सरकार अपराधीयों को बचाती है तो उसे शासन का अधिकार नहीं - अरविन्द सिसोदिया


सरकार यदि अपराधीयों को बचाती है तो उसे शासन का अधिकार नहीं होता - अरविन्द सिसोदिया 

यह बहुत साफ साफ स्पष्ट है कि राज्य सरकार को मजबूत कानून व्यवस्था के लिए जबाबदेह होना ही होगा। क्योंकि उसको जनता नें कानून व्यवस्था के संवैधानिक शासन संचालन के लिए ही चुना है। यदि कोई भी राज्य - सरकार या उसका तंत्र किसी भी स्थिति में अपराधीयों को अनैतिकताओं का साथ देते हैँ या कानून के उल्लंघन में सहयोग करते हैँ तो उन्हें एक मिनिट भी सरकार में रहने का अधिकार नहीं रहता है। 

कानून का उल्लंघन और अपराधियों को संरक्षण के कई राज्यों में मामले सामने आरहे हैँ उनके विरुद्ध प्रभावी कदम भी नहीं उठाये गये यह स्पष्ट महसूस हो रहा है।

बंगाल में ममता बैनर्जी सरकार का व्यवहार पूरी तरह से केन्द्र विरोधी लगातार चल रहा है। केन्द्र में भी जनता के द्वारा चुनी हुई संवैधानिक सरकार बैठी है। बार बार उसे हर्ट करना आंख दिखाना धमकी देना किसी राज्य सरकार को शोभा नहीं देता और न ही इसकी संविधान इजाजत देता है। 

केन्द्र सरकार नैतिकता के तकाजे में उलझा है कि चुनी हुई राज्य सरकार नहीं गिरानी चाहिये। किन्तु संविधान निर्माता यह समझते थे कि राज्य सरकारें केन्द्र की अवज्ञा कर सकते हैं। इसी लिये उन्होनें राज्य सरकारों को भंग करने का अधिकर संबवधान में दर्ज किया है। यूं भी जब कोई राज्य सरकार आपराधिकता पर आ जाती है तो उसे सत्ता में रहनें का कोई अधिकार नहीं होता है। 
-----------
If the government protects criminals, it does not have the right to rule - Arvind Sisodia

It is very clear that the state government will have to be responsible for a strong law and order. Because the public has elected it for the constitutional governance of law and order. If any state government or its system in any situation supports criminals in immorality or cooperates in violation of law, then it does not have the right to remain in power even for a minute.

Cases of violation of law and protection of criminals are coming to light in many states, and it is clearly felt that effective steps have not been taken against them.

In Bengal, the behavior of the Mamata Banerjee government is completely anti-Central. At the Center too, there is a constitutional government elected by the people. Hurting it repeatedly, threatening it, and threatening it does not suit any state government, nor does the Constitution allow it.

The Central Government is entangled in the moral compulsion that the elected state government should not be toppled. But the constitution makers understood that state governments can disobey the centre. That is why they have included the right to dissolve state governments in the constitution. In any case, when a state government becomes criminal, it has no right to remain in power.

Mamata Banerjee government is completely anti-Central

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism