पहचान छुपाने का अधिकार किसी को नहीं - अरविन्द सिसोदिया jati dharm nam

पहचान छुपाने का अधिकार किसी को नहीं - अरविन्द सिसोदिया 

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग .... इनमें जाती क्यों पूछते हो...! @ नेता जी से जाती पूछो तो इंसल्ट और जनता से जाती पूछो तो कानून...!! यह दोहरा चरित्र न तो संविधान सम्मत है न नैतिकता सम्मत है। अपनी असलियत प्रगट करना ही नैतिकता है।

भारत क्या पूरे विश्व में किसी को भी अपनी पहचान छिपानें का अधिकार नहीं है और दिया भी नहीं जा सकता अन्यथा विदेशी घुसपेठियो सहित अपराधियों तक से उनकी असलियत सामने लाना असंभव हो जायेगा। असली पहचान छुपाना ही आपराधिक है।

बहुत सारे फार्म आज भी इस तरह के हैँ जहां नाम, जाती और धर्म को दर्ज करना पड़ता है।

अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाती, अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी नागरिक अपना नाम, जाती और धर्म को बहुत ही स्पष्टता से प्रगट करते हैँ।

नाम, जाती और धर्म वे ही छिपाते हैँ जो धोखा देना चाहते हैँ। और यह कार्य अपराधीगण ही करते हैँ। यह इस देश का दुर्भाग्य ही है की राजनीति की बड़ी हस्तीयों को भी अपना नाम, जाती और धर्म छिपाना पढ़ रहा है।

जवाहरलाल नेहरू, मोतीलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री , अटलबिहारी वाजपेयी, नरेन्द्र मोदी को कभी अपनी जाती धर्म छुपानें की जरूरत नहीं पढ़ी.......वर्तमान कथित गांधी परिवार को ही इसकी जरूरत क्यों पढ़ रही है। जरूर दाल में कुछ काला है।

आपकी अपनी कमजोरियां हैं इसका नुकसान देश क्यों भुगते ? भारत में बांगला देशी , पाकिस्तानी , रोहिंग्या सहित अनेकों घुसपैठिये ये कहने लगेगें कि मुझे न मेरा नाम बताना, न जाती बतानी और न धर्म बताना ! में तो नाजायज भी हूं और सब कुछ छिपा कर भारत में रहूंगा !! असली नाम जाती और धर्म निवास स्थान पूछने का और जाननें का पूरा अधिकार देश को है। यह पूरी तरह संविधान सम्मत है। पूरी दूनिया में प्रत्येक देश में यह है। इससे भारत को कोई कैसे बंचित रख सकता है। 

राहुल गाँधी - अखिलेश यादव नौटंकी कर रहे हैँ - मायावती 

लोकसभा में जातीय जनगणना के मुद्दे पर जिस तरह से राहुल गांधी-अखिलेश यादव की बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर से बहस हुई उसको लेकर अब बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने संसद में इन नेताओं की तकरार को नाटकबाजी बताते हुए कहा कि आरक्षण को लेकर इनकी पार्टियों का इतिहास घोर ओबीसी-विरोधी रहा है. इन पर विश्वास करना ठीक नहीं है.
राहुल गांधी द्वारा अनुराग ठाकुर पर गाली देने और उनकी जाति पूछने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। अब भाजपा ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है और कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के जातीय सर्वे पर सवाल उठाते हुए पूछा कि राहुल गांधी का आरोप है कि उनकी जाति पूछी गई और यह अपमानजनक है, तो अगर राहुल गांधी की जाति पूछना अपमानजनक है तो फिर देशवासियों की जाति पूछना क्या अपमानजनक नहीं हैं ? ऐसे में कांग्रेस जातीय सर्वे कराकर क्या देशवासियों का अपमान नहीं करेगी ?

'अनुराग ठाकुर ने किसी का नाम नहीं लिया' - संवित पात्रा 

भाजपा सांसद ने कहा कि 'कांग्रेस के 99 सांसद हैं, लेकिन उनका अहंकार ऐसा है कि जैसे बहुमत उनके ही पास है।' संबित पात्रा ने कहा, 'मैं सदन में था। अनुराग ठाकुर ने जब अपने विषय को रखा, तब किसी का नाम नहीं रखा। अनुराग ठाकुर ने ये कहा कि जिसकी जाति का पता नहीं, वे जाति पूछ रहे हैं। 545 लोगों में से सिर्फ एक को बुरा लगा, उसके इशारे पर कांग्रेस सासंद खड़े हो गए। जाति क्या पूछ लिया, हंगामा बरप गया।'

संबित पात्रा ने कहा कि 'राहुल गांधी की तरफ जब सदन में देखता हूं कि तब लगता है कि जैसे वे अपने घर के ड्राइंग रूम में सोफा सेट पर बैठकर टीवी देख रहे हों। हाथ पसारकर, पैर उठाकर, अरे भईया ये तुम्हारे परिवार का ड्राइंग रूम नहीं है। राहुल बाबा ये लोकतंत्र का संसद है। यह भारत के लोकतंत्र का मंदिर है। आपने कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस प्रकार से बैठे हुए देखा है? इसके पूर्व के प्रधानमंत्रियों को ऐसे बैठे हुए देखा है? सोचा भी नहीं जा सकता है। एक गरिमा होती है, गरिमामय तरीके से बैठते हैं लोग।'

संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना  

पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'जाति पूछने पर ऐसा व्यवहार होगा क्या। कांग्रेस सांसद स्पीकर के ऊपर सदन के अहम दस्तावेज फेंक रहे थे, उन्हें लगा कि राहुल गांधी से उनकी जाति पूछ ली गई, लेकिन जो व्यक्ति हर किसी की जाति पूछ सकता है, पत्रकारों की जाति पूछी जा सकती है, हलवा सेरेमनी में शामिल लोगों की जाति पूछ ली जाती है, जजों की जाति पूछी जा सकती है। प्रशासनिक अधिकारी की जाति पूछी जाती है। आप कहते हैं कि हिंदुस्तान को ये जानने का अधिकार है कि किस जाति के कितने सैनिक सेना में हैं। धर्म को कितना अवसर सेना देती है, लेकिन आपसे कोई जाति पूछ लेता है तो मम्मी-मम्मी करने लगते हैं!'

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मोदी ने लिखा- अनुराग ठाकुर की लोकसभा स्पीच जरूर सुनें:कांग्रेस बोली- PM ने संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन किया, यह बेहद अपमानजनक और असंवैधानिक टिप्पणी

30 जुलाई को लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बजट पर भाषण दिया। उन्होंने जाति जनगणना को लेकर कमेंट किया। पीएम मोदी ने अनुराग के भाषण को X पर शेयर किया। 

30 जुलाई को लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बजट पर भाषण दिया। उन्होंने जाति जनगणना को लेकर कमेंट किया। पीएम मोदी ने अनुराग के भाषण को X पर शेयर किया।

संसद का मानसून सत्र चल रहा है। अनुराग ठाकुर के बजट पर दिए भाषण पर विवाद हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X पर लिखा कि अनुराग ठाकुर की लोकसभा में दी गई स्पीच जरूर सुनें। इसमें तथ्यों और हास्य का परफेक्ट मिक्स है। यह भाषण INDI गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है।

मोदी के इस बयान को कांग्रेस ने संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन, बेहद अपमानजनक और असंवैधानिक टिप्पणी करार दिया। कांग्रेस ने ये भी कहा कि अनुराग ठाकुर का भाषण दलितों, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग (OBC) को नीचा दिखाता है।

अनुराग ठाकुर ने 30 जुलाई को लोकसभा में कहा था कि उनकी जाति का पता नहीं और वे जाति जनगणना की बात करते रहते हैं। अनुराग ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि अनुराग ने राहुल गांधी के लिए ऐसा कहा। बयान को लोकसभा की कार्रवाई से हटा दिया गया है।

जयराम रमेश ने लिखा- PM का जरूर सुनें कहना बेहद अपमानजनक
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा- नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने स्पीच के लिए लिखा- जरूर सुनें। यह बेहद अपमानजनक और असंवैधानिक है। पीएम ने भाषण को शेयर भी किया। यह संसदीय विशेषाधिकार के उल्लंघन को बढ़ावा देने जैसा है। बयान को सभी पार्लियामेंट्री नॉर्म्स से हटा दिया गया है, लेकिन ये बयान एडिट होकर बाहर चल रहा है। संसद टीवी ने बिना एडिट की हुई स्पीच लगाई है। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री वीडियो को शेयर और पब्लिकली तारीफ कर रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा स्पीकर को नोटिस दिया। चन्नी ने कहा कि मैंने लोकसभा चलाने के नियम 222 के तहत प्रिविलेज मोशन लाने का प्रस्ताव दिया है। पीएम ने उस बयान को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है।


प्रियंका बोलीं- क्या संसद में देश की 80% आबादी के साथ दुर्व्यवहार होगा

अनुराग ठाकुर के बयान पर सपा के धर्मेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों के दिलों में SC, ST, OBC और मुस्लिमों के लिए जगह नहीं है। हम लगातार जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और सरकार लगातार नकार रही है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं इस तरह के बयान के लिए प्रधानमंत्री के समर्थन की अपेक्षा नहीं कर सकता।
प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के 80% लोग सामाजिक-आर्थिक जनगणना की मांग कर रहे हैं। संसद में कहा गया कि जिसे जाति का नहीं पता, वो जाति जनगणना की बात कर रहा है। क्या अब संसद में भारत की 80% आबादी के साथ दुर्व्यवहार किया जाएगा। पीएम मोदी को इस पर सफाई देनी चाहिए।
अब जानिए, 30 जुलाई को लोकसभा में अनुराग ठाकुर का बयान और राहुल-अखिलेश का विरोध

अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- आपके बोलने के लिए पर्ची आती है। उधार की बुद्धि से राजनीति नहीं चलती। आजकल कुछ लोगों पर जाति जनगणना का भूत सवार है। जिसको जाति का पता नहीं, वो जाति जनगणना कराना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जो भी दलितों की बात उठाता है उसे गाली खानी ही पड़ती है। मैं ये सब गालियां खुशी से खाऊंगा। महाभारत की बात हुई तो अर्जुन को सिर्फ मच्छी की आंख दिख रही थी, तो हमें जातीय जनगणना चाहिए वह हम करा के रहेंगे। इसके पीछे चाहे मुझे कितनी भी गाली दी जाए।
सपा अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव बोले कि कोई किसी की जाति कैसे पूछ सकता है।
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संसद सत्र के सातवें दिन मंगलवार, 30 जुलाई को अग्निवीर और जातिगत जनगणना पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी और अखिलेश यादव भिड़ गए। अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- आपके बोलने के लिए पर्ची आती है। उधार की बुद्धि से राजनीति नहीं चलती। 

सीतारमण बोलीं- मंत्री के हलवा बांटने की परंपरा UPA लाई
तब किसी ने नहीं पूछा अफसरों में कितने SC-ST-OBC

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (30 जुलाई) को बजट पर सांसदों के पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के हलवा बांटने की परंपरा UPA सरकार मे शुरू हुई थी। तब किसी ने नहीं पूछा कि बजट बनाने वाले अफसरों में SC-ST, OBC कितने हैं।

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