तब 2000 का नोट जरूरी भी था और अब बंद करना भी आवश्यक - अरविन्द सिसौदिया
तब 2000 का नोट जरूरी भी था और अब खत्म करना भी आवश्यक था - अरविन्द सिसौदिया
एक समय था जब भारत की करेंसी पाकिस्तान में भी गैर कानूनी तरीके से छपती थी। आतंकवादियों को उग्रवादियों को भारत में तमाम उपद्रव व आराजकताओं को अंजाम देनें के लिये आती थी। भारत के बहुत से एन जी ओ और कानून विशेषज्ञां को भारत विरोधी सेवाओं के बदले मिलती थी।
देव योग से भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिले और नोट बंदी के एक निर्णय नें पाकिस्तान के नकली नोट युद्ध को धराशाही कर दिया , वहीं देश का बहुतसा वह धन जो बिना हिसाब - किताब में चलन में था, जो जमाखोरी कालाबाजारी करता था वह बैंकों में आया । देश की सरकार की निगाह में आया।
इस नोट बंदी के कारण तब बाजार एवं आमजन में मुद्रा सन्तुलन के लिये 2000 का नोट जरूरी था । इससे बहुत सहारा मिला और इसे धीरे धीरे बंद करनें की प्रक्रिया कई साल से चल रही थी। क्यों कि इन नोटों को ज्यादा छापते तो फिर से कालाबाजारी और जमाखोरी पनप जाती।
2000 के नोट का मुख्य उपयोग राजनैतिक पार्टियां चुनाव हेतु धन संग्रह के वास्ते कर रहीं थीं । पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में जो बहुत बडी बडी राशियां पकडी गईं , उनमें 2000 के नोटों की बडी भूमिका थी। केन्द्र सरकार ने अन्ततः पूरी तरह से 2000 के नोट को बंद करने का निर्णय समय से ही लिया है। अब इसकी जरूरत नहीं है ।
केन्द्र सरकार नें लचीलेपन का परिचय दिया है । जो कि किसी भी गुड गवरेमेंट की मुख्य पहचान होती है। मोदी जी व उनकी सरकार को धन्यवाद कि उन्होनें नये कालाधन को पनपने से पहले ही उस पर काबू पा लिया ।
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रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। 2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। RBI साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है।
RBI ने फिलहाल 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है, लेकिन यह भी कहा है कि यह इसके बाद भी लीगल रहेगा। ऐसा सिर्फ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे यह नोट बैंकों को वापस करें।
एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे, लेकिन अकाउंट में इन नोटों को जमा करने पर लिमिट नहीं होगी। अब बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे।
10 सवालों में समझिए RBI के इस आदेश के मायने...
1. आरबीआई ने कहा क्या है?
रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। RBI ने कहा कि इसका ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिटिंग बंद कर दी गई थी।
2. फैसला कब से लागू हो रहा है?
RBI ने अपने सर्कुलर में लिखा है कि वो 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
3. नोट बदलने के लिए क्या-क्या करना होगा?
बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय है। नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है।
4. 30 सितंबर तक नोट जमा नहीं किए तो क्या होगा?
लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, RBI ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।
5. क्या किसी भी बैंक में बिना अकाउंट के नोट बदले जा सकते हैं?
हां। नॉन-अकाउंट होल्डर भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में ₹20,000/- की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट डिपॉजिट कर सकते हैं।
6. बाजार में 2000 के नोट से खरीदारी में क्या असर दिख सकता है?
सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें।
7. यह फैसला किसने किया है और क्यों किया है?
'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। 'क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश कि गई है कि वह करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और लाइफ भी कम हो जाती है। लोगों को लेन-देन में अच्छी क्वालिटी के बैंक नोट (पेपर करेंसी) मिलें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्लीन नोट पॉलिसी लागू की गई है।
8. इससे आम लोगों पर क्या असर होगा?
जिसके भी पास 2 हजार का नोट है उसे बैंक में जाकर बदलना होगा। 2016 की नोटबंदी में जब 500 और 1000 को नोट बंद किए गए थे तो उसे बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार वैसी स्थिति तो नहीं बनेगी, लेकिन थोड़ी बहुत परेशानी उठाना पड़ सकता है।
9. क्या यह फैसला सरकार की ओर से भूल सुधार है?
2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। यानी ये सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना सरकार की भूल सुधार है।
10. किन लोगों के लिए लागू हो रहा है?
यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से एक्सचेंज कराने होंगे।
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