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भगवा न्यायपालिका शब्द...? मानसिकपतन का परिचय - अरविन्द सिसौदिया Bhagva nyaypalika

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भगवा न्यायपालिका शब्द...? मानसिकपतन का परिचय - अरविन्द सिसौदिया कांग्रेस के वरिष्ठनेता रहे वर्तमान में समाजवादी पार्टी से राज्य सभा में सांसद कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से भारत के परम पवित्र भगवा रंग का अपमान करते हुये कहा है कि ’मैं नहीं चाहता कि अदालत भगवा हो’ और उन्होने कहा कि “सरकार का न्यायाधीशों की नियुक्ति पर नियंत्रण होने से बेहतर है कोलेजियम सिस्टम है।” अर्थात कांग्रेस मानसिकता के ये वरिष्ठ वकील साहब कांग्रेस जनित शब्द भगवा आतंकवाद से भगवा न्याय तक पहुंच गये हैं। मुझे नहीं लगता कि भारत में न्यायपालिका पर कोई दबाव कभी किसी हिन्दू की तरफ से आया हो, बल्कि सच तो यह है कि न्यायपालिका स्वयं विफलपालिका या अन्यायपालिका में तब्दील हो गई है। इस तथ्य पर कभी भी गंभीरता से विचार नहीं करती है। वहीं भारत का सुप्रीम कोर्ट कई बार जिला न्यायालयों जैसा दिखता है। जिस देश की न्यायपालिका आतंकवादी के लिये आधी रात में खुले , उससे बड कर और क्या स्वतंत्रता हो सकती है। मेरा मानना है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने न्यायपालिका के भगवाकरण जैसे शब्द को उठा कर भारत का अपमान किया है। वे किसे खुश करना चाहते हैं, ...