गहलोत नें ही बता दिया कि उनके विधायक बिकाऊ हैं - अरविन्द सिसोदिया
गहलोत नें ही बता दिया कि उनके विधायक बिकाऊ हैं - अरविन्द सिसोदिया
राजस्थान के मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों बयान बहादुर बने हुए, कई बार लगता है कि मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। भाजपा के कद्दावर नेता उनके निशाने पर रहते हैं। भाजपा कि मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे नें गहलोत सरकार को 163 सीटें जीत कर ऐतिहासिक सिकस्त दी थी तो केंद्रीय मंत्री गजेंन्द्र सिँह नें गहलोत के बेटे को लोकसभा चुनाव में गहलोत के मुख्यमंत्री होते हुए भी हराया । एक मुख्यमंत्री का बेटा चुनाव हार जाये यह नाककटने जैसी बात है।
हलाँकि गहलोत को मालूम है कि उनकी स्थिति बेहद नाजुक है, हाइकमान रूपी गाँधी परिवार सिर्फ अवसर की प्रतीक्षा कर रहा है। अपमानजनक व्यवहार करने वाले गहलोत को सबक तो वे सिखायेंगे ।
अभी ताज़ा ताज़ा गहलोत का बयानी आक्रमण, कांग्रेस के ही बागी रहे या यूँ मानिये कि सचिन पायलट के साथ दे रहे विधायकों पर हुआ । उन्होंने उन्हें बिकाऊ बता दिया । जो कि उन विधायकों का ठीक चुनाव से पहले अपमान है।
मूल रूप से सचिन पायलट से जुडे विधायकों के टिकिट काटनें की कवायद है। गहलोत बहुत गहरी समझ वाले नेता तो हैं ही , उन्होनें किसी गहरे मकसद से ये सब कहा है। मुझे लगता है कि वे सचिन के हाई कमान से सम्बंधों को जान समझ चुके हैं ही .... वे सचिन से जुडे लोगों के टिकिट काटनें की कवायद कर रहे हैं।
जबकि पूरा देश जानता है कि मध्यप्रदेश व राजस्थान में कांग्रेस के युवा नेताओं नें कांग्रेस के विरुद्ध विद्रोह किया था, वे कोई बिके नहीं थे, बल्कि वे अपने ही नेतृत्व के खिलाफ होकर पार्टी बदल रहे थे।
मध्यप्रदेश में नंबर गेम कामयाब रहा, जबकि राजस्थान में नंबर गेम नाकामयाब रहा । इसमें बिकने जैसी भाषा मात्र राजनैतिक फुहड़पन है।
हलाँकि मुख्यमंत्री नें बिकने जैसी बेबुनियाद व गैरजिम्मेवार बात कह कर, गलत आरोप का मुकदमा तो आमंत्रित कर लिया है। क्योंकि यह उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर झूठा, गैर जिम्मेवाराना और राजनीति से प्रेरित बयान दिया है, जिसके सबूत में कुछ नहीं है। यह उनके मानसिक संतुलन खोने का भी परिचायक है। इसे लेकर यदि कोई अदालत में चला जाये तो गहलोत को सजा हो सकती है। यह इज बात का भी सबूत है कि वे बिकने वाले विधायकों के खिलाफ कुछ नहीं कर पाये। अर्थात कमजोर और नाकाबिल मुख्यमंत्री हैं।
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Rajendra Ratod , Ashok Gehlot, Amit Shah
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट जरिए सीएम गहलोत से पूछा है कि उन्होंने देश के गृहमंत्री को आरोपित करने की तोहमत उठाई है तो यह भी बता दें कि जब सरकार अशोक गहलोत की है, पुलिस पर नियंत्रण भी उन्हीं का है. गृहमंत्री वे स्वयं हैं. कथित बिकाऊ विधायकों की सार्वजनिक जानकारी भी उन्हें है, तो फिर देरी किस बात की ?
'सीएम लेकर बैठे हैं ब्यौरा, तो केस दर्ज क्यों नहीं' - राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि दो साल गुजर जाने के बाद भी विधायकों की लिस्ट जारी क्यों नहीं की गई ? किन विधायकों को कितने करोड़ मिले और कितने खर्च हुए, इसका ब्यौरा लेकर बैठे हैं, तो फिर तथाकथित बिकाऊ विधायकों के खिलाफ केस क्यों नहीं करवाया?
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मेरा मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस की आंतरिक फूट की जो ड्रामेबाजी हुई वह पराकाष्ठा है। इसके बाद भी कोई दुवारा मुख्यमंत्री बनने की सोचता है, तो यह और भी हसीन सपना है। क्यों कि राजस्थान सरकार पलटनेँ जा रहा है, राहत केंप जो मूलतः आपत केंप हैं, इनमें जनता को जो बिना वजह कष्ट दिया गया है, इसका जबाब वोट के समय जनता देगी।
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