न्याय के देवता शनिदेव का जीवन परिचय
Biography of Shanidev, the god of justice शनि देव का जीवन परिचय धर्मग्रंथो के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा तपस्या के लिये प्रस्थान करनें से पूर्व अपनी ही छाया को उसकी जगह सूर्य देव की सेवा के लिये रख कर तपस्या हेतु गई । तब छाया के गर्भ से सूर्य के पुत्र के रूप में शनि देव का जन्म हुआ । जब शनि देव छाया के गर्भ से होनें के कारण वर्ण श्याम के हैं ! शनि के श्यामवर्ण को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी संज्ञा का प्रतिरूप छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं हैं ! माना जाता है कि तभी से शनि अपने पिता से शत्रु भाव रखते थे ! शनि देव ने अपनी साधना तपस्या द्वारा शिवजी को प्रसन्न कर अपने पिता सूर्य की भाँति शक्ति प्राप्त की और शिवजी ने शनि देव को वरदान मांगने को कहा, तब शनि देव ने प्रार्थना की कि युगों युगों में मेरी माता छाया की पराजय होती रही हैं, मेरे पिता सूर्य द्वारा अनेक बार अपमानित किया गया हैं ! अतः माता की इच्छा हैं कि मेरा पुत्र अपने पिता से मेरे अपमान का बदला ले और उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली बने ! तब भगवान शंकर ने वरदान देते हुए कहा कि नवग्रहों में तुम्हारा सर्वश्रेष्ठ स्थान ह...