स्वतंत्रता का मूल्य : देश का विभाजन , 20 लाख हत्यायें और 1.5 करोड़ के घर छूटे partition
स्वतंत्रता का मूल्य : देश का विभाजन , 20 लाख हत्यायें और 1.5 करोड़ के घर छूटे जो लोग कहते हैं कि स्वतंत्रता बिना खडग बिना ढाल के आई वे झूठ बोलते हैं। यह आजादी वीभत्सता और अवर्णनीय हिंसा से भरी हुई है। माना जाता है कि 20 लाख लोगों नें इसमें जान गंवाई थी। डेढ करोड लोगों के देश बदल का बेघर हो गये थे। ये आजादी महात्मा गांधी के अखण्ड भारत की आजादी के वचन की हत्या थी, कांग्रेस के रावी अधिवेशन की शपथ की हत्या थी। यह आजादी ब्रिटिश सरकार की भारत के निवासियों के साथ क्रूरतम अघोषित नरसंहार और वीभत्स हिंसाचार था, जिसे इतिहास कभी मॉफ नहीं करेगा । यह स्वतंत्रता के नाम ब्रिटिश सरकार का नंगा खूनी खेल था। भारत की आजादी का सबसे महत्वपूर्ण कारण था नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज के सैनिकों पर दिल्ली में लाल किले में मुकदमें चलानें से उत्पन्न हुआ भारतीय सैनाओं में विद्रोह जिससे ब्रिटिश अधिकारियों नें भारत ठोडनें का मन बना लिया था और दूसरा कारण था द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका का सभी उपनिवेशों को आजाद करनें की अघोशित नीति जिसके चलते दुनिया भर के सभी ब्रिटिश...