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कांग्रेस बताये अडानी पर प्रहार किसे फायदा पहुँचाने के लिए - अरविन्द सिसोदिया

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कांग्रेस बताये अडानी पर प्रहार किसे फायदा पहुँचाने के लिए - अरविन्द सिसोदिया  Congress should tell who is benefiting from the attack on Adani - Arvind Sisodia बांगलादेश में हुये तख्ता पलट के बाद यह बहुत आसानी से समझ आता है कि दूसरे देश किस तरह से किसी देश के राजनैतिक दल और सामाजिक संस्थाओं को अपने फेवर में खरीद लेते हैं और उनसे मन चाहा मकसद हांसिल कर लेते हैं।  बांगला देश के एक राजनैतिक दल को अपने फेवर में लिया गया, सेना को अपने फेबर में लिया गया और एक झूठा आन्दोलन खडा कर उसकी ओट से तक्ष्ता पलट करवा दिया गया ।  भारत में यह सब लगातार दस वर्षों से देखनें में आ रहा है कि केन्द्र की सरकार के विरूद्ध किसी न किसा बहानें लगातार झूठ खडा करवाया जा रहा है, फिर उसे समर्थन दिया जा कर मुददा बनाया जा रहा है। इस मसलों विदेशी संलिप्तता भी देखनें को मिल रही है।  आज यही सवाल है कि भारत की कोई भी कंपनी विश्व में आगे बड़ रही है तो हम सभी भारतीयों को उसकी हौंसला अफजाई करनी चाहिये , वह और आगे बडे यह प्रयत्न करना चाहिये, इससे देश की आर्थिक प्रगति भी होगी और सम्मान भी बडेगा।...

अयोध्या से तो भाजपा ही जीती है, राहुल गाँधी झूठ फैला रहे हैँ - अरविंद सिसोदिया Ayodhya Rahul Jhooth

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अयोध्या से तो भाजपा ही जीती है, राहुल गाँधी झूठ फैला रहे हैँ - अरविंद सिसोदिया  कोटा 7 जुलाई। भाजपा के कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें दावा किया है कि अयोध्या नाम की कोई लोकसभा सीट नहीं है। वहाँ फैजाबाद नामक लोकसभा सीट है जिसमें अयोध्या सहित पांच विधानसभायें हैँ। इस लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा में अयोध्या विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी को बड़त मिली है किन्तु शेष चार विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ने से भाजपा लोकसभा सपा से हार गईं है। अर्थात अयोध्या क्षेत्र में तो भाजपा जीती है उसके बाहर जो दूसरी विधानसभायें थीं वहाँ से भाजपा हारी है। उन्होंने कहा कि इस फैजाबाद सीट पर कभी कांग्रेस का कब्जा रहता था, किन्तु वहाँ की जनता नें रामजन्म भूमी आंदोलन के बाद से कांग्रेस को नकार रखा है। इस दौरान वह मात्र एक बार ही फैजाबाद से जीती। वर्तमान में भी वहाँ कांग्रेस नहीं सपा जीती है। सिसोदिया नें दावा किया है कि फैजाबाद सीट में पांच विधानसभा सीटें हैँ, उनमे से एक अयोध्या है जिस पर भाजपा प्रत्याशी को लगभग पांच हजार वोट से जीत मिली हुईं है, किन्तु वे अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों से पिछड़ने ...

क्या प्रियंका को वायनाड भेजेंगे ?

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  क्या प्रियंका को वायनाड भेजेंगे ? कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी केरल की वायनाड़ और उत्तरप्रदेश की रायबरेली के चुनाव जीते हैं। अब उन्हे एक सीट खाली करनी होगी । पूरी संभावना है कि वे वायनाड़ खाली करेंगे , क्यों कि वायनाड को दुबारा जीता जा सकता है। जबकि रायबरेली में खेला हो सकता है। प्रश्न यही है कि क्या प्रियंका गांधी को राहुल गांधी वायनाड चुनाव लडनें की इजाजत देंगे या फिर कोई बहाना बना कर उन्हे संगठन में ही लटकाये रखेंगे। हलांकी यह मामला कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है मगर फिर भी चर्चा में इसलिये है कि सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि राहुल कौन सी सीट खाली करेंगे और उस पर कौन लडेगा। राहुल गांधी के जिद्दी स्वभाव को देखते हुये तो लगता है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस की टिकिट पाना बहुत मुस्किल होगा। पर जिस तरह सोनिया गांधी राज्य सभा में हैं ही उससे लगता है कि प्रियंका गांधी को भी लोकसभा नहीं तो राज्यसभा में अवश्य सेट किया जायेगा। एक दूसरी संभावना यह है कि प्रियंका को वायनाड से चुनाव लडा कर केरल को भी साधा जाये और राहुल को उत्तरप्रदेश में रख कर उसमें काम बडाया जाये। क्यों कि राहुल ...

नितीश कुमार खुश, कांग्रेस राजकुमार के आगे लगाया फूलस्टाप

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नितीश कुमार खुश, कांग्रेस राजकुमार के आगे लगाया फूलस्टाप ! कांग्रेस जिस गठबंधन के सहारे अपनी ताकत दो गुनी कर पाई है, उसके असली जनक बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ही थे। सबसे पहले अपना आइडिया लेकर नितीश ही कांग्रेस दिग्गजों से मिले थे। आइडिया अच्छा था, कारगर था, मगर कांग्रेस के मन में कपट यह था कि गठबंधन कि अगुवाई राहुल गांधी ही करें ताकी वे प्रधानमंत्री बनें...! और उसी नीती पर कांग्रेस नें काम आगे बड़ाया गया! कांग्रेस नें गठबंधन के सभी निर्णय लटकाये रखे जैसे कि न नेता बनने दिया, न नीती बनने दी, न सीटों का बंटवारा किया और सभी विषय लटकाये रखे ! जब प्रेस कॉन्फ्रेंसो से भी नितीश को आउट किया गया, अपमानित किया गया तो वे समझ गये कि कांग्रेस गठबंधन में उनके लिए कुछ नहीं है। यही बात ममता जी के साथ भी हुईं...ममता जी की बधाई का जबाब भी राहुल गांधी नें देना उचित नहीं समझा......! राहुल और अखिलेश में भी काफी समय तक अन बन रही....! इसलिए यह नहीं है कि कांग्रेस गठबंधन में कोई आंतरिक एकता मजबूती है। बछी बात नहीं कि वह समय आये कि ममता या अखिलेश भाजपा के साथ खडे नजर आयें ......!!  फिलहाल ...

क्या यह हार से पहले की बौखलाहट है - अरविन्द सिसोदिया

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क्या यह हार से पहले की बौखलाहट है  - अरविन्द सिसोदिया  Is this the panic before defeat - Arvind Sisodia कांग्रेस गठबंधन को एहसास है कि वे चुनाव हार रहे हैं और इसीलिए प्रेसर पोलटिक्स उन्होनें प्रारथ्भ कर दी है। ईडी गठबंधन की हार का मुख्य कारण प्रधानमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं होना ही है, जबकि एनडीए के पास मजबूत चेहरे के रूप में मोदी जी मौजूद थे।  कांग्रेस के बड़े नेता जयराम रमेश नें बिना किसी सबूत के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है कि 150 जिला कलेक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है। इंडी गठबंधन की एक औपचारिक बैठक हुईं और फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि 295 प्लस सीटें एलान्स जीतेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे निर्वाचन आयोग भी कुछ शिकायतें लेकर जायेंगे। यह दोनों वक्तव्य चुनाव में लगे अधिकारी कर्मचारी वर्ग पर दबाव बनाने का है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे नें राहुल गाँधी को अगले पी एम के लिए आगे बड़ाया तो बिहार से तेजस्वी यादव का वक्तव्य आया कि पी एम का चुनाव परिणामों के बाद करेंगे। वही इस बैठक में बंगाल से...

कांग्रेस के पैर की जूती बनाने वाला गठबंधन आखिर बिखरना ही है - अरविन्द सिसोदिया

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कांग्रेस के पैर की जूती बनाने वाला गठबंधन आखिर बिखरना ही है - अरविन्द सिसोदिया जब विपक्ष का गठबंधन बन रहा था तब ही बहुत से विपरीत लक्ष्य और आकांक्षायें थीं । जैसे पलटूराम नितिश कुमार का गठबंधन का नेता बनने की इच्छा थी, ममता और केजरीवाल अपने आप को गठबंधन का स्वयंभू नेता मानते थे। सबसे बडी बात बैठ कर भी कांग्रेस ने कभी अपने पत्ते नहीं खोले और वह गठबंधन की स्वयंभू नेता बनी रही , अभी भी कांग्रेस ही गठबंधन की नेता है। उसने जो व्यवहार अभी तक प्रदर्शित किया उससे तो अन्य दलों को कांग्रेस ने देसी भाषा में पैर की जूती मात्र माना है। में क्षमा चाहता हूं इस शब्द के लिए लेकिन यही सच है। इस तथकथित गठबंधन में सब एकत्र मात्र इसलिए होते रहे कि इसका इस्तेमाल कर अपनी ताकत बडा लेंगे या अपनी हॉनी रोक लेंगे। मगर गठबंधन का नाम रखने से लेकर पत्रकारवार्ताओं तक में मात्र कांग्रेस राजकुमार राहुल गांधी ही नेता बने रहे , उन्होनें किसी भी अन्य को कोई महत्व नहीं दिया । यहां तक... न ही सीटों का बंटवारा किया और न ही कॉमन मिनीमम एजेण्डा सेट किया । कुल मिला कर हर मामले को टाल कर अपनी ही अपनी करते हुए कांग्रे...

कांग्रेस को भारत के नायक "श्रीराम" से इतना दुराग्रह क्यों ? - अरविन्द सिसोदिया

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कांग्रेस को भारत के नायक रघुनायक "श्रीराम" से इतना द्वेष क्यों ? - अरविन्द सिसोदिया जिसने भी श्रीराम का निमंत्रण ठुकराया है उसे रामद्रोही ही कहा जायेगा - अरविन्द सिसोदिया अब भारत में दो ही पहचान हैँ एक राम भक्त और दूसरी रामद्रोही - अरविन्द सिसोदिया  राहुल गांधी नें अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न होनें के दूसरे दिन ही मंगलवार 23 जनवरी को गुवाहाटी में एक पत्रकारवार्ता में, एक बार फिर से भारत के आराध्य एवं जन जन के श्री राम पर हमला बोलते हुए कहा है कि " देश में कोई राम लहर नहीं है ! " उनकी यह अभिव्यक्ति देश में घटित हो रहे सच को झुठलाने वाली है, राम उत्सव की विराटता को नकारने वाली थी, उनका कथन झूठ को परोसने वाला राजनैतिक षड्यंत्र है। राहुल का यह झूठ राम जी का भी अपमान माना जायेगा, देश का भी अपमान माना जायेगा, भारतीय संस्कृति का भी अपमान माना जायेगा, सबसे महत्वपूर्ण यह है की सत्य का अपमान भी उनकी यह अभिव्यक्ति है। इस तरह के झूठे राहुल को एक्सीपोज किया जाना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। क्योंकि यह देश की जनशक्ति का भी अपम...

बड़े निर्णय लेने में ही समस्या ख़डी होगी कांग्रेस गठबंधन को - अरविन्द सिसोदिया modi - nda vs india

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को केंद्र की सत्ता से हटाने के उद्देश्य को लेकर के बने अजीब से नाम के गठबंधन का शॉर्ट फॉर्म " इंडिया " रखा गया है। यह मूलतः एक प्रकार की राजनैतिक खुराफ़ात है। इस नये नाम को अंग्रेजी में रखा गया और जो फूल फॉर्म में कहा जाये तो किसी को याद ही नहीं रहेगा। मगर नाम रखना किसे है असल में तो देश के मतदाताओं को धोखा देना है। कुल मिलाकर यह यह एक प्रकार की अघोषित धोखाधड़ी है, यूपीए के नाम से गत दस वर्ष से लगातार असफल चल रहे थे, नाकाम हो रहे थे, लगातार फेल हो रहे थे, सीटें भी ऐतिहासिक रूप से कम हो गईं, इसलिए कांग्रेस गठबंधन नें अपना नाम बदलकर कर इंडिया गठबंधन रख लिया है और उनको आशा है कि अब हमने अपना नाम इंडिया रख लिया है, इसलिए जनता हमें ही सर्वोपरी मानेगी। इसलिए हम अच्छे भी हो गये, सच्चे भी हो गये, यूपीए ने नाम पर लगे सभी दाग भी धूल गये। अब हमें चुनो, हमें ज़िताओ हमें केंद्र की सत्ता दो और मोदीजी को सत्ता से हटाओ। कश्मीर में एक समस्या देखी गई थी नाबालिग और छोटे-छोटे बच्चों से पत्थर सेना पर फिकवाओ और भाग जाओ। अर्थात पत्थर फेंको और भाग जाओ औ...

क्या मोदी फोबिया से पीड़ित हैं राहुल - अरविन्द सिसोदिया

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क्या मोदी फोबिया से पीड़ित हैं राहुल  - अरविन्द सिसोदिया क्या मोदी फोबिया से पीड़ित हैं राहुल  - अरविन्द सिसोदिया  Is Rahul suffering from Modi phobia - Arvind Sisodia The truth is that Congress and Rahul Gandhi are afraid of Narendra Modi's public popularity, are afraid of his efficiency, are afraid of his hard work to get results and that is why they keep humiliating Prime Minister Modi day by day. Keep criticizing. Keeps spreading lies. Same was the condition of Mrs. Sonia Gandhi when Modi was the Chief Minister of Gujarat. सच यही है कि कांग्रेस व राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी जी की जन लोकप्रियता से भयभीत हैं, कार्यक्षमता से भयभीत हैं, उनकी परिणाम प्राप्ती की कर्मठता से भयभीत है और इसी कारण दिन प्रतिदिन वे प्रधानमंत्री मोदी जी को गरियाते रहते है। आलोचना करते रहते है। झूठ फैलाते रहते है। यही हाल श्रीमती सोनिया गांधी जी का भी था जब मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री थे।  इन दिनों कांग्रेस के युवराज व अघोषित सर्वोच्च राहुल गाँधी.....!  हलाँकि उनका सरनेम काफ़ी विवादित है..... ...

कांग्रेस का विलाप, सहानुभूति बटोरने का प्रयास - अरविन्द सिसौदिया Congress tries to garner sympathy

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  कांग्रेस का विलाप गलत , राहुल के निर्णय को ही अदालत नें पूरा किया कांग्रेस का विलाप, सहानुभूति बटोरने का प्रयास - अरविन्द सिसौदिया Congress laments, tries to garner sympathy - Arvind Sisodia  कांग्रेस अनाप सनाप बातें कर रही है, विपक्ष के कई अन्य नेता गण भी राहुल की सजा और सदस्यता समाप्त को लेकर निंदा कर रहे हैँ। अब एक बार फिर कथितरूप से लोकतंत्र और संविधान खतरे में आ गया है। जबकि सूरत की अदालत के निर्णय पर कांग्रेस का विलाप पूरी तरह अनुचित है और सत्तापक्ष पर मिथ्यारोपण का तो उन्हें कोई अधिकार ही नहीं है । कांग्रेस का यह छलपूर्ण आचरण भी अपराध है। अदालत का निर्णय तो क़ानून में लिखें शब्दों के अनुरूप ही आया है, यह सब तो स्वयं राहुल गाँधी के निर्णय के कारण ही हुआ, उनके ही सिद्धांत के कारण हुआ। जब 10 साल पहले , लालू प्रसाद यादव की इसी तरह सदस्यता जाने वाली स्थिति से बचानें के लिये उनकी ही पार्टी के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लाये गये आध्यादेश अर्थात कानूनी बचाव के उपाय को , उन्होंने " नानसेन्स " कह कर फाड़ दिया था । प्रेस के सामने सार्वजनिक रूप से फाड़ा था। अब वे उसमें ...

राहुल और कांग्रेस से देश को सावधान रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया

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राहुल और कांग्रेस से देश को सावधान रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया   इन दिनों राहुल गाँधी ब्रिटेन की सुनियोजित यात्रा पर हैं,  माना जाता है की लोकसभा 2024 के चुनावों को ध्यान में रख कर वे भारत की ताकतवर भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पर लगातार राजनैतिक हमले कर रहे हैं। भारत के बाहर इस तरह की आलोचना को देश अपमान के रुपमें देख रहा है। उनके वक्तव्य जिन ताकतों की इच्छापूर्ती कर रहे हैं, उनके द्वारा परोसे जा रहे विचार या बोले जा रहे शब्द जो हैं, वे भारतीय हितचिंतक कतई नहीं हैं। क्यों कि जो भी राहुलजी के माध्यम से आ रहा है, वह भ्रमित करने वाला एवं पूरी तरह झूठ से समवेशीत भारत विरोधी और विदेशी ताकतों को फायदा पहुंचाने वाला भी होता है। ब्रिटेन में वे एक दिन चीन को अच्छा बताते हैं, क्यों कि चीन का चंदा राजीव गांधी फ़ौण्डेशन में आया है यह मीडिया भी कहता है और राहुलजी सहित पूरे परिवार का चित्र चीनी राष्ट्रपति के साथ भी है । फिर राहुल जी के सालाहकारों को लगा होगा कि इससे अमरीका - ब्रिटेन नाराज हो जायेंगे, सो तुरंत ही अगले दिन हल्की पलटीमार कर चीन से भारत को खतरा बता देते हैं और ब्रिटेन व अमरीका स...

डबल रोल : देश में सन्यासी और विदेश में फिरंगी

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डबल रोल : देश में सन्यासी और विदेश में फिरंगी कोंग्रस का डबल स्टेण्डर्ड सभी जानते हैं। मगर इसवार डबल लुक सामने आ गया। कांग्रेस के सुपर युवराज राहुल जी इन दिनों ब्रिटेन में हैं। यह वही ब्रिटेन है जिसनें भारत को न केबल गुलाम बनया बल्कि जम कर लूटपाट की, खून बहाया और जाते जाते देश का विभाजन किया। करोड़ों हिन्दुओं और मुसलमानों के जीवन को गर्त में धकेला। आज भी ये फुट डालो और अस्थिरता फैलाओ में लगे हैं। कांग्रेस युवराज नें ब्रिटेन में अपने शुभचिंतकों के लिये अपने सन्यासी वाले वेश को फिरंगी वाले वेश में तब्दील कर लिया. वहाँ भाषा भी वे फिरंगियों वाली ही बोले। राहुल का देश को नीचा दिखानें का यही बर्ताव उन्हें देश के जनमत से अलग करता है और चुनाव में उनकी पराजय सुनिश्चित करता है। ------ *पुलवामा के जिस आतंकी हमले में बलिदान हुए 42 जवान, उसे राहुल गाँधी ने बताया ‘कार ब्लास्ट’, पाकिस्तान का नाम तक न लिया: कैंब्रिज में ‘लोकतंत्र पर खतरा’ का प्रोपेगेंडा बढ़ाया* *कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को ‘लर्निंग टू लिस्निंग इन 21 सेंचुरी...

राहुलजी, कांग्रेस की शिक्षा एवं विदेशनीती नें ही भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया - अरविन्द सिसौदिया education and foreign policy

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  राहुलजी, कांग्रेस की शिक्षा एवं विदेशनीती नें ही भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है - अरविन्द सिसौदिया Rahulji, the education and foreign policy of Congress has harmed India the most - Arvind Sisodia करते थे..... कांग्रेस के शासन में अकबर महान था, महाराणा प्रताप पहाडी चूहे थे, क्रांतिकारी भगतसिंह आदि आतंकी हुआ करते थे तो विक्रमादित्य लापता थे। मुगल महान रटते रटते बीए / एम ए करना पडता था। इसलिये कांग्रेस की और राहुल बाबा की शिक्षा नीति भारत तो कतई नहीं चाहिये। कांग्रेस और उसके प्रमुख शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, हुमायूं कबीर ,एम. सी. सी. छागला  , फखरुद्दीन अली अहमद , प्रो. एस. नूरुल हसन (राज्य मंत्री)  नें जो भारत का इतिहास मुगलों की महानतर में बदलनें के लिये बनवाया और पढ़वाया उससे अब भारत तौबा करता है।   रही सही कसर कांग्रेस के अन्य शिक्षा मंत्री अजुर्न सिंह और कपिल सिब्बल  नें पूरी कर दी थी।  इसलिये कांग्रेस की शिक्षा नीति से तौबा तौबा । वह शिक्षा ही क्या जो राष्ट्रभाव न सिखा सके। दासता और गुलामी की चादर में स्वाभिमान को ढांक देनें वाले ...

साम्प्रदायिकता फैलानें में गिरफतारसुदा पादरी से मुलाकात कर राहुल क्या संदेश दे रहे है ?

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  धर्म के आधार पर देश के आरोपी गिरफतारसुदा “ईसाई पादरी” से मुलाकात कर राहुल क्या संदेश दे रहे है ? What message is Rahul giving by meeting the accused arrested "Christian priest" of the country on the basis of religion?     कांग्रेस की “ भारत जोड़ो यात्रा “ पर निकले कांग्रेस युवराज नें एक ब्रेक के दौरान तमिलनाडु में भारत विरोधी हेड स्पीच में गिरफतार हो चुके एक पादरी से मुलाकात कर, देश को संदेश दे दिया है कि देश से भी बडा वह व्यक्ति है जो भारत के विरूद्ध बोलने वाला हो या मोदी जी को अपशब्द बोलने वाला हो। मुख्य सवाल वीडियो का नहीं है, बल्कि उससे बड कर देश में साम्प्रदायिकता फैलानें वाले गिरफतारसुदा पादरी से ही मुलाकात की क्या जरूरत थी का है । यही सवाल मुख्यरूप से देश के सामनें है । पिछले साल जॉर्ज पोन्नैया का वीडियो सोशल माडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद पोन्नैया को गिरफ्तार किया गया था। पादरी के ऊपर सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के आरोप लगे और कई शिकायतें भी दर्ज कराई गई। बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट ने भी जमकर फटकार लगाई थ...

चिन्तन शिविर - राहुल इज फस्ट राहुल इज मस्ट ! Congress Chintan Shivir

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   कांग्रेस में कई बार चिन्तन हुये हैं, मामूलीतौर पर पार्टी में कुछ दिखावटी परिवर्तन होते रहे हैं , किन्तु मूलरूप से पार्टी अपनी पुरानी सोच से बाहर नहीं निकली है, कांग्रेस के इतिहास में हिन्दू के प्रति ईमानदारी कभी नहीं रही है । जबकि इसे हिन्दू नाम के नेता ही संचालित करते रहे हैं । मुख्य विषय यही है कि एक हिन्दू देश को आप कब तक धोका दे सकते हैं। वर्तमान में जो भी विचार हैं , वह हिन्दू के अपने देश के स्वामित्व के साथ है । वर्तमान हिन्दू पीढ़ी अपने हुटे हुये माल को कब्जाई सम्पत्तीयों को, अपने बर्चस्व को प्राप्त करना चाहती है। जिसे अभी तक टाला जाता रहा ।  भारत का विभाजन जब हिन्दू मुस्लिम समस्या के कारण हुआ था और पाकिस्तान मुस्लिम पक्ष को दे दिया गया था तो भारत के हिन्दूओं को उनका हक , उनका न्याय, उनका स्वामित्व दिया जाना चाहिये था। जिसे लगातार नजर अंदाज किया गया। जो अन्याय इस्लामिक आक्रांताओं के स्वलिखित इतिहास में लिखें हैं, उनके साथ तक न्याय नहीं करवा गया। बल्कि कांग्रेस के द्वारा ही तुष्टिकरण की नीती पर काम हुआ। भारत के खजानें पर अल्पसंख्यकों का पहला हक बताया गया। इसी कारण...