कांग्रेस को भारत के नायक "श्रीराम" से इतना दुराग्रह क्यों ? - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस को भारत के नायक रघुनायक "श्रीराम" से इतना द्वेष क्यों ? - अरविन्द सिसोदिया

जिसने भी श्रीराम का निमंत्रण ठुकराया है उसे रामद्रोही ही कहा जायेगा - अरविन्द सिसोदिया

अब भारत में दो ही पहचान हैँ एक राम भक्त और दूसरी रामद्रोही - अरविन्द सिसोदिया 

राहुल गांधी नें अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न होनें के दूसरे दिन ही मंगलवार 23 जनवरी को गुवाहाटी में एक पत्रकारवार्ता में, एक बार फिर से भारत के आराध्य एवं जन जन के श्री राम पर हमला बोलते हुए कहा है कि " देश में कोई राम लहर नहीं है ! " उनकी यह अभिव्यक्ति देश में घटित हो रहे सच को झुठलाने वाली है, राम उत्सव की विराटता को नकारने वाली थी, उनका कथन झूठ को परोसने वाला राजनैतिक षड्यंत्र है। राहुल का यह झूठ राम जी का भी अपमान माना जायेगा, देश का भी अपमान माना जायेगा, भारतीय संस्कृति का भी अपमान माना जायेगा, सबसे महत्वपूर्ण यह है की सत्य का अपमान भी उनकी यह अभिव्यक्ति है। इस तरह के झूठे राहुल को एक्सीपोज किया जाना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। क्योंकि यह देश की जनशक्ति का भी अपमान था। राजनैतिक धूर्तता में अंधा हुआ व्यक्ती देश में झूठ फैलाने के लिए आजाद नहीं है, इसका उत्तर समाज की  ओर से जाना चाहिए कि राम भारत की आत्मा हैँ, राम जी भारत के पुरखे हैँ, रामजी भारत के पूर्वज है। अनंतकाल से भारतभूमि के सभी लोगों के पूर्वज रामजी हैँ। भारत में रहने वाले सभी पंथ, संम्प्रदायों को मानने वालों के पूर्वज भी राम जी ही हैँ। रामजी भारत के आराध्य हैँ। भारत की रोम रोम में रामजी हैँ। भारत की जीवन पद्धति, भारत का आचरण हैँ राम।


कांग्रेस युवराज  राहुल गांधी सच नहीं देख पा रहे हैँ तो उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष  से फोन लगा कर पूछ लें या फिर हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस मंत्रिमंडल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उनके साथ अयोध्या गये दोनों कांग्रेस विधायकों से पूछ लें अथवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम से पूछ लें  कि देश राम मय है या नहीं है अथवा राहुल गाँधी को उनके गठबंधन की तमिलनाडु सरकार से ही पूछ लेना चाहिए की राम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से भयभीत होकर उन्होंने राज्य में रोक क्यों लगाई। राहुल गांधी रामजी के शौर्य को वैभव को देश के द्वारा दी जारही आदर ओर सत्कार के सच को नहीं देख पा रहे तो यह उनकी ही अक्षमता है। वे अपनी अक्षमता देश पर समाज पर कैसे थोप सकते हैँ।


यह कांग्रेस की आदत है की वह देश में सिर्फ झूठ स्थापित करने की कोशिश करती है, इसीलिए उन्होंने एक वार फिर राम के उत्सव को नकारने की असफल कोशिश की है। सच यह है कि पूरे देश में पिछले एक माह से व्यापक जन  उत्साह से, जन उल्लास से "राम उत्सव " मनाया जा रहा है । करोड़ों - करोड़ों देशवासियों की आंखे ख़ुशी से सेंकड़ों वार नम हुईं हैँ, हजारों तरह से राम स्तुति हो रही है, नये नये गीत, नई नई स्वरलहरियां,  नये नये भजन, वीडियो,  सोसल मीडिया पर रामयुग नायक बन कर छागये। हर मंदिर से लेकर हर घर तक राम स्वागत हुआ है। आतिशबाजीयां हुईं, दीपोत्सव मनाया गया , रात्री प्रकाशमान हुईं है। भगवा ध्वजाओं से देश अटा पड़ा है। करोड़ों करोड़ों रेलियां जलूस शोभायात्राएं आयोजित हई हैँ। सभी तरफ राम आएंगे - आएंगे की गूंज होती रही।

आनंदमयी  प्राणप्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी का पूरा दिन और पूरी रात देश जगता रहा, झूमता नाचता रहा, ख़ुशी मनाता रहा, आनंदित होता रहा। प्रसादी,भंडारे,भजन पूजन में मस्त रहा। पूरा देश घरों से निकल कर सड़कों पर नाच रहा था झूम रहा था, आनंद मना रहा था। अपने आराध्य की स्तुति करता रहा। भारत ही नहीं विश्व के अन्यान्य देशों में भी राम उत्सव की बड़ी अदभुद धूम देखी गईं है । रामजी देश विदेश के चैनलों, चर्चाओं और विशष शो कार्यक्रमों में छाये हुए हैँ, मगर कांग्रेस युवराज राजनैतिक स्वार्थ से इस महान उत्सव को नकार रहे हैँ। यह उनकी भारत के प्रति घृष्टता को ही प्रदर्शित करती है।

जिन श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा में करोड़ों करोड़ों हिन्दू नर नारियों की आँखे सौ सौ बार नम हुईं हों, उन श्रीराम को झुठलाने की कोशिश राहुल गाँधी नें की है। यह उनका भारतीय संस्कृति के प्रति द्वेषता का ही प्रदर्शन था जिसे समाज को पहचानना चाहिए।

कोई राम लहर नहीं है कह कर राहुल गांधी नें श्रीराम के महान उत्सव पर पर्दा डालनें की कोशिश की है। यह राहुल गाँधी का श्रीराम के प्रति छल पूर्ण दुराग्रह था, हिन्दू संस्कृति के प्रति मन में दवा हुआ घृणा भाव था, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।

राम उत्सव के इस अटल सत्य में भी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को " श्रीराम " महसूस नहीं हो रहे, तो यह उनकी समस्या है। न ही उन्हे मीडिया कबरेज में राम  दिखे , न उन्हें देश के झूमते नाचते नागरिकों में राम नजर आये तो यह उनका ही दृष्टि का दोष है। यह उनकी नासमझी का विषय है।

राम का सत्य तो 17.5 लाख वर्ष पूर्व त्रेता युग से ही है, भारतीय संस्कृति एवं मानव सभ्यता की जीवन पद्धति का आदर्श बन कर अलौकित हो रहा है। कांग्रेस के महात्मा गांधी नें भी राम के नाम को आधार बना कर सम्पूर्ण स्वतंत्रता आन्दोलन चलाया था। रघुपति राघव राजा राम गाया, तो स्वतंत्र भारत के लिए रामराज्य का स्वप्न दिया । यह दूसरी बात है कि भारत स्वतंत्र होते ही नेहरू कांग्रेस नें राम को ही ताले में डाल दिया था। कांग्रेस नेहरू वंश की कुटिल साजिश में फंस कर राम के आदर्श को निरंतर चोट पहुंचाती रही और राम को नकारते - नकारते वह देश की राजनीति में अपना अस्तित्व खोते - खोते हांसिये पर खडी है। उनकी लोकसभा सदन में मात्र  10 प्रतिशत सदस्य संख्या है, जो कांग्रेस जैसे दल के लिए शर्मनाक है।

राम लहर राहुल गांधी को भले ही नजर न आये मगर  पूरा देश राम जी के आनंद से आल्हादित है। राम भारत की आत्मा हैँ। स्वयं राहुल गांधी की न्याय यात्रा के सामने जगह - जगह पर स्थानीय नागरिक जय श्रीराम के नारे लगा कर अपनी अभिव्यक्ति दे रहे है, उन्हें समझना होगा यह इटली नहीं भारत है।

राम के साथ खडे पूरे भारत को, राहुल गांधी के आंख बंद कर लेने से सच बदला नहीं जा सकता । पूरे देश में अधिकांश कांग्रेस के कार्यकर्ता तक राम मय होकर नाच रहे हैँ, राम उत्सव में सम्मिलित हैँ । राहुल गांधी किसी से भी रामजी को छीन नहीं सकते, रामजी को भारत से काई नहीं छीन सकता । वर्तमान सच यही है कि भारत के नायक रघुनायक कौशल्या नंदन राम ही हैं। प्रत्येक भारतवासी हनुमान जी की तरह राम जी के प्रति समर्पित है। चारों तरफ से जय श्रीराम की आवाज आ रही है।


भवदीय

अरविन्द सिसोदिया

9414180151

( भाजपा कोटा संभाग के संभागीय मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें भाजपा की ओर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की पत्रकारवार्ता का करारा जवाब देते हुए ये उदगार व्यक्त किए हैँ। )

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