सबसे शक्तिशाली हैं शनि देव भगवान
सबसे शक्तिशाली हैं शनि देव भगवान
Lord Shani is the most powerful
Shani Dev Ki Mahima
शनिदेव,भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। ब्रह्मपुराण के अनुसार,व्यक्ति के अच्छे और बुरे कार्य के पीछे शनि देव का हाथ होता है । यदि शनि कुंडली में उत्तम अवस्था में है तो व्यक्ति को बहुत कम समय में बड़ी सफलता दिलाते है ।
शनि चालीसा ----
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल।।
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहूँ कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।
जयति जयति शनिदेव दयाला, करत सदा भक्तन प्रतिपाला,
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै, माथे रतन मुकुट छवि छाजै।
परम विशाल मनोहर भाला, टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला,
कुण्डल श्रवन चमाचम चमके, हिये माल मुक्तन मणि दमकै।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा, पल बिच करैं अरिहिं संहारा,
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन, यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन।
सौरी, मन्द शनि दश नामा, भानु पुत्र पूजहिं सब कामा,
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वै जाहीं, रंकहुं राव करैं क्षण माहीं।।
पर्वतहूँ तृण होइ निहारत, तृणहूँ को पर्वत करि डारत,
राज मिलत वन रामहिं दीन्हयो, कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो।
वनहूँ में मृग कपट दिखाई, मातु जानकी गई चुराई,
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा, मचिगा दल में हाहाकारा।।
रावण की गति-मति बौराई, रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई,
दियो कीट करि कंचन लंका, बजि बजरंग बीर की डंका।
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा, चित्र मयूर निगलि गै हारा,
हार नौलखा लाग्यो चोरी, हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो, तेलहिं घर कोल्हू चलवायो,
विनय राग दीपक महँ कीन्हों, तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी, आपहूँ भरे डोम घर पानी,
तैसे नल पर दशा सिरानी, भूंजी-मीन कूद गई पानी।।
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई, पारवती को सती कराई,
तनिक विकलोकत ही करि रीसा, नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी, बची द्रोपदी होति उघारी,
कौरव के भी गति मति मारयो, युद्ध महाभारत करि डारयो।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला, लेकर कूदि परयो पाताला,
शेष देव-लखि विनती लाई, रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।
वाहन प्रभु के सात सुजाना, हय, दिग्गज, गर्दभ, मृग, स्वाना,
जम्बुक सिंह आदि नख धारी, सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं, हय ते सुख सम्पत्ति उपजावै,
गर्दभ हानि करै बहु काजा, सिंह सिद्ध करै राज समाजा।
जम्बुक बुद्धि नष्ट करि डारै, मृग दे कष्ट प्राण संहारै,
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी, चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहिं चारि चरण यह नामा, स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा,
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं, धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं।
समता ताम्र, रजत शुभकारी, स्वर्ण सर्वसुख मंगल भारी,
जो यह शनि चरित्र नित गावै, कबहूँ न दशा निकृष्ट सतावै।।
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला, करैं शत्रु के नशि बलि ढीला,
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई, विधिवत शनि ग्रह शांति कराई।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत, दीप दान दै बहु सुख पावत,
कहत 'राम सुन्दर' प्रभु दासा, शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार।।
।। इति राम सुन्दर कृत श्री शनि चालीस सम्पूर्णम् ।।
-------------
The Arti of God Shani
Om Jai Jai Shri Shani Maharaj, Swami Jai Shani Maharaj |
Krupa karo hum din raj par, Dukh hariyo prabhu aaj || Om…… ||1||
Suraj ke tum balak hokar, jag main bade balwan |
Sab devo main tumhara, pratham maan hai aaj || Om…… ||2||
Vikramraj ko hua ghamend, apane shrethan ka |
Chaknaachur kiya buddhi ko, hila diya sartaj || Om…… ||3||
Prabhu Ram aur Pandavji ko, bhej diya banwas |
Krupa hoi jab tumhari, swami bachai unki laaj || Om……. ||4||
Surya sa raja Harichandra ka, bech diya parivar |
Pas hue jab sat pariksha main, dekar dhan aur raaj || Om…….||5||
----------------
पद्म पुराण में इस प्रसंग का सविस्तार वर्णन है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण में शनि ने जगत जननी पार्वती को बताया है कि मैं सौ जन्मो तक जातक की करनी का फ़ल भुगतान करता हूँ.एक बार जब विष्णुप्रिया लक्ष्मी ने शनि से पूंछा कि तुम क्यों जातकों को धन हानि करते हो, क्यों सभी तुम्हारे प्रभाव से प्रताडित रहते हैं, तो शनि महाराज ने उत्तर दिया,"मातेश्वरी, उसमे मेरा कोई दोष नही है, परमपिता परमात्मा ने मुझे तीनो लोकों का न्यायाधीश नियुक्त किया हुआ है, इसलिये जो भी तीनो लोकों के अंदर अन्याय करता है, उसे दंड देना मेरा काम है".
Shani Dev, the son of Surya (the Sun God) and Chhaya, is a powerful deity who represents the planet Saturn. Known for his stern demeanor, Shani Dev teaches important life lessons through discipline, hard work, and patience. His blessings are sought to overcome difficulties and achieve success in various aspects of life.
जवाब देंहटाएंshani yantra home
Nice blog! Really this was very useful blog for us. Nice sharing about it.
जवाब देंहटाएंshani dev murti