इंग्लैंड की संसद में बागेश्वर पीठाधीश्वर को अवार्ड प्रदान करते हुए।
श्री राम के नाम से गुंजायमान हुई इंग्लैंड की संसद।
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बागेश्वर पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने भारत का नाम किया रोशन।
शास्त्री द्वारा जून 2022 में इंग्लैंड स्थित हिंदू धर्म आश्रम में राम कथा एवं श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था। इंग्लैंड की संसद में आयोजित भव्य समारोह में शास्त्री जी को (1)संत शिरोमणि।(2)वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन।(3) वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप। अवार्ड से सम्मानित किया गया।
धर्मांतरण वापसी से बौखलाए वामपंथी--------------- -- ------
मध्य प्रदेश के दमोह आदिवासी अंचलों में करोड़ों रुपए खर्च कर ईसाई मिशनरियों ने 328 लोगों के धर्मांतरण करवाए ।
बागेश्वर धाम के प्रयासों से हिंदुओं के घर वापसी के कारण बौखलाए वामपंथियों ने अंधविश्वास एवं चमत्कार को आधार बनाकरअंधश्रद्धा निवारण उन्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।अंधविश्वास एवं चमत्कार के नाम पर ईसाई मिशनरियों एवं मौलानाओं द्वारा करवाए जाए धर्मांतरण के खिलाफ आज तक श्याम मानव ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं करवाई?इससे यह साबित होता है यह लोग हिंदू धर्म को बदनाम करने के लिए इस तरह की कार्रवाई में लगे हुए हैं।सनातन धर्म रक्षार्थ प्रत्येक हिंदू को आगे आने की आवश्यकता है।जो राष्ट्र और धर्म के साथ खड़े हैं वह पूज्य है और हर राष्ट्रवादी उनके साथ रहेगा।सनातन धर्म की जय हो।
विशेष कर मिशनरी के लोगों को शास्त्री जी के हिंदुत्व जागरण से परेशानी हुई है. क्यों की मिशनरीज के हजारों लोग गरीब और भोले भाले आदिवासियों के मतान्तरण में लगे हुये हैं, उनकी पोल खुली और बहुतसे आदिवासियों की घर वापसी भी हुई है. येशा माना जाता है.....
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प. राधेश्याम अमित मिश्रा के कलम से।
बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम मेरे घर से लगभग 50 km की दूरी पर स्थित है, बुंदेलखंड का एक typical गांव जो मुख्य सड़क से लगभग 6 से 7km अंदर है,
आज से चार पांच साल पहले तक, खुद उस गांव (गड़ा) के लोगों और उनके रिश्तेदारों के अलावा उस गांव और उस हनुमान मंदिर को कोई नहीं जानता था, में भी नही
फिर उसी ठेठ गांव का एक इक्कीस बाइस साल का ठेठ बुंदेलखंडी नौजवान जो श्री श्री रामभद्राचार्य महाराज का शिष्य है और कलयुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले भगवान श्री हनुमान जी का अनन्य भक्त है अपनी शास्त्री की शिक्षा दीक्षा पूरी करके अपने गांव लौटता है।
ठेठ गांव का ठेठ लड़का जिस गांव को कोई नहीं जानता था उसने पिछले चार पांच साल में अपने Aura, वाकपटुता, धर्म ज्ञान, कथा करने का रोचक अंदाज, और भगवान हनुमान के आशीर्वाद से लोगों के मन में भगवान, हिंदू धर्म, सनातन और राष्ट्रवाद की एक ऐसी अलख जगानी शुरू की जिसमें न कोई अगड़ा था न कोई पिछड़ा, न कोई ऊंचा था न कोई नीचा, उसकी कथाओं में सिर्फ और सिर्फ धर्म था, सनातन था, हिंदू था, राष्ट्रवाद था।
आदिवासियों के लिए जंगल में जाकर उनके बीच बैठकर रामकथा करना हो या सैकड़ों लड़कियों की हर साल शादी कराने का महायज्ञ, बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाके में कैंसर हॉस्पिटल शुरू करने की वकालत हो उसने न सिर्फ इसका सपना दिखाया बल्कि उसे करके भी दिखाया और सबसे बड़ी बात ये सब कुछ निःशुल्क, स्वेच्छा से जो देना है दे दो नही तो कोई बात नही...
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उसने बिना किसी ऊंच नीच की परवाह किए सभी को एक पंडाल के नीचे इकट्ठा कर दिया, साथ ही साथ वो गरीब लोग जो किसी लालचवश या मजबूरी में किसी और धर्म मेंं जाने को मजबूर हो गए थे उन्हें भी पुनः वापिस लाने का काम किया...
बस.......यही गलती हो गई उस छब्बीस साल के लड़के से
सभी जाति को एक साथ एक पंडाल में बैठाकर रामकथा ...... ये नही चलेगा बाबू
आदिवासियों के लिए जंगल में जाकर उनके बीच में रामकथा करना और उनको अहसास दिलाना की आप प्रभु राम के वंशज हो.... राम राम इतना बड़ा घोर पाप...... ये कतई नहीं चलेगा लड़के
धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को वापिस लाने का जघन्य पाप...... आप अपराधी है बाबा
जात पात, अंगड़ा पिछड़ा को छोड़कर सिर्फ सनातन की बात करना और लोगों को उस पर चलने को प्रेरित करना...... पगला गए हो का धीरेंद्र शास्त्री
खैर, छब्बीस साल की उम्र में यदि इस अत्यंत पिछड़े हुए इलाके के बेहद ठेठ गांव से निकला यह लड़का जिसने खुद की प्रतिभा से अपना लोहा पूरे देश विदेश में मनवाया है तो यह निश्चित है की इसके ऊपर अत्यंत ईश्वरीय कृपा है और जिस पथ पर यह आगे निकला है तो ऐसे आरोप और कीचड़ उछलना तो महज एक शुरुआत है, अभी आरोपों की तीव्रता और स्तर बहुत नीचे जाने वाला है,
में बागेश्वर धाम मंदिर में दो तीन बार गया हूं लेकिन धीरेंद्र शास्त्री से व्यक्तिगत तौर पर कभी नहीं मिला और न ही मिलने की कोई तीव्र इच्छा है, उनके चमत्कार सही होते हैं या गलत इस पर भी में कुछ नही कहना चाहता, में तो इतना कहना चाहता हूं की एक गांव से निकले इस नौजवान ने सनातन को उठाने, बढ़ाने और देश को सशक्त बनाने का जो काम शुरू किया है वो विरले लोग ही करते हैं
दुराचार, हत्या, रंगदारी के आरोप लाइन में हैं तैयार रहिए
लेकिन
जब तक वो धर्म के रास्ते पर है में उनके साथ हूं
जब तक वो धर्म को धंधा नहीं बनाते में उनके साथ हूं
जब तक वो सनातन की बात करेंगे में उनके साथ हूं
जब तक गरीब उत्थान का काम करते रहेंगे में उनके साथ हूं
जब तक उन्हे साजिश के तहत टारगेट किया जाता रहेगा तब तक में उनके साथ हूं
धर्म की जय हो,
अधर्म का नाश हो।
प्राणियों में सद्भाव हो,
विश्व का कल्याण हो।।
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