Lord Hanuman's is Hindutva - Arvind Sisodia

 

Hanumat is Hindutva - Arvind Sisodia

Indian culture is a culture of indomitable courage and bravery. There is a culture of knowledge, science and research. It is a culture that knows and understands the subtlety and the great element. Defeating all the challenges of the universe, nature is in the progress of civilization and human civilization for millions of years.

The character of Lord Hanumanji is the character of Indian civilization. The character of his courage, his scientific magnanimity. One who considers the sun as a fruit. The one who lifts the huge mountain on his palm and takes it to Sri Lanka. The one who crosses the ocean while flying in the sky. The one who keeps Lanka in a huge form and burns it to ashes. The one who, being a human, represents the human race endowed with such immense power, in the form of Hanuman ji. This is what Hanuman ji declares the divinity of Hinduism to be the best of all with his surprising results.

The biggest thing is that Hanuman ji, a deity full of infinite scientific powers, does everything not for himself but only for the service of humanity. They use their powers only in favor of social order. Hanuman ji, being the god of cooperation, suppresses evil in the world. He defeats evil. Above all, they do all this without any greed, inducement or money. He gives the path and courage to the social workers to follow him.


The greatness of Lord Hanuman's life has been presented by Tulsidas in the form of "Hanuman Chalisa". Hanuman Chalisa is the most sung prayer in the world. Millions of people do this prayer daily. Lord Hanuman ji has been considered immortal in Indian civilization. He is Chiranjeevi. He has got the boon to remain alive till the end of this Kalpa.

Hinduism is the best because it has scripted the ability to know, understand and use the ultimate powers of science in human form. Through Hindutva, the unimaginable knowledge and desired achievement made possible by science has been placed in front of future generations. This great effort of Hindu civilization gives it greatness and dignity of a very high order. In the form of Hanumat, we can understand the guidance and inspirations of Hinduism.

Hinduism is the storehouse of many great scientific knowledge. Since time immemorial, this civilization has been doing penance to do research, to acquire powers and to multiply its potential. The center of education studies of this country used to be research sites. Educated in Maharishi Valmiki's ashram, Lav aur Kush had received such high quality education that they won the war by fooling the world victorious army of Ayodhya without causing much damage.

Hindutva is not only an indomitable courage but also a declaration of human potential to attain the grandeur of the great.

Note - This article has been translated from Hindi to English by Google.
नोट - यह आलेख हिन्दी से अंग्रेजी में गूगल से अनुवाद किया गया है।

भगवान हनुमानजी ही हिन्दुत्व है - अरविन्द सिसौदिया
भारतीय संस्कृति, अदम्य साहस और शौर्य की संस्कृति है। ज्ञान, विज्ञान एवं अनुसंधान की संस्कृति है। सूक्ष्मता और विराट तत्व को जानने समझने वाली संस्कृति है। सृष्टि की तमाम चुनौतियों को पराजित करते हुये करोडों - करोडों वर्षो से प्रकृति सभ्यता और मानव सभ्यता की अग्रसर है।
भगवान हनुमानजी का चरित्र, भारतीय सभ्यता का चरित्र है। उसके साहस का, उसकी वैज्ञानिकता की विशालता का चरित्र है। जो सूर्य को फल समझता है। जो विशाल पर्वत को हथेली पर उठा कर श्रीलंका लेजाता है। जो आकश में उडते हुये समुद्र पार कर जाता है। जो विशालरूप रख लंका को जला कर राख कर देता है। जो मनुष्य होकर इस तरह की विराट शक्ति से सम्पन्न मानव जाती का प्रतिनिधित्व, हनुमान जी के रूप करता है। यही हनुमान जी हिन्दुत्व के देवत्व को सर्व श्रेष्ठ होनें की घोषणा अपने आश्चर्य चकित करने वाले परिणामों से करते हैं।

सबसे बडी बात यह है कि अनन्त वैज्ञानिक शक्तियों से सम्पन्न देवस्वरूप हनुमान जी, स्वयं के लिये नहीं बल्कि मानवता की सेवा के लिये ही सब कुछ करते है। समाज व्यवस्था के पक्ष में ही अपनी शक्तियों का उपयोग करते हैं। हनुमान जी सहयोग के वे देवता बनकर , विश्व में दुष्टता का दमन करते हैं। वे बुराई को पराजित करते है। सबसे बडी बात यह सब, वे बिना किसी लोभ,प्रलोभन या धन  के करते है। वे समाज सेवकों को अपना अनुगमन करने का मार्ग व साहस प्रदान करते हैं।

भगवान हनुमान जी के जीवन की महानतायें चरित्र तुलसीदास जी नें “हनुमान चालीसा” के रूप में प्रस्तुत की है। हनुमान चालीसा विश्व की सबसे ज्यादा गाई जानें वाली प्रार्थना है। करोडो करोडों लोग नित्यप्रति इस प्रार्थना को करते है। भारतीय सभ्यता में भगवान हनुमान जी को अमर माना गया है। वे चिरंजीवी है। इस कल्प के अंत तक उन्हे सशरीर जीवित रहनें का वरदान प्राप्त है।

हिन्दुत्व इसीलिये सर्वश्रेष्ठ है कि उसमें मानव के रूप में विज्ञान की परम शक्तियों को जानने समझनें और उसका उपयोग करनें की क्षमता को लीपीबद्ध किया है। हिन्दुत्व के द्वारा विज्ञान से संभव होनें वाले अकल्पनीय ज्ञान और मनोरथ सिद्धी को भावी पीढी के सामनें रखा है। हिन्दू सभ्यता का यही महान प्रयास उसे अत्यंत उच्च कोटि की महानता एवं गरिमा प्रदान करता है। हनुमत के रूप में हम हिन्दुत्व के मार्गदर्शन एवं प्रेरणाओं को समझ सकते हैं।

हिन्दुत्व अनेकानेक महान वैज्ञानिकताओं का भण्डार है। अनादीकाल से यह सभ्यता अनुसंधान करनें, शक्तियां प्राप्त करनें और अपने सामर्थ्य को कई गुणा बढानें की तपस्या करती रही है। इस देश के विद्या अध्ययन के केन्द्र अडे अनुसंधान स्थल होते थे। महर्षि बाल्मीकी के आश्रम में शिक्षित लव और कुश नें इतनी उच्चकोटी की शिक्षा पाई थी कि बिना बडी क्षती पहुंचायें अयोध्या की विश्व विजयी सेना को मूर्क्षित कर युद्ध जीत लिया था।हिन्दुत्व अदम्य साहस ही नहीं विराट के वैभव को प्राप्त करनें की मानव क्षमता की उद्घोषणा भी है।





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