भारत के गौरवमय अतीत की एक झाँकी India's-glorious-past

- प्रस्तुतकर्ता - अरविन्द सिसौदिया 9414180151 आचार्य श्रीराम शर्मा के आर्शीवाद से....... भारत के गौरवमय अतीत की एक झाँकी समस्त विश्व को भारत के अजस्र अनुदान (ज्ञान का अद्वितीय भण्डार युक्त उपरोक्त पुस्तक से ) मुद्रक : युगनिर्माण योजना, मथुरा। से साभार Link :- samast-vishwa-ko-bharat-ke-ajashra-anudan आदर्श सहित उद्देश्य को यदि जीवन लक्ष्य बनाया जाए तो मनुष्य की अंत:चेतना अत्यंत बलिष्ठ होती जाती है और उस सामर्थ्य के कारण जीवनोपयोगी सभी आवश्यक सुविधा-साधन तो सहज में जुटते ही रहते हैं, साथ ही वे परिस्थितियाँ भी प्रस्तुत होती रहती हैं जिनके कारण आत्म संतोष मिलता रहे, आत्म गौरव उपलब्ध होता है रहे। आत्मबल ही इस संसार में सबसे बड़ा बल और वैभव है, इसे प्राप्त करने के उपरांत न कोई दुःख शेष रहता है और न अभाव, न दारिद्रय का कोई कारण शेष बचता है। अपने गुण-कर्म-स्वभाव की उत्कृष्टता यदि संपादित कर ली जाए तो भौतिक दृष्टि से तृप्तिदायक सुख और आनंददायक शांति की प्रचुर मात्रा सदैव सामने खड़ी रहती है। ऐसे व्यक्ति स्वयं श्रेय प्राप्त करते हैं और अप...