बंगाली हिन्दुओं की मातृभूमि है बांगलादेश, वे वहीं रहेंगे - अरविन्द सिसौदिया

 


बंगाली  हिन्दुओं की मातृभूमि है बांगलादेश, वे वहीं रहेंगे - अरविन्द सिसौदिया 


लगातार हिंसा झेल रहे हिन्दु समाज के लोगों नें बांगलादेश में हुंकार भरी है और अब वे प्रदर्शन कर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। ढाका की सडकों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की, लोगों ने कहा- ’यह देश किसी के बाप का नहीं है, इसके लिए हमने खून दिया है, जरूरत पड़ी तो फिर से खून देंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने हिंदुओं पर हो रही हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने रहने को लेकर सिविल सोसाइटी के सदस्यों पर नाराजगी जताई। बांग्लादेश के हिंदू अपने घरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा चाहते हैं। यह उनका अधिकार है।


भारतीय प्रायदीप के बांगलादेश हो , पाकिस्तान हो, मालदीव हो, श्रीलंका हो, नेपाल हो, तिब्बत हो, भूटान हो या भारत हो या अन्य हिमालयीन देश हों.....यह हिन्दुओं की अनादिकाल से मातृभूमि है पितृभूमि है। यहां के हिन्दुओं अपने अपने देश में प्रथम अधिकार है। किन्तु हमलावर इस्लाम जहां जहां वर्तमान में सत्ता में हैं, वहां वहां हिन्दुओं जिनमें बौद्ध,सिख और जैन भी सम्मिलित हैं , को शासन के संरक्षण में प्रताणित कर उनका धर्मान्तरण किया गया है। बाजादी के समय पश्चिमी पाकिस्तान में 25 प्रतिशत हिन्दू था औ पूर्वी पाकिस्तान यानिकि बांगलादेश में 35 प्रतिशत हिन्दू था वह घट कर अब पाकिस्तान में मात्र 1.5 प्रतिशत और बांगलादेश में मात्र 8 प्रतिशत रह गया है। तमाम धर्मनिरपेक्ष बौर सेक्यूलर यह नहीं बता पाते कि इन देशों का हिन्दू कहां गया ? भारत के तथाकथित सेक्यूलर दलों का मुंह भी नहीं खुलता कि इन देशों का हिन्दूं कहां गया ।


बांगला देश में मुस्लिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टी की मुखिया और अन्य सभी महत्वपूर्ण प्रमुख मुस्लिम हैं, विद्रोह उनके खिलाफ किया गया और उनकी जगह भी मुस्लिमों से ही भरी जायेगी। फिर हिन्दुओं पर ही हमले क्यों हुये ? हिन्दू शासन थेडे ही कर रहा था। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि वहां प्रदर्शन भले ही आरक्षण विरोध के नाम से किया गया , मगर वास्तविक तौर इसके कर्ताधर्ता कट्टरपंथी ही थे , जिनका मकसद वहां से हिन्दुओं को भगाना या धर्मान्तरित करवाना था। 


हिंदुओं के खिलाफ हुईं 200 से ज्यादा घटनाएं -

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश के 64 जिलों में से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुए। अल्पसंख्यकों के साथ ज्यदती की 205 घटनाएं हुई हैं। इस संगठन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यकों में गहरी चिंता और अनिश्चिंतता है। 


मेरा मानना है कि बांगलादेश में भले ही नये प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनूस गद्दी पर बैठ गये हों मगर मूल सत्ता का संचालन पाकिस्तान के आतंकी संगठन और चीन की साम्यवादी पार्टी करेगी और इससे वहां भारत विरोधी वातावरण बनाया जायेगा, यह इसी का प्रयोग था। विश्व के लिबरल कहे जानें वाले देशों में मुस्लिम अपनी बडती जनसंख्या के बल पर वोट बैंक बन रहे हैं और इन देशों की सरकारें इनसे डरी हुईं हैं। ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और अस्ट्रेलिया में ये बेकाबू होनें लगे है। इसलिये भारत को बेहद सावधान और इजराईल स्टाईल की युद्ध जैसी तैयारी के लिये तैयार रहना होगा। अब भारत के लिये विकास से कहीं अधिक जरूरी सुरक्षा का मुद्दा है।

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बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमला जारी है। हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के घरों और श्रद्धास्थलों को निशाना बनाया जा रहै है। कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमले पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने तीखा आक्रोश जाहिर किया है। उन्होंने कहा, “अगर आप हिन्दू हैं, लेकिन आपका सेक्युलरिज्म आपको गाजा और सीरिया पर बोलने और बांग्लादेश पर चुप रहने को मजबूर करता है तो आप ….हैं। जिहादियों के गुलाम हैं और आपका जीवन गटर ……निरर्थक है।”

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बांग्लादेश हिंदुओं पर हो रहे हमले से गुस्से में पूर्व राज्यपाल, बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर उठाया सवाल
बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत राय।


गहरी नींद में सो रहे बुद्धिजीवी - तथागत राय

त्रिपुरा व मेघालय के राज्यपाल रह चुके तथागत ने एक्स पर लिखा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। मोमबत्ती लेकर जुलूस निकालने वाले (अभिनेता) कौशिक सेन, (अभिनेत्री व फिल्म निर्देशक) अपर्णा सेन व (चित्रकार) शुभप्रसन्न जैसे बुद्धिजीवी खामोश क्यों हैं ? वे उनकी सुरक्षा के लिए आवाज क्यों नहीं उठा रहे? दरअसल वे गहरी नींद सो रहे हैं। बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदू परिवारों पर हमले हुए हैं। उनके घरों में तोडफ़ोड़ व आगजनी की गई हैं।

मोमबत्ती गेंग, पुरस्कार लोटाओ गेंग, मणिपुर मणिपुर गेंग सेक्युलर तगमा गेंग,
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न्यूयॉर्क। बांग्लादेश (Bangladesh) में अल्पसंख्यकों (minorities) को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की पूरी दुनिया (World) में निंदा हो रही है। अब संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भी इसकी आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हम नस्लीय आधार पर होने वाले हमलों, हिंसा को बढ़ावा देने के खिलाफ हैं। 
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो
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Bagladesh Crisis News: बांग्लादेश में आरक्षण के नाम पर जो आग लगाई गई उसने रौद्र रूप धारण कर लिया. यहां तक कि हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया. मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी गठबंधन INDIA पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो लोग फिलिस्तीन पर रोना रो रहे थे, उनकी धर्मनिरपेक्षता हिंदुओं को लेकर मर जाती है. 

गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "इंडी एलायंस के लोग फिलिस्तीन पर रो रहे थे और बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार पर चुप हैं. इनकी धर्मनिरपेक्षता हिंदुओं के दर्द पर मर जाती है." वहीं, मामले को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संसद में कहा कि भारत स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है और अधिकारियों के संपर्क में है.

क्या किसी प्लानिंग के तहत हो रहे हिंदुओं पर हमले ?

बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं के खिलाफ पहले छिटपुट हिंसा की खबरें सामने आईं लेकिन देखते ही देखते ये बढ़ने लगी. ढाका में समाचार चैनलों पर भी हिंसा की खबरें चलीं, अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाले संगठनों ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए गुहार लगाई. बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर में सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी. हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया गया यहां तक कि महिलाओं और नौजवान लड़कियों का अपहरण किया गया.  

बांग्लादेश में 30 प्रतिशत से 8 प्रतिशत हो गई हिंदू आबादी

ऐसा नहीं है कि शेख हसीना के समय में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया जाता था, लेकिन वो इसे रोकने में सक्षम थीं. अब जब उनको खुद ही देश छोड़कर निकलना पड़ा तो ऐसे में ये घटनाएं खुलेआम होने लगीं. आज बांग्लादेश में हिंदुओं की 8 प्रतिशत आबादी है, जो 1947 की तुलना में काफी कम है. उस समय हिंदू आबादी 30 प्रतिशत थी.
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गाजा की चिंता है, बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों ? अनुराग ठाकुर का कांग्रेस से सवाल
राहुल गांधी और अनुराग ठाकुर.

बांग्लादेश में तख्तापलट के साथ ही हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर शुरू हुए हमले थम नहीं रहे हैं. दुनिया के कई देशों ने इसको लेकर चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी हिंसा की आलोचना की है. भारत सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. शुक्रवार को बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने इसको लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़े किए.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उसे लेकर हम सभी चिंतित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया को सिर्फ बधाई ही नहीं दी बल्कि बांग्लादेश में हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों की शांति, सुरक्षा व विकास को सुनिश्चित करने की बात भी कही.

हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मुंह सिल लिया
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने अपने वक्तव्य में बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की कोई बात नहीं की, ना ही उसका उल्लेख तक किया. उन्होंनेदावा किया कि गाजा को लेकर कांग्रेस पार्टी बड़ी-बड़ी बातें करती है. वहां के हालात को लेकर समय-समय पर अपनी चिंताएं जाहिर करती है लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अपना मुंह सिल लेती है.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में सरकार गिरने के बाद भी नहीं थम रही हिंसा, 232 लोगों की मौत
अनुराग ने सवाल किया, आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि कांग्रेस और राहुल गांधी को गाजा की चिंता तो है मगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर बोलने में इनके होंठ सिल जाते हैं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी गाजा की चिंता में लंबे-लंबे लेख लिखते हैं. मगर, इनका दोहरा मापदंड है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है. हिंदुओं पर हो रही ज्यादती पर इनकी चुप्पी खतरनाक है.

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