बांगलादेश घटनाक्रम से भारत को सावधान रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया Bangladesh Violence,

बांगलादेश घटनाक्रम से भारत को सावधान रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया

बांगलादेश के घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिंसा और आराजकता उत्पन्न कर शांती व्यवस्था को छिन्न भिन्न करनें में पाकिस्तान परस्त ताकतें कतई नहीं हिचकती हैं। इसके पीछे बडी ताकतों का पैसा बडा काम करता है। यह बहुत स्पष्ट महसूस हो रहा है कि बांगलादेश को अस्थिर करनें में चीन व पाकिस्तान  की संयुक्त रणनीति है।

याद रखिये कि हाल ही में बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चीन गईं थीं और उन्होनें चीन की सभी बातें नहीं मानी थीं और चीन दौरा बीच में छोड कर वापस आ गईं थीं। चीन दौरे से लौटने के बाद हसीना ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि तीस्ता परियोजना में भारत और चीन दोनों की दिलचस्पी थी। लेकिन वह चाहती थीं कि इस परियोजना को भारत पूरा करे। 

चीन भारत में घुसपैठ करनें के लिये तीस्ता नदी की परियोजना के द्वारा घुसना चाहता था किन्तु प्रधानमंत्री शेख हसीना के द्वारा चीन के इस षढयंत्र को विफल कर दिया गया ।

अर्थात बांगलोदेश घटनाक्रम का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत पर पढ़ना है , इसलिये भारत का बहुत अधिक सावधान रहना होगा । 

India will have to be cautious about the Bangladesh developments - Arvind Sisodia

The developments in Bangladesh have once again proved that pro-Pakistan forces do not hesitate to disrupt peace by creating violence and anarchy. The money of big powers plays a big role behind this. It is very clear that China and Pakistan have a joint strategy to destabilize Bangladesh.

Remember that recently Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina went to China and she did not agree to all the demands of China and left the China tour midway and came back. After returning from the China tour, Hasina had said in response to a question from journalists that both India and China were interested in the Teesta project. But she wanted India to complete this project.

China wanted to enter India through the Teesta river project, but this conspiracy of China was foiled by Prime Minister Sheikh Hasina.

That is, India will be most affected by the developments in Bangladesh; hence India will have to be extremely cautious. 

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आखिर शेख हसीना को क्यों बांग्लादेश छोड़ना पड़ गया ? 

जान लीजिए 5 बड़ी वजहें

5 Aug 2024

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर शुरू हुए छात्र आंदोलन हिंसक हो गए थे। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांगें तेज हो गईं। सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां न चलाने की घोषणा की। आर्थिक स्थिति और बढ़ती बेरोजगारी ने हालात और खराब कर दिए।

नई दिल्ली:

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन बेकाबू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी ढाका में स्थित पीएम हाउस में घुस चुके हैं। इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि वो भारत की शरण लेंगी। छात्रों के प्रदर्शन से शुरू हुआ आंदोलन इतना कैसे बढ़ गया कि शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा? शेख हसीना के बैकफुट पर आने के 5 बड़े कारण हम आपको बता रहे हैं।


1. आरक्षण को लेकर आंदोलन

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था। ये प्रदर्शन देखते देखते हिंसक हो गया। विवाद उस 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिए जा रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही है। सरकार अपने समर्थकों को आरक्षण देने के पक्ष में है।

  

2. विपक्षी दलों का भारी विरोध

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरु हुए छात्र आंदोलन में विपक्षी दल भी फ्रंटफुट पर आ गए। विपक्ष ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध किया। विपक्षी पार्टी बांग्‍लादेश नैशनल‍िस्‍ट पार्टी ने खालिदा जिया के नेतृत्‍व में लाखों की भीड़ जुटाकर शेख हसीना की कुर्सी को हिला दिया। विपक्ष ने हसीना से इस्तीफे की मांग की। सरकार भी विपक्ष के विरोध का सामना करने में विफल रही।


3. सेना ने नहीं दिया साथ

बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों में सेना ने भी सरकार का साथ देने से मना कर दिया। हिंसक प्रदर्शनों में 90 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद बांग्लादेश की सेना ने कहा कि अब वह प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाएंगे। सेना मुख्यालय में बांग्‍लादेश आर्मी चीफ ने हालात के बारे में चर्चा की और ऐलान किया कि अब प्रदर्शनकारियों पर एक भी गोली नहीं चलाई जाएगी। इस बयान के बाद सेना का प्रर्दशनकारियों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर नजर आया।


4. हिंसा भड़काने में पाकिस्तान का हाथ

बांग्लादेश में हिंसा भड़काने में पाकिस्तान का भी हाथ है। बांग्लादेश की सिविल सोसायटी ने पाकिस्तान उच्चायोग पर कट्टरपंथी छात्र प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान अंदरखाने छात्रों को समर्थन के जरिए बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। कुछ रिपोर्ट में खुलासा हुआ है क पाकिस्तान 'मिशन पाकिस्तान' समर्थक जमात से जुड़े छात्र प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग के संपर्क में है, जो बांग्लादेश में प्रतिबंधित है।


5. बांग्लादेश की आर्थिक हालात खराब

बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति वैसे ही खराब थी, वहीं इस आंदोलन से इसे और झटका लगा है। वहां तेजी से बेरोजगारी बढ़ रही है। शेख हसीना लंबे समय से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज हैं। हाल ही में जब वो फिर से बांग्लादेश की पीएम बनीं, तो बेरोजगारों छात्रों में गुस्सा बढ़ गया। छात्र सड़क पर उतर आए और आंदोलन करने लगे।

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