हिन्दू अपने में हनुमानजी सा बल, शौर्य व पराक्रम जाग्रत करें - अरविन्द सिसोदिया lord hanuman ji

हर हिन्दू हनुमानजी सा बल, शौर्य व पराक्रम अपने में जाग्रत करें - अरविन्द सिसोदिया

भारत एक अनादिकालीन हिन्दू राष्ट्र है, हिन्दू राष्ट्र ही था और हिन्दू राष्ट्र ही है।  इस समृद्ध हिन्दू राष्ट्र पर कई बाहरी आक्रमणकारीयों नें आक्रमण किये, कुछ नें कुछ कुछ समय राज भी किया और वे हिन्दूओं में ही विलीन हो गये या लौट गये।

इसी तरह के आक्रमणकारीयों में इस्लामी आक्रमणकारीयों का क्रूर शासन भी रहा, उस दौरान हिन्दुओं का बड़ा धर्मानांतरण हिंसा के बल पर हुआ, जो आज भारतीय मुसलमान हैं।  

ज्यादातर मुस्लिम शासकों को हरा कर ईसाई आक्रमणकारीयों नें भारत पर राज किया, उन्होंने भी हिंसा और प्रलोभन के बल पर धर्मानांतरण किया,  जो कि भारतीय ईसाई हैं। इन बाहरी आक्रमणकारियोँ को भारत के संबिधान मे अल्पसंख्यक के नाम पर संरक्षण और शक्ति प्रदान कि गई। जिसका भेजा फायदा मस्जिदों और मिशनरियों नें हिंदुत्व के विरुद्ध उठाया। जबकि हिन्दुओं में निरंतर फुट डालो अभियान चला कर उन्हें बांटा गया और  अधिकार विहीन करने की कोशिसें कि गईं जो अभी तक चल रहीं हैं।

अंग्रेजों नें 1857 के विद्रोह के बाद अपनी मुस्लिमनीति परिवर्तित की और मुसलमानों को अपनी ओर मिला कर राजभक्त ( ब्रिटिश राज्य  के साथी ) मुसलमान बनाया। अंग्रेज अधिकारीयों भारतीय मुसलमानों को समझाया कि तुम भी भारत पर आक्रमणकारी और हम भी भारत पर आक्रमणकारी इसलिए हमें मिल कर रहना चाहिये। इस  ब्रिटिश मुस्लिम गठबंधन के कारण अलीगढ यूनिवर्सिटी बनीं, मुस्लिम लीग बनीं, अलग मुस्लिम कांस्टेसी बनीं, और 1947 में अलग पाकिस्तान बना। पाकिस्तान बनने के बाद भी , अभी भी यह गठबंधन जारी है। जो बीबीसी की खबरों के माध्यम से अनेकों अवसरों पर प्रगट होता रहता है। जो कि मूलरूप से भारत के हिन्दुओं के विरुद्ध है।

ब्रिटिश सरकार नें अपने  विश्वनीयों को भारत व पाकिस्तान की सत्ता सोंपी थी । जिन्ना को पाकिस्तान दिया तो जवाहरलाल नेहरू को भारत।

नेहरू शब्द नहर के किनारे रहने से मिला, मगर ये  कौन थे यह विवाद का विषय बना रहता है, अलग कहानी भी अप्रमाणित चलती रहती है। क्योंकि 1857 के विद्रोह में यह परिवार दिल्ली रहता था। पूर्व इनके वंशज कश्मीर के किस स्थान से दिल्ली आये इस पर भी विवाद है। यह प्रमाणिततौर पर कहीं नहीं मिलता कि ये कहां से दिल्ली आये। पर उनके नाम हिन्दू थे इसलिए उन्हें हिन्दू कश्मीरी पंडित माना जाता है। नेहरूजी नें भी अपने आपको कश्मीरी कोल बताया है।

नेहरू नाम से पंडित या हिन्दू भले ही थे मगर उनके कार्यों व निर्णयों की अभिव्यक्ति से वे हिन्दू कभी भी नहीं दिखे , बल्कि उनके निर्णय उन्हें कट्टर साम्यवादी और इस्लाम परस्त साबित करते हैं। यही कारण रहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के निधन के साथ ही,कांग्रेस पर बहुत ही चालांकि से अहिन्दु विचारों के लोगों का कब्जा हो गया।

नेहरूजी के निर्णयों पर प्रश्न इसलिए उठे कि महात्मा गांधी देश विभाजन का विरोध कर रहे थे तो नेहरू  देश विभाजन के साथ खडे थे। अंबेड़कर ने जब कहा कि यह बंटवारा तभी सफल होगा जबकि सभी मुसलमान पाकिस्तान जाएँ और सभी हिन्दू भारत आयें, तब इस सही परामर्श को दरकिनार करने वाले भी नेहरू थे। विभाजन के लिये मतदान करने वाले मुसलमान पाकिस्तान गये ही नहीं भारत में ही बने रहे, इसके लिये भी नेहरू ही जिम्मेवार थे।

नेहरू नें  स्वतंत्रता के साथ ही हिन्दुओं को उपेक्षित व  दरकिनार कर दिया। जम्मू और कश्मीर के हिन्दू राजा को घोर अपमानित किया।

स्वतंत्रता के बाद भी कांग्रेस की अहिन्दू ताकतें लगातार 74 साल से हिन्दुओं को समाप्त करने में लगीँ हुई हैं। उन्होंने कदम दर कदम हिन्दुओं से छल किया, हिन्दुओं का बुरा किया और लगातार नुकसान पहुंचाया, यह सिलसिला पार्टी के तौर पर अभी भी जारी है।

कांग्रेस शासन में गौ भक्तों पर गोलियां चली, वफ़ बना, मुस्लिम पर्सनल ला बना और इंदिरा जी के द्वारा बाबर को अफगानिस्तान में श्रद्धांजलि दी गईं।

सही मायने में भारत 2014 में असल आजादी को तब प्राप्त हुआ जब  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  नें देश की बागडोर संभाली। उनके नेतृत्व में पहलीवार भारत में, भारत का अच्छा किया जा रहा है। भारतवासियों का अच्छा किया जा रहा है। गुलामी के अवशेष समाप्त किये जा रहे हैं। सत्य सनातन हिंदुत्व पूरे देश में और विश्व में सांस्कृतिक सम्मान से देखा जा रहा है।

कांग्रेस इस समय अहिंदू लोगों के कब्जे में है। हिन्दू नामकरण सिर्फ राजनैतिक धोखाधड़ी है। इनकी तमाम देश विरोधी करतूतें समानें आ चुकी हैं। किन्तु ये लोग अब भी भारत को हड़पनें के षड्यंन्त्रों में लगे हुए हैं। छलपूर्ण कृत्यों के माध्यम से अब ये रामायण के स्वर्ण मृग की तरह, कालनेमी की तरह, रावण की तरह स्वरूप बदल कर हिन्दू विभाजन के  षड्यंत्र में रत हैं। ये अब भी  हिन्दुओं में फुट डाल कर राज करने के दिवा स्वप्न देख रहें हैं।किसी भी तरह मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना इन अहिन्दूओं का उद्देश्य हैं।

वहीं विश्वस्तर पर भी हिन्दू विरोधी षड्यंत्र चल रहे हैं। डिसमेंटल हिंदुत्व अभियान चलाया जा रहा है। कई कई विश्वविद्यालय हिंदुत्व को समाप्त करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इनके पास अकूत आर्थिक सहायता पहुँच रही है।

अर्थात सभी  हिन्दूओं को सर्वाधिक सक्रिय व सावधान रहने का समय है। हर हिन्दू को समझना चाहिये कि वह देवी दुर्गा की संतान है, वह ब्रह्मा विष्णु महेश की संतान है। वह सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती की संतान है।
उन्हें जानना चाहिये की हर हिन्दू अग्रपूज्य गणेश जी और महावीर हनुमान जी की वंश परमंपरा से हैं। वही बल शौर्य और पुरुषोर्थ उसमें है। हम हिन्दू हैं हिंदुस्तान हमारा है।

यह समय देवी दुर्गा बनने का है, यह समय हनुमान जी बनने का है। हिंदुत्व की रक्षा, सुरक्षा के लिये प्रत्येक हिन्दू को अपने अंदर हनुमानजी के बल और शौर्य को जाग्रत करना होगा।

जय भारत, जय हिन्द।

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