युवा पीढ़ी को,अंग्रेजी नववर्ष आयोजनों की विकृति से बचानें रात्री कॅर्फ्यू लगना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया New Year events

 


अंग्रेजी नववर्ष आयोजनों की विकृति से बचानें शहरीक्षेत्रों में रात्री कॅर्फ्यू लगना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया


Night curfew should be imposed in urban areas to save from distortion of English New Year events - Arvind Sisodia

 

Saving the young generation and guiding them on the right path also comes under the responsibility of democracy and the political sector should come forward in fulfilling this important responsibility.


दिल्ली में नववर्ष पर आयोजित हैप्पी न्यू ईयर पार्टी करके निकलनें वाली अंजली और निधि में से अंजली की कार एक्सीडेट से हत्या की जाना संभावित लग रहा है। क्यों कि दो बातें अब जो सामनें आईं हैं। उसने इस केस को नई दिशा दे दी है। पहली कि अंजली की स्कूटी को पहले भी एक्सीडेट कर टक्कर मारी गई थी। अर्थात पूर्व में भी हत्या की कोशिश हुई थी। दूसरी बात अंजली की साथी निधि नशे के कारोबार से जुडी हुई है और वह जेल जा चुकी है। इन दोनों तथ्यों ने इस प्रकरण को पेंचीदा बना दिया है। यह प्रकरण हत्या के प्रकरण में बदलता दिख रहा है।

किन्तु एक दूसरी बात यह प्रमाणित हो गई है कि भारत में भी अंग्रेजी नववर्ष आयोजन मनानें का तरीका होटल, ड्रग, शराब, महिला साथी एवं हुल्लड व हुडदंग में बदल गया है। यह माना जाना बहुंत आसान है कि अंग्रेजी नववर्ष विकृती का पर्याय बनता जा रहा है। देश के युवा वर्ग को गलत दिशा में ले जा रहा है। इसके पीछे व्यापारीवर्ग होटल लॉवी, नशे के वैध एवं अवैध व्यापारी एवं अनैतिकता के व्यापार से जुडे लोगों का गठजोड़ है। 

नववर्ष अलग अलग पंथ सम्प्रदायों के द्वारा अलग अलग समय में मनायें जाते है। भारत में हिन्दू और मुस्लिम समाज भी नववर्ष का स्वागत अभिनन्दन करता है। किन्तु एक भी वीभत्सतापूर्ण धटना दुर्घटना कहीं भी देखनें को नहीं मिलती । मगर अंग्रेजी नववर्ष का मतलब ही कुछ अलग तरीके के आयोजनों से कलंकित हो रहा है। इसके पीछे धन कमानें की लिप्सा रखनें वाले ईवेन्ट माफियाओं की संलिप्तता भी है। इसलिये नियंत्रक उपायों की आवश्यकता है। अंग्रेजी नववर्ष पर ही करोडों लोग मंदिर एवं देव दर्शन से भी इस अवसर को मनाते है। उनसे कभी कोई शिकायत नहीं हुई है।

केन्द्र सरकार , राज्यों की सरकारों एवं सभी राजनैति एवं सामाजिक क्षेत्र को मिल कर अंग्रेजी नववर्ष के आयोजनों को गरिमा , पवित्रा एंव कानून व्यवस्था के दायरे में लाना चाहिये और इस हेतु वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसम्बर की रात्रि को 10 बजे से सुबह 5 बजे तक का कर्फ्यू लगाना चाहिये । ताकि आयोजनों की पवित्रता गरिमा एवं कानून व्यवस्था बनीं रहे।

युवा पीढ़ी को बचाना और सही राह पर चलाना भी लोकतंत्र की जबावदेही में ही आता है और इस महत्वपूर्ण जिम्मेवारी को निभानें में राजनैतिक क्षैत्र को आगे आना चाहिये।

 

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