उत्तरप्रदेश में योगी की बड़ी निकाय जीत पर चर्चा होनी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया yogi aaditynath
उत्तरप्रदेश में योगी की बड़ी जीत पर चर्चा होनी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया
कर्नाटक के चुनाव परिणाम में उसी दिन उत्तरप्रदेश के निकाय चुनाव के परिणाम दब गये या यूँ कहें कि किसी के इशारे पर पूरे देश के मीडिया से यह खबर गायब हो गईं। जो भी हो इस पर चर्चा होनी चाहिए।
कर्नाटक में सरकार बदलने का चलन है, बदल गईं...2013 में भी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनी थी मगर 2014 लोकसभा में कांग्रेस कर्नाटक में बुरी तरह हार गईं थी। इसलिए कर्नाटक की हार जीत के साथ यूपी के निकाय चुनावों का भी विश्लेषण होना चाहिए था।
यूपी में भाजपा की सबसे शानदार सरकार चल रही है, जिसे जनता का लगातार समर्थन मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुंडागर्दी मुक्त शासन ही भाजपा सरकार की विशेषता है। निकाय चुनावों में बड़ी जीत इसी का परिणाम रहा है।
हार जीत की दृष्टि से सबसे आसान चुनाव लोकसभा का होता है, जिसमें पार्टी सिंबल ही अधिकांश जीत का आधार रहता है। विधानसभा चुनावों में भी पार्टी सिंबल का ही महत्व है। मगर व्यक्तिगत छवि का भी महत्व रहता है। किन्तु शहर और गावों के चुनाव शुद्धरूप से व्यक्तिगत चेहरे पर निर्भर करते हैं। इन चुनावों में नये चेहरे जीत जाते हैं, बड़े नेता हार जाते हैं।
उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बड़बोले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की बहुत बुरी हार हुई है।
भारत में स्वतंत्रता के वाद संविधान व लोकतंत्र प्रतीकात्म अधिक रहा। सच यह है कि सरकार बनते ही, उस दल के नेता शासक हो जाते हैं कानून का राज्य चलानेवाली अफसरशाही सरकार के नेताओं के इशारे पर काम करते हैं। इसलिए वास्तविक न्याय व सत्य विफल हो जाता है।
योगीजी के नेतृत्व 17 में से 17 नगर निगम भाजपा की बनना मायने रखता है। वहाँ जोड़तोड़ भी नहीं चलता जनता सीधे महापौर चुनती है। यह जीत भाजपा को ही नहीं बल्कि शासन व्यवस्था की है। इस जीतने पूरे देश को यूपी की शासन जनस्वीकार्य का भी संदेश दिया है।
भारत जब स्वतंत्रता संग्राम लड़ रहा था तब भी हिंसा व गुंडागर्दी करने वालों नें,अवरोध उत्पन्न किये थे,देश को बंटवायाथा।...फिर इन्ही तत्वों नें नें कांग्रेस व अन्य दलों को दबा कर अपना दवदबा क़ायम रखा, वोट बैंक के नाम पर इनका अघोषित राज्य क़ायम रहा। इनके दवाब में कई असंवेधानिक कानून बनवा लिए और बहुत से वे निर्णय करवा लिए,जो अन्याय हैं। भारत एक हिन्दू राष्ट्र सदियों से है मगर इन्ही गुंडागर्दी वाले हिंसक तत्वों नें इनके मामलों में अटकाव लगाये। यहाँ तक कि देश कि आजादी के बाद से अभी तक भी इनका फ़िल्म और विज्ञापन संस्थाओं पर अपरोक्ष राज्य चलता है, अंडरवल्ड की परोक्ष सत्ता अभी भी क़ायम है।
इस तरह की विकृत शासन व्यवस्था कमोबस सभी राज्यों में फैली हुई है। किन्तु इसको पूरी तरह से ठीक करने का काम यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुआ। इसी कारण योगी सरकार रिपीट भी हुई और निकाय चुनावों में भी मेगा विक्ट्री हांसिल करने में सफल रही। इसे समझना चाहिये और इसे पूरे देश में फैलाना चाहिए।
विशेष कर भाजपा को सभी भाजपा शासित राज्यों को योगी मॉडल के अनुकरण की प्रेरणा देनी चाहिए।
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