हैं।

2018 की विपक्षी एकता: सोनिया, मायावती, अखिलेश पहुंचे थे

2018 में कांग्रेस-JDS की गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण में भी विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे। तब JDS के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनाए गए थे। समारोह में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, RJD से तेजस्वी यादव, CPI(M) के सीताराम येचुरी, NCP के शरद पवार, RLD के अजित सिंह शामिल हुए थे।

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