महात्मा गांधी के वध को लेकर स्वामी के उठाये सवालों की जांच में हर्ज क्या है
अरविन्द सिसौदिया
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महात्मा गांधी की हत्या का पहला प्रयास में २० जनवरी को एक बम गांधीजी पर फेंका जाने से होता है । गांधीजी बच जाते हैं। मगर बम फेंकने वाला मदनलाल पाहवा पकड़ा जाता है। गांधी जी की हत्या के प्रयास का पूरा प्लान एवं कारण दोनों ही सामनें आ जाते है। फिर भी नेहरू जी की सरकार की यह कैसी चूक थी कि 10 दिन बाद उसी स्थान पर गांधी जी की हत्या हो गई । इस नेग्लेजंसी की भी जबावदेही बनती है। वहीं स्वामी के प्रश्नों के जबाव खोजनें में क्या हर्ज है। हमारे राष्ट्रपिता की हत्या से जुडे और भी खुलाशे सामनें आ जाते हैं तो क्या हर्ज है। मेरा व्यक्तिगत मत है कि महात्मा गांधी के वध की असलियत को महान श्रृंगार में झुपा दिया है।
महात्मा गांधी की हत्या पर चर्चा की जरूरत : सुब्रमण्यम स्वामी
गांधी जी की हत्या की नए सिरे से जांच चाहते हैं सुब्रमण्यम स्वामी
गांधी जी की हत्या की नए सिरे से जांच चाहते हैं सुब्रमण्यम स्वामी, कहा- क्यों नहीं हुई थी अटॉप्सी
सुप्रीम कोर्ट पिछले साल ही एक आईटी प्रोफेशनल द्वारा दायर महात्मा गांधी की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका को रद्द कर चुका है।
Written By जनसत्ता ऑनलाइन
Edited By कीर्तिवर्धन मिश्र
नई दिल्ली
October 7, 2020
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु को 72 साल (2020 ) पूरे हो चुके हैं। देश को आजादी दिलाने के एक साल बाद 1948 में ही नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस साल उनकी जयंती पर जहां देश-विदेश के नेताओं ने गांधीजी को याद किया, वहीं ट्विटर पर एक धड़े ने 2 अक्टूबर को ट्विटर पर नाथूराम गोडसे के समर्थन में भी ट्वीट किए। इसे लेकर कई बड़े नाम गुस्सा जता चुके हैं। इस बीच राज्यसभा से भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी एक ट्वीट के जरिए हलचल मचा दी। उन्होंने मांग की है कि गांधीजी की हत्या के मामले की जांच दोबारा की जानी चाहिए। स्वामी पहले भी इशारों में कह चुके हैं कि हो सकता है कि यह कभी स्थापित ही न हो कि राष्ट्रपिता को नाथूराम गोडसे ने ही गोली मारी थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में ट्विटर पर एक पुराना न्यूज लिंक शेयर करते हुए पूछा कि आखिर क्यों गांधीजी के शव की अटॉप्सी नहीं की गई थी। बता दें कि स्वामी पहले भी गांधीजी की हत्या से जुड़े दावों पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने इसी साल फरवरी में एक ट्वीट में कहा था- “गांधीजी के पार्थिव शरीर का कोई पोस्टमार्टम या ऑटोप्सी क्यों नहीं की गई? क्यों आभा और मनु, जो कि घटना की प्रत्यक्षदर्शी थीं, उनसे सवाल नहीं किए गए? गोडसे के रिवॉल्वर में कितने चैंबर खाली मिले थे? इटैलियन रिवॉल्वर खोजा भी नहीं जा सका, क्यों? हमें इस केस को दोबारा खोलने की जरूरत है।”
गांधीजी की हत्या की दोबारा जांच की याचिका रद्द कर चुका है सुप्रीम कोर्ट: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर चुकी है। यह याचिका अक्टूबर 2017 में एक आईटी प्रोफेशनल डॉक्टर पंकज कुमुदचंद्र फडनिस ने लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस याचिका को रद्द कर दिया था। इसमें कहा गया था कि इस बात पर अभी भी अस्पष्टता है कि गांधीजी पर चली चौथी गोली नाथूराम गोडसे ने ही चलाई थी, इसलिए इस मामले की फिर से जांच होनी चाहिए।
इस याचिका में कहा गया था कि गोडसे और नारायण दत्तात्रेय आप्टे को सुप्रीम कोर्ट के गठन (26 जनवरी 1950) से 71 दिन पहले ही फांसी दी गई थी। इसका मतलब था कि साजिशकर्ता या उनके परिवार को पूर्वी पंजाब की अदालत के फैसले को चुनौती देने का मौका ही नहीं मिला। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि गांधीजी की हत्या का ट्रायल कानूनी तौर पर अंतिम रूप नहीं ले सका।
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Publish Date:Sun, 20 Oct 2019 08:29 AM (IST)Author: Rajesh Sharma
Subramanian put Question on Mahatma gandhi Death भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि महात्मा गांधी की मृत्यु गोडसे की गोली से हुई या नहीं इस पर रिसर्च कर रहा हूं।
सुब्रमण्यन स्वामी बोले, महात्मा गांधी की मौत के 16 बिंदुओं में खामियां, गोडसे पर कही बड़ी बात
शिमला, जेएनएन। राज्यसभा सदस्य व भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि महात्मा गांधी की मृत्यु गोडसे की गोली से हुई या नहीं, इस पर रिसर्च कर रहा हूं। 16 बिंदु ऐसे हैं, जहां पर खामियां हैं। केंद्र सरकार से इस मामले में जांच या विश्लेषण की मांग करूंगा। उस समय की स्थितियां ऐसी रही की संदेह होना लाजमी है। महात्मा गांधी को 40 मिनट तक अस्पताल क्यों नहीं ले गए, उनके साथ के लोगों को गवाह क्यों नहीं बनाया? प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करवाई? हत्या से जिन्हें लाभ हुआ, उनसे पूछताछ क्यों नहीं की गई?
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महात्मा गांधी की हत्या पर चर्चा की जरूरत: सुब्रमण्यम स्वामी
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को सदन में महात्मा गांधी की हत्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गांधीजी के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था।
India TV News DeskIndia TV News Desk
Published on: July 26, 2016
नई दिल्ली:
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को सदन में महात्मा गांधी की हत्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गांधीजी के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था। स्वामी ने कांग्रेस के विरोध के बीच इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस पर चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि सांसद इस पर टिप्पणी कर रहे हैं और इसकी सर्वोच्च न्यायालय ने भी खिंचाई की है।
उन्होंने कहा, "हाल ही में मोदी सरकार ने महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित अधिकतर फाइलें राष्ट्रीय संग्रहालय में डाली हैं। मुझे इन्हें पढ़ने का मौका मिला, इस पर बहुत टिप्पणियां की गईं हैं, जिसमें सांसदों की भी टिप्पणियां शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इन्हें चेतावनी दी है।"
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सामूहिक निंदा के मुद्दे पर कहा था कि राहुल गांधी को इन आरोपों के लिए सुनवाई का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के सदस्यों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि किसी का नाम नहीं लेना चाहिए। स्वामी ने इसके जवाब में कहा, "मैं सिर्फ महात्मा गांधी का नाम लूंगा। मैं किसी और गांधी का नाम नहीं लूंगा।"
उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। नतीजा यह रहा कि महात्मा गांधी को कितनी गोलियां चलाई गईं, इसको लेकर विवाद पैदा हुआ। समाचार पत्रों में चार गोलियां चलाने का हवाला दिया जबकि अभियोजक ने तीन गोलियां चलने की बात कही।" स्वामी का बयान पूरा होने से पहले ही शून्यकाल समाप्त हो गया।
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