हर हिन्दू शौर्यवान बनें,यही युगधर्म है - अरविन्द सिसौदिया
हर हिन्दू वीर बने, यही युग धर्म है - अरविन्द सिसौदिया
har hindoo veer bane, yahee yug dharm hai - Arvind Sisodia
har hindoo veer bane, yahee yug dharm hai - Arvind Sisodia
भारतीय प्रायदीप सनातन हिन्दू सभ्यता का उदगम स्थल है, हिंदुकुश पर्वत से लेकर सुदूर बाली सुमात्रा तक फैली हिमालयीन सभ्यता हिन्दू धर्म के नाम से , सनातन संस्कृति के नाम से जानी जाती है।
The Indian peninsula is the cradle of Sanatan Hindu civilization, the Himalayan civilization spread from Hindukush mountain to remote Bali Sumatra is known by the name of Hindu religion, by the name of Sanatan culture.इस सभ्यता पर हमले तो निरंतर होते रहे, किन्तु यह हमेशा विजेता ही रहती थी. पृथ्वी के सातों महादीपों पर इस सभ्यता का साम्राज्य रहा है। आदिपुरूष से उन्नत होकर अखिल बृहमाण्ड की व्याख्या करनें के सामर्थ्य तक पहुंची हिन्दू सनातन संस्कृति विलक्षण बौद्धिक विकास की विरासत रखती है।
The attacks on this civilization kept happening continuously, but it always remained the winner. The empire of this civilization has been on the seven continents of the earth. Hindu Sanatan culture, which has advanced from Adipurush to the capability of explaining the entire universe, holds the legacy of unique intellectual development.
लाखों करोडो गुजरे वर्षों में इस संस्कृति का बच्चा बच्चा एक हाथ में शस्त्र तो दूसरे हाथ मे शास्त्र रखता था। यहाँ के प्रत्येक स्त्री - पुरुष के हाथ में शस्त्र होता ही था। प्रत्येक घर में शस्त्र होता ही था।
In the past millions and millions of years, every child of this culture used to keep weapons in one hand and scriptures in the other. Every man and woman here always had a weapon in their hands. There was always a weapon in every house.
मुझे याद है जब में अपने गाँव पहुँचा तो मैंने पाया, लगभग सभी लोग लाठी, बल्लम फरसा तलवार छोटी तलवार इत्यादि, अपने अपने घर में रखते थे । वे जब घर से बाहर निकलते थे , खेत पर जाते थे,खलिहान में सोते थे, राजी में खेतों को पानी पिलाते थे। तो उनके पास कोई न कोई सुरक्षा हेतु शस्त्र होते थे।
I remember when I reached my village, I found that almost all the people used to keep sticks, ballam, farsa, sword, small sword etc. in their homes. When he used to go out of the house, he used to go to the farm, used to sleep in the barn, used to give water to the fields when he agreed. So they used to have one or the other weapon for protection.
शस्त्र रखनें में कोई भेद नहीं होता था, सभी वर्ग के लोगों के हाथ में शस्त्र होते थे । वनवासी बंधु तीर कमान रखते थे। वनवासी महिलायें कमर में हंसिया रखती थीं। कुछ प्रभावशाली या सम्पन्न लोग टोपीदार, अन्दूक, बारह बोर, बन्दूक, 303 या 315 रॉयफल या पिस्टल, रिवाल्वर शस्त्र भी लायसेंस लेकर या बिना लायसेंस के रखते थे। यह सब स्वतंत्र भारत में ही होता रहा है।
There was no difference in keeping weapons, all classes of people had weapons in their hands. The forest dwellers used to keep arrows and bows. Forest women used to keep sickle in their waist. Some influential or affluent people used to keep topidar, anduk, twelve bore, gun, 303 or 315 rifle or pistol, revolver weapons with or without license. All this has been happening in independent India only.
मेरा गांव में 1974 से लेकर 1989 तक रहना हुआ है। तब गांवों की हाट बजारों में भी शस्त्र बिकनें आते थे, लोग उन्हे खरीदते थे। शस्त्र रखना जीवन पद्धति का अनिवार्य अंग था।
I have lived in the village from 1974 to 1989. At that time weapons used to be sold in the village markets, people used to buy them. Keeping arms was an essential part of the way of life.
भारतीय संस्कृति के तमाम देवाधिदेव शस्त्रों से सुसज्जित हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश देवी दुर्गा सहित देवियां , शस्त्रों से सुसज्जित हैं। राम लक्ष्मण तीर कमान,,कृष्ण सुदर्शन चक्र, बलराम हलधर,, हनुमान जी के पास गद्दा है। अग्रपूज्य गणेश शस्त्रधारी हैं,देवी दुर्गा एक साथ अनेकों शस्त्र धारण किये हुए है। मध्यप्रदेश के जिला मुख्यालय गुना नगर के पास बजरंगगढ़ नामक एक कस्बा है, जिसमें बीस भुजा देवी के रूप में मां भगवती की प्रतिमा है। जिनकी प्रत्येक भुजा में शस्त्र है।
All the deities of Indian culture are equipped with weapons. Goddesses including Brahma, Vishnu, Mahesh Devi Durga, are equipped with weapons. Ram Laxman Arrow Command,, Krishna Sudarshan Chakra, Balram Haldhar,, Hanuman ji has a mattress. Agarpujya Ganesha is armed, Goddess Durga is holding many weapons together. There is a town called Bajranggarh near Guna Nagar, the district headquarters of Madhya Pradesh, which has a statue of Maa Bhagwati in the form of a twenty-armed goddess. Who has a weapon in each arm.
भारतीय संस्कृति में बड़े बड़े ऋषि मुनि और आश्रमों में शस्त्र शिक्षा दी जातीं थी। बाल्मीकि नें लव कुश को वह शस्त्र ज्ञान दिया जिसनें अयोध्या की चतुरंगिणी सेना को सिर्फ दो बालकों नें पराजित कर दिया। महर्षि दधीच नें अपना शरीर द्विव्य अस्त्र निर्माण हेतु देवताओं को के दिया, जो हमारे परमवीर चक्र का वर्तमान में लोगो है।
In Indian culture, weapons education was given in great sages and ashrams. Valmiki gave Luv-Kush that weapon knowledge which defeated the Chaturangini army of Ayodhya with just two boys. Maharishi Dadhich gave his body to the deities for making Dwivyastra, which is the present logo of our Paramveer Chakra.
महाभारत काल में भी बच्चों को सैन्य शिक्षा दिए जानें का विवरण है। साधु संत महन्त ़ऋषि महर्षि भारतीय संस्कृति में शस्त्र और शास्त्र दोनों ही क्षेत्रों के अनुसंधानकर्ता एवं शैक्षणिक केन्द्र हुआ करते थे।
Even in the Mahabharata period, there is a description of giving military education to the children. Sadhu Saint Mahant Rishi Maharishi used to be the researcher and educational center of both arms and scriptures in Indian culture.
भारतीय संस्कृति में जो कर्तव्य व्यवस्था थी, कर्म व्यवस्था थी । उसे अंग्रेजों ने वर्ण व्यवस्था नाम दे दिया । समाज में सुरक्षा का कार्य क्षत्रियों को, बुद्धि एवं ज्ञान का कार्य ब्राहम्ण को, वस्तुओं की व्यवस्था एवं व्यापार कार्य वैश्यवर्ग को एवं सभी कार्यों में सेवक के रूप में कार्य करने वाले शूद्र कहलाते थे। यह अनादिकालीन व्यवस्था नाम कितने भी बदल ले मगर हमेशा , हर युग में रहनी ही है। शुद्र शब्द की जगह कर्मचारी शब्द आगया है।
In the Indian culture, the duty system was the Karma system. The British gave it the name of Varna system. In the society, the work of security was done by the Kshatriyas, the work of intelligence and knowledge by the Brahmin, the arrangement of goods and business work by the Vaishyavarga and those who worked as servants in all the works were called Shudras. No matter how many times the name of this eternal system changes, but it has to remain forever in every age. The word employee has come in place of the word Shudra.
हिन्दू संस्कृति में जब तक शस्त्रों को सर्वोच्चता दी गई तब तक कोई इसे पराजित नहीं कर सका। सुरक्षा की सर्वोच्चता सर्व स्वीकार्य प्राथमिकता एवं अनिवार्यता है। जीवन है तो जहान है.यह कहावत यूं ही नहीं बनीं।
As long as weapons were given supremacy in Hindu culture, no one could defeat it. The supremacy of security is universally accepted priority and imperative. If there is life, then there is the world. This saying did not become just like that.
मानव सभ्यता की गहराई और उसके जीवन सूत्र भारतीय पौराणिक इतिहास है. यह सत्य सनातन है। इसे वे काल्पनिक कहते हैं, जिनका खुद का कोई इतिहास नहीं है. जो खुद 2/3 हजार साल पहले जंगली था । भारतीय पौराणिक इतिहास लाखों करोडो वर्षों के विशयों का संक्षिप्त में समेटे हुये है, इसलिय वह इसीरूप में संभव था और है।
The depth of human civilization and its life formula is Indian mythological history. This truth is eternal. They call it imaginary, who have no history of their own. Which itself was wild 2/3 thousand years ago. Indian mythological history covers the subjects of lakhs of crores of years in brief, that is why it was possible and is in this form only.
यह भी सच है कि अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती, समाज जीवन में हिंसा की स्वछंदता और अति के विरुद्ध समाज से ही ईश्रीय प्रेरणा से अहिंसा की आावाज उठी, अहिंसा का दर्शन रखा गया । अहिंसा धर्म का मुख्य ध्यये है। करूणा, दया, प्रेम ,भक्ती,ईश्वर में विश्वास यही तो धर्म है।
It is also true that excess of anything is not good, the voice of non-violence was raised by divine inspiration from the society itself, against the free will and excess of violence in social life, the philosophy of non-violence was kept. Non-violence is the main focus of religion. Compassion, kindness, love, devotion, faith in God, this is religion.
जैन और बुद्ध पंथ नें अंहिंसा को पूरे विश्व में आगे बढ़ाया, इसे संपूर्ण विश्व नें सम्मान दिया, स्वीकार भी किया है। किन्तु हम सुरक्षा संदर्भों में शौर्य के महत्व को भूला बैठे जिससे अव्यवहारिक अहिंसा नें भारत को नुकसान भी बहुत पहुंचाया। अब सभी को व्यवहारिक अहिंसा एवं व्यवहारिक शौर्य को समझ लेना चाहिये।
The Jain and Buddha sects promoted non-violence in the whole world, it has been respected and accepted by the whole world. But we forgot the importance of bravery in security contexts, due to which impractical non-violence also harmed India a lot. Now everyone should understand practical non-violence and practical bravery.
अहिंसा और आत्मरक्षा दोनों की आवश्यकतायें हैं। आत्मरक्षा के लिये ही सारी स्पर्दा चल रही है। प्रतिरक्षा ही सर्वोपरि है,इसे ईश्वर ने भी प्रदान करनें की कोशिश की है। कई पशुओं एवं जंगली जानवरों में सींग सुरक्षा के लिये ही हैं। घोडे और गधों के पिछले पैरों की ताकत सुरक्षा के लिये ही है।
Non-violence and self-defense both are necessary. The whole competition is going on for self-defense only. Immunity is paramount, God has also tried to provide it. In many animals and wild animals, horns are only for protection. The strength of the hind legs of horses and donkeys is only for protection.
मनुष्य के हाथों में नाखून सुरक्षा के शस्त्र थें। ईश्वर ने नरसिंह अवतार में नाखूनों का इस्तेमाल शस्त्र के रूप में ही किया है। आज के युग में भी परमाणु शस्त्र और मिसाइल तकनीकी पर पूरी दुनिया काम कर रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये जरूरी भी है।
Nails were weapons of protection in the hands of man. God has used nails as a weapon in the Narasimha avatar. Even in today's era, the whole world is working on nuclear weapons and missile technology. It is also necessary for national security.
अब यह आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक अपनी सुरक्षा की चिंता करे। आत्मरक्षा को सर्वोच्चता को स्वीकारें। इस्लामिक आक्रमण के दौरान यदि संपूर्ण हिन्दू समाज शस्त्रयुक्त होता तो किसी को भी जबरिया इस्लाम स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं होती। आज भी देश के रूप में इजराईल ने प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा हेतु ट्रेनिंग लेना आवश्यक किया हुआ है। आगे यह बहुत सारे देशों को अपने अनते बिगडते आंतरिक समीकरणों के कारण करना पडेगा।
Now it is necessary that every citizen should worry about his safety. Accept the supremacy of self-defense. If the entire Hindu society was armed during the Islamic invasion, then there would be no need for anyone to forcibly accept Islam. Even today, Israel as a country has made it necessary for every citizen to take training for security. In future many countries will have to do this due to their ever deteriorating internal equations.
भारत में धर्मानांतरण वृतियाँ अभी भी व्यापक पैमानें पर चल रहीं हैं। विदेशी धन और शस्त्रों के प्रोत्साहन से चल रहीं हैं। इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा का एक ही उपाय है, नागरिकों को अनुमत श़स्त्रों से युक्त होना चाहिये। शौर्य युक्त होना चाहिये, जागरूक होना चाहिये, एक जुटता होना चाहिये।
In India, conversion trends are still going on on a wide scale. Running with the encouragement of foreign money and weapons. There is only one solution for national security from them, citizens should be equipped with permitted weapons. One should be brave, aware, united.
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