यूपीएस पेंशन स्कीम UPS 2024

 यूपीएस योजना के फायदे

केंद्र सरकार ने अपने 23 लाख कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना यूपीएस लेकर आई है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर फिक्स पेंशन देने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं, जो केंद्रीय कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, वो भी इस योजना में अपने को शिफ्ट कर सकते हैं। उनको ब्याज सहित एरियर का भुगतान किय जाएगा। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी। इस योजना के बारे में अधिकतम जाननें के लिये सामग्री उपलब्ध है।


भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु


भारतीय जनता पार्टी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है।

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भाजपा को गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंगनाथन कमिटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार सोच समझकर, विचार करके काम करती है। अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती है। मोदी सरकार जो भी निर्णय करती है वो जनहित में होता है। इस निर्णय से देश के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार को लाभ होगा। 


प्रधानामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के योगदान का हम सम्मान करते हैं और सम्मान करते रहेंगे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं।

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कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा क्यों किया था, जब कांग्रेस पार्टी उसे लागू नहीं कर सकती है? घोषणा वाली पार्टी “कांग्रेस पार्टी” क्या सिर्फ घोषणा ही करेगी या अपने घोषणा को कभी अमल लाने का भी काम करेगी?

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क्या कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसका वादा उसने और राहुल गांधी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में किया था?

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लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा भी नहीं किया। तेलंगाना में भी कांग्रेस ने ओपीएस लागू करने के बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा। कांग्रेस पार्टी का यह कैसा रवैया है?

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राहुल गाँधी देश की जनता को कितना झांसा देगें? कभी तो सही बोलिए। अगर बोलिए तो उसे पूरा कीजिए। अगर वादा पूरा नहीं कर सकते हैं तो देश की जनता से झूठा वादा नहीं कीजिए। कांग्रेस ने शुरू में एनपीएस का समर्थन किया था लेकिन बाद में वह अपने ही वादों से मुकर गई।

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कांग्रेस ने चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसा बोलना शुरू कर दिया है कि देश की जनता को कांग्रेस पार्टी के निर्णय और वादों पर से भरोसा उठ गया है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सरकार के कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के निर्णय का स्वागत किया। साथ ही, श्री प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा “ओल्ड पेंशन स्कीम” को लेकर चुनावी वादा करने के बावजूद लागू नहीं करने पर जमकर भर्त्सना की।


श्री प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंगनाथन कमिटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है। 


श्री प्रसाद ने भाजपा की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की- 

·       कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा क्यों किया था, जब कांग्रेस पार्टी उसे लागू नहीं कर सकती है? मीडिया में यह भी बातें सामने आयी है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। कांग्रेस पार्टी के इस रवैये की भारतीय जनता पार्टी कड़ी भर्त्सना करती है। 

·       क्या कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसका वादा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में किया था? कांग्रेस पार्टी ने देश की राजनीति में पिछले दो साल से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक बहुत बड़ा तूफ़ान बनाया था। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का चुनावी वादा किया था। 

·       कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ओपीएस लागू करने का वादा किया, किन्तु ओपीएस लागू करने में चालाकी क्यों की थी? कांग्रेस पार्टी ने कहा कि सिर्फ 2006 से पहले के कर्मचारियों को ही ओल्ड पेंशन स्कीम देंगे जबकि उनकी संख्या महज 13 हजार है। 

·       तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा ओपीएस लागू करने के बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा भी नहीं किया। कांग्रेस पार्टी का यह कैसा रवैया है?

·       देश की जनता को राहुल जी कितना झांसा देगें? कभी तो सही बोलिए, अगर बोलिए तो उसे पूरा कीजिए। अगर वादा पूरा नहीं कर सकते हैं तो देश की जनता से वादा नहीं कीजिए।

·       घोषणा वाली पार्टी “कांग्रेस पार्टी” क्या सिर्फ घोषणा ही करेगी या अपने घोषणा को कभी अमल लाने का भी काम करेगी?

श्री प्रसाद ने कहा कि हिंडेनबर्ग मामले में एक कहानी देश की जनता को बताया था कि राहुल गांधी चिट पॉलिटिक्स करते हैं। किसी ने चिट पकड़ा दिया कि ओल्ड पेंशन स्कीम ले आओ, यह बहुत अच्छा मुद्दा है। किसी ने उन्हें संविधान का चिट पकड़ा दिया। उसके पहले किसी ने उन्हें राफेल का चिट पकड़ा दिया, तो कभी किसी ने उन्हें हिंडेनबर्ग का चिट पकड़ा दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी यह समझ लें कि देश ऐसे नहीं चलता है। भारत सरकार चलाना एक गंभीर और परिपक्व विषय है, जहां सोच-समझ कर फेसले लेने पड़ते हैं। निर्णय लेने में “अस्थायी सोच” नहीं चलता है। ऐसा नहीं होता कि एक चुनाव हो गया, अब उस मुद्दे को छोड़ दिए। 

श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसा बोलना शुरू कर दिया है कि देश की जनता को कांग्रेस पार्टी के निर्णय और वादों पर से भरोसा उठ रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि देश के कर्मचारियों की चिंता हो, सेवारत हो या सेवानिवृत हो, यह हमेशा बड़ा मुद्दा बनता है। राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बनता है। पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) थी। वर्ष 2004 में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीए) बनी। इसके लिए व्यापक स्तर पर सलाह मशविरा हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उस वक्त मैं मंत्री भी था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी समेत लगभग सभी दलों ने एनपीएस का समर्थन किया था। उस वक्त एनपीएस को कांग्रेस की कई सरकारों ने भी समर्थन किया था। बाद में, उसका विरोध किया।

श्री प्रसाद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं। जब कर्मचारियों के अखिल भारतीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ सेंटल गर्वनमेंट इम्पलाइज ने ओपीएस की मांग की तो तत्कालीन वित्त सचिव, जो वर्तमान में होने वाले कैबिनेट सचिव डॉ सोमनाथन जी की अध्यक्षता में पेंशन स्कीम को लेकर कमिटी गठित की गयी थी। डॉ सोमनाथन कमिटी की सिफारिशों को कल मोदी सरकार के कैबिनेट ने स्वीकार किया।

सोमनाथन कमिटी की सिफारिश लागू होने के बाद -

1)    23 लाख सरकारी कर्मचारियों को 50 प्रतिशत एशोर्ड पेंशन तय हो गया है। अर्थात सेवानिवृति वर्ष के अंतिम महीने का वेतन का  50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी।

2)    अगर 25 साल सेवा पूरा किए हैं तो 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। 

3)    अगर 25 साल से कम की सेवाकाल हुआ तो उसका अनुपातिक राशि मिलेगी।

4)    अगर 10 साल तक सेवाकाल रहा है तो 10 हजार रुपए पेंशन के रूप् में मिलेगा।

5)    समय के अनुसार महंगाई बढ़ती है। उसके अनुसार सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है।  

6)    अगर सरकारी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उस कर्मचारी को मिलाने वाले पेंशन का 60 प्रतिशत राशि उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय में कल्याणकारी राज की सोच दिखाई पड़ती है। न्यू पेंशन स्कीम आयी थी तो लोगों में चर्चा थी कि सरकार फंडिंग करने में कमी कर रही है। मोदी सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में होने वाली फंडिंग भी बढाने का निर्णय लिया है। पहले एनपीएस में 10 प्रतिशत राशि कर्मचारी की होती थी और 14 प्रतिशत राशि भारत सरकार की होती थी। अब 10 प्रतिशत राशि सरकारी कर्मचारी की वेतन से और 18.5 प्रतिशत भारत सरकार देगी। देश के कर्मचारियों के हित में जितना भी संभव है उतना मोदी सरकार ने किया है। सरकारी कर्मचारी देश के लिए काम करते हैं, भले ही सत्ता में कोई पार्टी हो। उनके कार्यों के कारण देश आगे बढ़ता है। प्रधानामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों के योगदान का हमे सम्मान करना है और सम्मान करते रहेंगे।

श्री प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सोच समझकर, विचार करके काम करती है। अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती है। मोदी सरकार जो भी निर्णय करती है वो जनहित में होता है। इस मामले में जनहित निर्णय देश के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए ली गयी है। 

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Cabinet approves Unified Pension Scheme

Posted On: 24 AUG 2024 

The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, today approved the Unified Pension Scheme (UPS).

The salient features of the UPS are:

Assured pension: 50% of the average basic pay drawn over the last 12 months prior to superannuation for a minimum qualifying service of 25 years. This pay is to be proportionate for lesser service period upto a minimum of 10 years of service.

Assured family pension: @60% of pension of the employee immediately before her/his demise.

Assured minimum pension: @10,000 per month on superannuation after minimum 10 years of service.

Inflation indexation: on assured pension, on assured family pension and assured minimum pension

Dearness Relief based on All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AICPI-IW) as in case of service employees

lump sum payment at superannuation in addition to gratuity  1/10th of monthly emoluments (pay + DA) as on the date of superannuation for every completed six months of service this payment will not reduce the quantum of assured pension

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UPS - 6 प्वाइंट में समझें

यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम की सभी खासियतें

UPS के तहत, जिन कर्मचारियों ने कम से कम 25 वर्ष तक नौकरी की है, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों में रही उनकी औसत बेसिक सैलरी, यानी मूल वेतन का आधा, यानी 50 फ़ीसदी निश्चित पेंशन हासिल होगी.

केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम, यानी एकीकृत पेंशन योजना या UPS को स्वीकृति दे दी है, जिससे 23 लाख कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ सकता है. इस योजना का मकसद सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट, यानी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है.

निश्चित पेंशन (Assured Pension)

जिन कर्मचारियों ने कम से कम 25 वर्ष तक नौकरी की है, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों में रही उनकी औसत बेसिक सैलरी, यानी मूल वेतन का आधा, यानी 50 फ़ीसदी निश्चित पेंशन हासिल होगी. 25 वर्ष से कम नौकरी करने वालों के लिए उनकी पेंशन उनके कार्यकाल के अनुपात में तय की जाएगी, और योजना के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल तय की गई है.

निश्चित फ़ैमिली पेंशन (Assured Family Pension)

बदकिस्मती से अगर किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो कर्मचारी की पत्नी या पति को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी. पारिवारिक पेंशन की राशि निश्चित रूप से उस पेंशन का 60 फ़ीसदी होगी, जो कर्मचारी को उसके निधन से पहले दी जा रही थी.

निश्चित न्यूनतम पेंशन (Assured Minimum Pension)

UPS के तहत उन सभी कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाएगी, जिन्होंने न्यूनतम 10 साल की नौकरी कर ली है. उनके लिए रिटायरमेंट पर हर महीने 10,000 की न्यूनतम पेंशन की गारंटी की गई है.

मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन (Inflation Indexation)

UPS के अंतर्गत निश्चित पेंशन तथा निश्चित फैमिली पेंशन को मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन के तहत रखा गया है. इस समायोजन से सुनिश्चित होगा कि पेंशन की राशि का मुद्रास्फीति, यानी महंगाई के साथ तालमेल बना रहे.

महंगाई राहत (Dearness Relief)

फिलहाल सेवारत कर्मचारियों की ही तरह UPS के अंतर्गत भी रिटायर हो चुके कर्मचारियों को औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी.


रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान 

(Lump Sum Payment on Superannuation)

रिटायरमेंट के अवसर पर कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की राशि के अतिरिक्त प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान भी हासिल होगा. कर्मचारी की प्रत्येक छह माह की सेवा अवधि के लिए उसके अंतिम मासिक वेतन (रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का जोड़) का 10 फ़ीसदी भुगतान किया जाएगा. इस एकमुश्त भुगतान से निश्चित पेंशन की राशि या मात्रा कम नहीं की जाएगी.

UPS के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है... यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है... यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है..."

23 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ...

UPS से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मियों को तुरंत लाभ होगा. वैसे, अगर राज्य सरकारों ने भी इस योजना का विकल्प अपने कर्मचारियों को दिया, तो यह तादाद बढ़कर 90 लाख हो सकती है, और समूचे भारत में सरकारी कर्मचारियों के काफ़ी बड़े हिस्से को इसका फ़ायदा मिल सकेगा.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की यह योजना कई गैर-BJP शासित राज्यों द्वारा DA-लिंक्ड पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर लौटने का फ़ैसला करने तथा कुछ राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा OPS की मांग उठाने के बाद घोषित की गई है.

1 जनवरी, 2004 या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की जा चुकी है. अधिकतर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें अपने नए कर्मचारियों के लिए NPS को अधिसूचित कर चुकी हैं.

OPS के अंतर्गत रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 फ़ीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता था. महंगाई दर में बढ़ोतरी के साथ यह राशि बढ़ती रहती है. वैसे, OPS वित्तीय रूप से निश्चित नहीं होती, क्योंकि इसमें अंशदान नहीं होता, और सरकारी खज़ाने पर बोझ बढ़ता रहता है.

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