भारत भाग्य विधाता अटल जी - अरविन्द सिसोदिया
भारत भाग्य विधाता अटल जी - अरविन्द सिसोदिया
राष्ट्रवादी विचारधारा के पोषक एवं उसे भारत में विशेषकर राजनैतिक क्षेत्र में स्थापित करने में अटलबिहारी वाजपेयी की बड़ी भूमिका रही है। केंद्र सरकार के रुपमें पहली राष्ट्रवादी सरकार बनाने का श्रेय उन्हें मिला रहा है। वे कभी भी पूर्ण बहूमत की सरकार के प्रधानमंत्री नहीं रहे किन्तु आज भी उनकी उपलब्धियां एक प्रधानमंत्री के रुपमें सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वस्पर्शी हैँ। वे भारत के अत्यंत लोकप्रिय राजनेता,वक्ता, व्यंग्यकार, कवि, पत्रकार रहे हैँ ।
अटलजी नें भारत को परमाणु शक्ति से सुसज्जित कर भारत को मज़बूत सुरक्षा कवच दिया, जिससे भारत परमाणु सम्पन्न देश बना, वहीं पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में पराजित किया। किसानों के लिए व्यापक कार्य अटल जी नें प्रधानमंत्री रहते हुए किए जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से गांव गांव को पक्की सड़कों से जोड़ना। किसानों को साहूकारों के मंहगे ब्याज से मुक्ती दिलाने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के द्वारा बेंकों से सस्ती ब्याजदर पर किसान कर्ज उपलब्ध करवाना। फसल बीमा योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीद की व्यवस्था में व्यापक सुधार।
मुझे याद है की तब टेलीफोन लेना बहुत मुश्किल था, बाप बुक करवाता था तो बेटे को मिलता था। अटलजी नें टेलीफोन सेवा के लिए प्राइवेट सेक्टर को अनुमति दी और एक कंपिटिशन उत्पन्न किया और व्यापक संसाधन जुटाये और देश में मोबाईल क्रांति उत्पन्न की। इंटरनेट सेवाओं को व्यापक बनाया।
अटल जी नें संयुक्त राष्ट्र संघ मे भारत की राष्ट्र भाषा हिंदी में भाषण देकर भारत का मान बड़ाया। वहीं 10 वार लोकसभाएन चुन कर जाना भी मायने रखता है। वे 2 वार राज्य सभा में भी रहे। वे मूलरूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे, जब भारत में राष्ट्रवादी राजनैतिक दल भारतीय जनसंघ की स्थापना श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने की तो उन्होंने काम खड़ा करने के लिए संघ से कुछ स्वयंसेवक मांगे, तब उन्हें संघ ने कई प्रचारक दिए थे, जिनमें अटलजी सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुन्दर सिंह भंडारी, भाई महावीर आदि प्रमुख थे। कश्मीर को धारा 370 के द्वारा अलग प्रधानमंत्री, अलग संविधान और अलग ध्वज और कश्मीर में प्रवेश हेतु परमिट व्यवस्था की अनुमति / स्वीकृति नेहरूजी सरकार नें दी तो जनसंघ नें इसका विरोध कर पूर्ण विलय की मान की.... और जनसंघ के अध्यक्ष के रुपमें श्यामाप्रसाद मुखर्जी नें परमिट व्यवस्था तोड़ कर गिरफ्तारी दी और मुखर्जी का निधन शेख अब्दुल्लाह के कश्मीरी प्रधानमंत्री की जेल में हो गया। तब से जनसंघ को संभालने का काम अटलजी और उपाध्याय जी नें ही किया।
अटलजी के भाषणों और कविताओं नें जनसंघ को स्थापित करने में बहुत मदद की और संघर्ष पथ पर चलते चलते भाजपा गठबंधन की केंद्र सरकार बनाई,प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनाये।
जब परमाणु बम बनाया तो कई देशों नें प्रतिबंध लगाये उनका मुकाबला किया। इसी तरह जब आलू प्याज़ की मंहगाई से कुछ राज्यों में भाजपा चुनाव हारी तो उन्होंने मंहगाई को पूरे कार्यकाल नियंत्रित रखा।
सही तथ्य यही है की अटलजी भारत के भाग्य विधाता थे जिनकी सरकार नें भारत को मजबूत सुरक्षा कवच से लेकर जन जन तक विकास और विश्वास को पहुंचाया।
जब नरेंद्र मोदीजी की सरकार सत्ता में आई तो अटलजी को भारत रत्न सम्मान दिया गया और उनके जन्मदिवस को सुशासन दिवस घोषित किया गया।
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