भारत में साम्प्रदायिक विद्वेष उत्पन्न करनें के कुत्सित प्रयास के पीछे बीबीसी का एजेण्डा क्या है ?
महत्वपूर्ण प्रश्न है कि साम्प्रदायिक विदेष क्यों उत्पन्न करना चाहता है बीबीसी - अरविन्द सिसौदिया
Important question is why BBC wants to create communal foreign - Arvind Sisodia
BBC documentary on PM Modi
सामान्यतौर पर जहां जहां भी स्वतंत्रता या स्वच्छंदता है, वहां वहां उनका बेजा फायदा उठाया ही जाता है। इसी तरह की एक हरकत अब फिर से बीबीसी के नाम दर्ज हुई है। जब उपनिशेषी देश स्वतंत्र हुए थे तब दो सैन्य गुटों में पूरा विश्व बंट गया था । भारत सोवियत संघ के नेतृत्ववाले सैन्य गुट में था तो पाकिस्तान अमरीका-ब्रिटेन वाले सैन्य गुट में था। कारण बहुत स्पष्ट है कि भारत के प्रधानमंत्री साम्यवादी विचारधारा के अत्यंत निकट थे और रूस से उनके खास सम्बंध थे। तब से ही बीबीसी का नजरिया भारत को नीचे दिखाने का रहा है।
बीबीसी की खबरों को गहन अध्ययन करलें आपको लग जायेगा कि मानसिकरूप से भी यह संस्था भारत विरोधी और अनादर भाव इस न्यूज एजेंसी में प्राय देखनें को मिलता रहा है। इसकी खबरों को ठीक से पढ़ें तो स्वयं यह समझ आता है। भारत में रहने वाले लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि बीबीसी निष्पक्ष नहीं है। 1995 में ही बीबीसी के द्वारा उनके ही देश की राजकुमारी डायना का इन्टरव्यू प्रसारित किया गया था, उसमें भी उस पर यह आरोप लगा था कि बीबीसी ने “ईमानदारी और पारदर्शिता के स्थापित मानकों“ के साथ समझौता किया है और यही आरोप एक बार फिर से बीबीसी पर “ इण्डिया : द क्वशचन मोदी “ को लेकर भी लग गये हैं।
मुख्य सवाल यही है गुजरात संदर्भ में भारत के सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आ चुका है, देश और गुजरात उस कालखण्ड को भूल कर बहुत आगे जा चुका है। लम्बा समय गुजरनें के बाद गुजरात और भारत के समाजिक जीवन में पुनः साम्प्रदायिक विद्वेष उत्पन्न करनें का कुत्सित प्रयास के पीछे बीबीसी का एजेण्डा क्या है । वह किस पार्टी को सपोर्टिंग फायर दे रही है। क्या फायदा पहुंचाना चाहती है।
भारत और गुजरात अच्छी तरह जानते हैं कि गुजरात दंगों के लिये कांग्रेस जिम्मेवार थी,गोधरा में सावरमती ट्रेन से यात्रा कर रहे राम भक्तों की बोगियों में पैट्रोल डाल कर आग लगानें वाले अपराधी कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। इसी नृशंस हत्याकाण्ड की घटना के कारण गुजरात जल उठा था और वहां दंगे हुये थे। कांग्रेस को अभी तक अपने इस नीच कर्म पर शर्म नहीं है। उसी के ऐजेण्डे पर बीबीसी क्यो बड रहा है। यह एक गहरे षडयंत्र की ओर इशारा करता है।
सरकार ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री साझा करने वाले यूट्यूब वीडियो, ट्वीट को किया ब्लॉक
पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी के द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ’इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’ के यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक कर दिया गया है। इस संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के दिग्गजों ने डॉक्यूमेंट्री को भ्रामक बताया है।
‘इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री के ऊपर विवाद बढ़ने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सफाई दी है। सुनक ने कहा कि वह डॉक्यूमेंट्री में दिखाई गई बातों से सहमत नहीं हैं। बता दें कि भारत ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रॉपगैंडा का हिस्सा बताया है। इसे शरारतपूर्ण ठहराया गया है।
बीबीसी के इस शरारतपूर्ण प्रसारण के विरूद्ध भारत सरकार को बीबीसी की आपराधिक मानसिकता को खुल कर बेनकाव करना चाहिये । इसके प्रसारणों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहिये और उसके भारत में स्थित सभी कार्यालय बंद एवं संवाददताओं को भारत से निस्कासित कर देना चाहिये।
पूर्व में भी कई बार बीबीसी की रिपोटिंग दुर्भावना से प्रेरिरित मानी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने बीबीसी के बोरिया बिस्तर बांध दिये थे , उनके कार्यालय में ताले लगवा दिये थे । दो साल तक बीबीसी के कार्यालय नहीं खुले थे।
भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भारत ने 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को ‘प्रॉपगैंडा का एक हिस्सा’ करार देते हुए कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता साफ तौर से झलकती है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर कहा कि यह एक ‘गलत नरैटिव’ को आगे बढ़ाने के लिए प्रॉपगैंडा का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।
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