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बंगाली हिन्दुओं की मातृभूमि है बांगलादेश, वे वहीं रहेंगे - अरविन्द सिसौदिया

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  बंगाली  हिन्दुओं की मातृभूमि है बांगलादेश, वे वहीं रहेंगे - अरविन्द सिसौदिया  लगातार हिंसा झेल रहे हिन्दु समाज के लोगों नें बांगलादेश में हुंकार भरी है और अब वे प्रदर्शन कर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। ढाका की सडकों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की, लोगों ने कहा- ’यह देश किसी के बाप का नहीं है, इसके लिए हमने खून दिया है, जरूरत पड़ी तो फिर से खून देंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने हिंदुओं पर हो रही हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने रहने को लेकर सिविल सोसाइटी के सदस्यों पर नाराजगी जताई। बांग्लादेश के हिंदू अपने घरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा चाहते हैं। यह उनका अधिकार है। भारतीय प्रायदीप के बांगलादेश हो , पाकिस्तान हो, मालदीव हो, श्रीलंका हो, नेपाल हो, तिब्बत हो, भूटान हो या भारत हो या अन्य हिमालयीन देश हों.....यह हिन्दुओं की अनादिकाल से मातृभूमि है पितृभूमि है। यहां के हिन्दुओं अपने अपने देश में प्रथम अधिकार है। किन्तु हमलावर इस्लाम जहां जहां वर्तमान में सत्ता में हैं, वहां वहां हिन्दुओं जिनमें बौद्ध,सिख और जैन भी सम्मिलित हैं , को शासन के संरक्षण मे...