राहुलजी, कांग्रेस की शिक्षा एवं विदेशनीती नें ही भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया - अरविन्द सिसौदिया education and foreign policy
राहुलजी, कांग्रेस की शिक्षा एवं विदेशनीती नें ही भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है - अरविन्द सिसौदिया
Rahulji, the education and foreign policy of Congress has harmed India the most - Arvind Sisodia
कांग्रेस के शासन में अकबर महान था, महाराणा प्रताप पहाडी चूहे थे, क्रांतिकारी भगतसिंह आदि आतंकी हुआ करते थे तो विक्रमादित्य लापता थे। मुगल महान रटते रटते बीए / एम ए करना पडता था। इसलिये कांग्रेस की और राहुल बाबा की शिक्षा नीति भारत तो कतई नहीं चाहिये।
कांग्रेस और उसके प्रमुख शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, हुमायूं कबीर ,एम. सी. सी. छागला , फखरुद्दीन अली अहमद , प्रो. एस. नूरुल हसन (राज्य मंत्री) नें जो भारत का इतिहास मुगलों की महानतर में बदलनें के लिये बनवाया और पढ़वाया उससे अब भारत तौबा करता है। रही सही कसर कांग्रेस के अन्य शिक्षा मंत्री अजुर्न सिंह और कपिल सिब्बल नें पूरी कर दी थी। इसलिये कांग्रेस की शिक्षा नीति से तौबा तौबा । वह शिक्षा ही क्या जो राष्ट्रभाव न सिखा सके। दासता और गुलामी की चादर में स्वाभिमान को ढांक देनें वाले लोगों से जितना जल्दी हो छुटकारा पाना ही अच्छा होता है।
कांग्रेस की विदेशनीति में ही पाकिस्तान बना, चीन को तिब्बत दिया.............
कांग्रेस की ही विदेशनीति के कारण देश का विभाजन हुआ, पाकिस्तान बना,जम्मू और कश्मीर उलझा, चीन को तिब्बत दिया गया ....पीओके को लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ में गये, 1965, 1971 की युद्ध विजयों के वाबजूद पीओके वापस नहीं लिया गया । तौबा तौबा कांग्रेस की विदेशनीति से ।
मोदीजी के नेतृत्व में पाकिस्तान और चीन को घर में घुस कर मार रहे हें। तमाम दुनिया में भारत का रौब रूतबा बडा है। भारत को अब अमरीका,रूस और चीन नजर अंदाज नहीं कर पाते हैं।
राहुलजी आप को शिक्षा और विदेशनीति क्या समझ आयेगी ? आती तो आप देशहित के टिविट करते, आपतो मोदी जी से, संघ परिवार से और भाजपा से नफरत करते हो। नफरत की दुकान खोले हो , झूठ बोलते हो कि प्यार की दुकान खोलेंगे...! सब के पास आपके बाराबर का ही दिमाग और सोचनें की क्षमता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशहित के परिणाम दिये है। परिश्रम से पुरूषार्थ से देशहित करके दिखाया है। उनके नेतृत्व में देश की शिक्षा और देश की विदेशनीति नये नये आयाम स्थापित करेगी । यह विश्वास पूरा देश करता है।
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राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति पर उठाए सवाल, कहा ‘भ्रमित करने वाली इवेंट बेस्ड नीति’
हैप्पी न्यू ईयर कहते हुए प्रधानमंत्री और अडानी पर ली चुटकी, टी-शर्ट के सवाल पर कहा 'मैं सर्दी से नहीं डरता,'
Dec 31, 2022
Rahul Gandhi on India foreign policy : राहुल गांधी ने देश की विदेश नीति पर सवाल उठाया है। उन्होने कहा कि ‘हमारी विदेश नीति कन्फ्यूज़्ड है जो इवेंट बेस्ड और गैर रणनीतिक है।’ उन्होने कहा कि इसका फायदा दूसरे देश उठाते हैं। उन्होने कहा कि इस विदेश नीति के कारण हिंदुस्तान को बहुत नुकसान हो रहा है और इसका नुकसान भविष्य में भी उठाना पड़ सकता है। उन्होने कहा कि मैं कोविड के समय लगातार कह रहा था कि समस्या आ रही है, लेकिन कोई सुनता नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि देश में नफरत की राजनीति चल रही है और वो इसी को मिटाना चाहते हैं।
चीन के सवाल पर कही ये बड़ी बात
वहीं चीन के मुद्दे पर किए गए सवाल पर राहुल ने जवाब दिया कि ‘मैं शहीद परिवार का हूं। मेरे पिता और दादी शहीद हुए। हम जैसे लोग जानते हैं कि ऐसे में क्या महसूस होता है। मैं समझता हूं कि एक युवा जब अपनी जान देने के लिए खड़ा होता है तो उसके परिवार पर क्या बीतती है। ये बीजेपी की टॉप लीडरशीप में कहीं नहीं है। उनके यहां किसी परिवार में कोई शहीद हुआ है। इसीलिए मैं चाहता हूं कि हमारा एक भी सिपाही शहीद न हो। मैं ये नहीं चाहता कि हम इस बात को बहुत आसानी से लें और सेना को राजनीतिक फायले के लिए इस्तेमाल करें, फिर उसका नुकसान हमारे जवानों और उनके परिवारों को हो। जो जवान सीमा पर हैं, मैं जानता हूं उन्हें किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है। मैं उनसे प्यार करता हूं और चाहता हूं उन्हें कोई चोट न पहुंचे। हमारी सरकार ने चीन के मुद्दे को मिस हैंडल्ड कर दिया है।’ उन्होने कहा कि जब मैं सरकार की बात करता हूं तो वो कहते हैं कि मैं सेना की बात कर रहा हूं। राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर हम और पूरा विपक्ष सरकार की मदद करने को तैयार है, लेकिन वो असल वस्तुस्थिति तो हमारे सामने रखें।
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खामियों से भरी शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत- राहुल खामियों से भरी शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत- राहुल
31 Dec 2022
शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसमें बहुत खामियां हैं इसलिए पूरी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसमें बहुत खामियां हैं इसलिए पूरी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है। गांधी ने शनिवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की नई शिक्षा नीति की दिशा अलग है। देश में जो शिक्षा नीति चल रही है वह बच्चों में नई सोच विकसित नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा,"बच्चों को जो दृष्टि दी जानी चाहिए थी वह नहीं दी जा रही है। मैं कन्याकुमारी से दिल्ली तक 108 दिन पैदल चल कर पहुंचा हूं और इस दौरान मैंने हजारों बच्चों से बात की और बच्चों से पूछा कि वे क्या करेंगे तो सिर्फ एक लड़की ने कहा कि वह अपना बिजनेस चलाना चाहती और लड़के ने कहा कि वह मैकेनिक बनना चाहता है। मैंने जितने बच्चों से बात की उनमें से 99 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि वे डॉक्टर, वकील, आईएएस, पीसीएस बनना चाहते हैं। सवाल है हर साल आईएस में कितने बच्चे बनते हैं, ढाई सौ लेकिन बच्चे इस परीक्षा में बैठते हैं पांच से छह लाख। इसका मतलब यह हुआ कि हम शिक्षा के जरिए बच्चों को सही रास्ता ही नहीं दिखा रहे हैं। हमारी शिक्षा व्यवस्था कल्पना को मारने वाली है और इस शिक्षा व्यवस्था से बच्चों के साथ धोखा हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है लेकिन यह काम एक-दो साल में नहीं हो सकता है। भाजपा सरकार जो नई शिक्षा नीति लाई है उसकी दिशा ही अलग है। उनका कहना था कि भारत को उत्पादकता वाला देश बनाने की ज़रूरत है, किराए पर चलने वाला देश नहीं चाहिए। नई सोच के साथ देश के विकास के लिए स्किल को सम्मान देने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि है जब तक कौशल विकास को सम्मान नहीं मिलेगा देश प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा,"मैंने बच्चों से सवाल किए लेकिन किसी बच्चे ने नहीं बताया कि वह अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता, पायलट बनना चाहता है। हमारी शिक्षा व्यवस्था में उन्हें नए प्लेटफार्म से जीवन जीने के नये आइडिया नहीं दे पा रही है इसलिए बच्चे नई सोच के साथ जीवन की कल्पना नहीं कर पा रहे हैं। देश की दो-चार लोग ही देश की संपत्ति पर कब्जा करें यह नहीं होना चाहिए। सभी को मौका मिलना चाहिए और यह तभी संभव है जब बच्चों में नई सोच को विकसित की जाएगी।"
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भारत के शिक्षा मंत्रियों की सूची (1947-2022)
नाम कार्यकाल
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद 15 अगस्त 1947 22 जनवरी 1958
डॉ. के. एल. श्रीमली (राज्य मंत्री) 22 जनवरी 1958 31 अगस्त 1963
हुमायूं कबीर 01 सितम्बर 1963 21 नवम्बर 1963
एम. सी. सी. छागला 21 नवम्बर 1963 13 नवम्बर 1966
फखरुद्दीन अली अहमद 14 नवम्बर 1966 13 मार्च 1967
डॉ. त्रिगुण सेन 16 मार्च 1967 14 फरवरी 1969
डा. वी. के आर. वी. राव 14 फरवरी 1969 18 मार्च 1971
सिद्धार्थ शंकर रे 18 मार्च 1975 20 मार्च 1972
प्रो. एस. नूरुल हसन (राज्य मंत्री) 24 मार्च 1972 24 मार्च 1977
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प्रो. प्रताप चंद्र चंदर 26 मार्च 1977 28 जुलाई 1979
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डॉ. करन सिंह 30 जुलाई 1979 14 जनवरी 1980
बी. शंकरंद 14 जनवरी 1980 17 अक्टूबर 1980
एस.बी. चव्हाण 17 अक्टूबर 1980 08 अगस्त 1981
शीला कौल (राज्य मंत्री) 10 अगस्त 1981 31 दिसम्बर 1984
के.सी. पंत 31 दिसम्बर 1984 25 सितम्बर 1985
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) 25 सितम्बर 1985 25 जून 1988,
पी. शिव शंकर 25 जून 1988 02 दिसम्बर 1989
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) 25 दिसम्बर 1994 09 फरवरी 1995,
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) 17 जनवरी 1996 16 मई 1996
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वी.पी. सिंह (प्रधानमंत्री) 02 दिसम्बर 1989 10 नवम्बर 1990
राजमंगल पांडे 21 नवम्बर 1990 21 जून 1991
अर्जुन सिंह 23 जून 1991 24 दिसम्बर 1994,
माधवराव सिंधिया 10 फरवरी 1995 17 जनवरी 1996
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अटल बिहारी वाजपेयी (प्रधानमंत्री) 16 मई 1996 01 जून 1996
एस. आर. बोम्मई 05 जून 1996 19 मार्च 1998
डॉ. मुरली मनोहर जोशी 19 मार्च 1998 21 मई 2004
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अर्जुन सिंह 22 मई 2004 22 मई 2009
श्री कपिल सिब्बल 22 मई 2009 28 अक्टूबर 2012
एम.एम. पल्लम राजू 29 अक्टूबर 2012 25 मई 2014
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स्मृति ईरानी 26 मई 2014 05 जुलाई 2016
प्रकाश जावडेकर 05 जुलाई 2016 30 मई 2019
रमेश पोखरियाल 'निशंक' 30 मई 2019 07 जुलाई 2021
धर्मेंद्र प्रधान 07 जुलाई 2021 अब तक
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