कांग्रेस बताये अडानी पर प्रहार किसे फायदा पहुँचाने के लिए - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस बताये अडानी पर प्रहार किसे फायदा पहुँचाने के लिए - अरविन्द सिसोदिया 
Congress should tell who is benefiting from the attack on Adani - Arvind Sisodia


बांगलादेश में हुये तख्ता पलट के बाद यह बहुत आसानी से समझ आता है कि दूसरे देश किस तरह से किसी देश के राजनैतिक दल और सामाजिक संस्थाओं को अपने फेवर में खरीद लेते हैं और उनसे मन चाहा मकसद हांसिल कर लेते हैं। 

बांगला देश के एक राजनैतिक दल को अपने फेवर में लिया गया, सेना को अपने फेबर में लिया गया और एक झूठा आन्दोलन खडा कर उसकी ओट से तक्ष्ता पलट करवा दिया गया । 

भारत में यह सब लगातार दस वर्षों से देखनें में आ रहा है कि केन्द्र की सरकार के विरूद्ध किसी न किसा बहानें लगातार झूठ खडा करवाया जा रहा है, फिर उसे समर्थन दिया जा कर मुददा बनाया जा रहा है। इस मसलों विदेशी संलिप्तता भी देखनें को मिल रही है। 

आज यही सवाल है कि भारत की कोई भी कंपनी विश्व में आगे बड़ रही है तो हम सभी भारतीयों को उसकी हौंसला अफजाई करनी चाहिये , वह और आगे बडे यह प्रयत्न करना चाहिये, इससे देश की आर्थिक प्रगति भी होगी और सम्मान भी बडेगा। मगर ठीक इसके विपरीत कांग्रेस लगातार अडानी अंबानी के खिलाफ मोर्चा खोले हुये है। जबकि इनसे भारत को काई हॉनी नहीं है, जो भी हॉनी है वह विश्व के अन्य देशों की कंपनियों को हो सकती है, जो प्रतिस्फर्दा में है। प्रश्न यही है कि कांग्रेस दूसरों के लाभ के लिये अपने देश की कंपनियों को क्यों तारगेट कर रही है ?

जेपीसी तो इस बात पर बैठनी चाहिये कि कांग्रेस का आचरण और दूसरे देशों के लोगों के साथ क्या संम्बध हैं और उनसे भारत को क्या हॉनी पहुंचती है। 

After the coup in Bangladesh, it is very easy to understand how other countries buy political parties and social organizations of a country and achieve their desired goals through them.

A political party of Bangladesh was taken in their favor, the army was taken in their favor and a coup was carried out by starting a false movement.

All this has been seen in India for the last ten years that lies are being spread against the central government on one pretext or the other, and then it is being supported and made into an issue. Foreign involvement is also being seen in these matters.

Today the question is that if any Indian company is moving ahead in the world, then all of us Indians should encourage it, we should try to make it move ahead, this will lead to economic progress of the country and also increase respect. But on the contrary, Congress is continuously opening a front against Adani and Ambani. While India will not suffer any loss from them, whatever loss will happen will happen to the companies of other countries of the world, which are in competition. The question is why is Congress targeting the companies of its own country for the benefit of others?

JPC should sit on the issue that what is the conduct of Congress and its relations with the people of other countries and what harm does India suffer from them.

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अमेरिका पिछले 100 सालों से सुपरपावर है।
  *उनको चुनौती देने वाले हर देश को उन्होंने तोड दिया है , बरबाद कर दिया,,*
*जापान ने चुनौती दी तो खतम कर दिया,, USSR ने चुनौती दी तो 17 टुकड़े कर दिए,,*
*इराक ने सर उठाया तो बरबाद कर दिया*
*आजकल चाईना की बारी है ।*
*पिछले 100 सालों से दुनिया के टॉप टेन उद्योगपतियों में अमेरिका के उद्योगपतियों का दबदबा रहा है,, टॉप 10 मे से 8,,9 सिर्फ अमेरिकी उद्योगपति ही होते हैं दूर दूर तक कोई नहीं,,,*
*चीन के "जेक मा" ने तीसरा स्थान हासिल किया तो उनके खिलाफ ""लॉबिंग" शुरु हुई ओर उनको भागना पडा,,*
*अमेरिका की ताकत उनका उद्योग है वो टेक्नोलॉजी और बिजनेस के दमपर पूरी दुनिया को अपने काबु में रखता है,,*
*अगर कोई भी देश अथवा उद्योगपति उनको टक्कर या चुनोती देगा तो वो अरबों रुपये खर्च कर के उनको बर्बाद कर देगा,,,*
     *पिछले पांच सालों मे भारतीय उद्योगपति "अडानी " उंची उडान भर रहा था,,, पिछले साल वो दुनिया का दुसरा सबसे बडा उद्योगपति बन चुका था,, अगर यही रफ्तार रहती तो 2024 में दुनिया का सबसे बडा उद्योगपति बन जाता,, दुनिया भारत की तरफ देखती,,*
*भारत "मेक इन इंडिया" का अभियान चला रहा है,, भारत बहुत बडा बाजार है ,, अगर भारत आनेवाले 20 वर्षो मे आत्मनिर्भर बन जाता है* *तो ,,अमेरिका,,युरोप,,चीन,,,*
*अरब वल्ड को भारी नुकसान उठाना पडेगा,, डालर $ के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत होता जाएगा,,,*
   *भारत में भी लॉबिंग शुरू हो चुकी है ,,, हर देश मे " पप्पूओं " की कमी नहीं होती,,,* *मीडिया को खरीदा जा सकता है ,,,*
*Youtube,,Facebook ,,Google ,,,*
*Twitter ये सारे प्लेटफार्म अमेरिका के हैं वो जब चाहे,, किसी के भी खिलाफ अभियान चला सकता है,,*
*भारत में मूर्खों,,पप्पुओं,,जयचंदों,, गद्दारों की कमी नहीं है,,*
*चीन में ये सब आसान नही है,, वहाँ लोकतंत्र नही है,, वहाँ* 
*प्रोपेगंडा,,झूठ फैलाना आसान नहीं है,,, चीन खुद भारत को आगे बढने से रोक रहा है ।।*
*आनेवाले समय मे "भारत" के लिए चुनौतियां ज्यादा हैं,,*
 *अफगानिस्तान में रशिया के खिलाफ "तालिबान" जैसे संगठनों को खड़ा करने मे अमेरिका ने अरबों,, खरबों डालर खर्च किया था,,*
*भारत को अस्थिर करना तो और भी आसान है,, यहां देशद्रोही और गद्दारों की कमी नहीं है,, यहां के कुछ नेताओं के बयान देखो वो खुल्लम खुल्ला विदेशी एजंटो की तरह काम कर रहे हैं,,, जज बिकते है,,मीडिया बिकती है,,नेता बिकाऊ है ,,*
         *जबतक भारत की जनता* *""समझदार"" चालाक नहीं बनती तब तक भारत "सुपरपावर"" नहीं बन सकता,,*
           *भारत बहुत बड़ा बाजार है कोई भी देश नहीं चाहेगा* *"भारत आत्मनिर्भर" बने इसलिए एसी बातें करने वाली सरकारों को गिराना होगा,,* *विदेशी ताकतें चाहिए भारत में "मिक्स" ( खिचडी) सरकार बने ,,, जिनको हर वक्त सरकार गिरने का डर हो,,*
*भ्रष्टाचार वाली सरकार रहेगी तो अपने हिसाब से नीती,, नियम और कानून बना सकते हैं,, भारत में बिजनेस,,जरुरी शर्तो पर व्यपार करना आसान होगा,,*
*पिछले दस सालों से भारत मे स्थिर और मजबूत सरकार है ,,*
*परेशानी हो रही है ,, खुद के उद्योगपतियों को मजबूत बना रही है,, इनके पर कतरने पड़ेंगे, कोई भी देश की ताकत होती है उनके ""उद्योगपति" जो अपने देश के हुन्नर और चीजों की विदेशों में मार्केटिंग करता है,,* *सरकार का काम है उनके हितों की रक्षा करना,,,*
*अगर आज ""अडानी,,अंबानी,,टाटा,,महिन्द्रा,, दुनिया को चुनौती दे रहे हैं तो उनकी बरबादी जश्न मनाने वाले अपने देश के ये गद्दार क्या विदेशी एजेंट नहीं है,,??*
*इनको पहचानो ये वही जयचन्द है ।।*

 *ये जयचंद इतने जहरीले आस्तीन के साँप है कि इन्हें हर भारत विरोधी बात में खुशी मिलती है. देश की तरक्की से संबंधित कोई भी आकड़ा या रिपोर्ट ये मानने को तैयार नहीं हैं पर अगर देश के विरुद्ध इन्हें कहीं भी कुछ दिख जाए तो ये खुशी से पागल हो जाते हैं.* 

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