कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा उजागर - अरविन्द सिसोदिया

श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अवसर, सांस्कृतिक स्वतंत्रता का महान सोपान है - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा उजागर, जनमत सबक सिखाएगा 

- अरविन्द सिसोदिया 

कोटा 17 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान के कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि कांग्रेस के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनैतिक आयोजन कह कर आमंत्रण ठुकराना और आलोचना करना पूरी तरह से देश के लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति का अपमान है। जिसका सबक आने वाले समय में भारत की जनता कांग्रेस सहित अडंगेबाज एण्ड कंपनी को सिखायेगी। सीसोदिया नें कहा सोमनाथ मंदिर के पुर्नउद्धार के शिलान्यास में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और केन्द्रीय मंत्री के एम मुंशी सहित सभी अतिथि कांग्रेस पार्टी से जुडे थे। उस महान आयोजन को देश के सममान का , देश की स्वतंत्रता का, देश की संस्कृति का आयोजन माना गया था। इसी प्रकार अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम राष्ट्र और संस्कृति का ही आयोजन है, जो सभी मर्यादाओं की पालना करते हुये सम्पन्न होनें जा रहा है, यह आयोजन भारतीय संस्कृति की स्वतंत्रता का महान उद्घोष भी है। इस अवसर पर सभी भारतवासी गर्व से भरे हुए आल्हादित, आनंदित हैं। पूरा देश उत्सवमय है। इस प्राणप्रतिष्ठा समारोह को जो भी व्यक्ति राजनैतिक कार्यक्रम कहता है तो उसे मानसिक इलाज की आवश्यकता है।


सीसोदिया नें कहा कि “ नेहरू  कांग्रेस हमेशा से ही भारतीय संस्कृति के विरुद्ध रही है, भारत के विभाजन में भी सबसे बड़ा योगदान नेहरू कांग्रेस का ही था। भारतीय संस्कृति के उत्थान और विकास में कांग्रेस नें हमेशा ही अवरोध खड़े किए हैँ। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और कन्हैयालाल मुंशी जैसे दिग्गज कांग्रेसियों ने सोमनाथ मंदिर को, स्वतंत्रता के साथ ही समस्त अतिक्रमणों को हटाते हुए, वहां भव्य मंदिर का नवनिर्माण करवा कर न्याय दिया था। इसी सिद्धांत के आधार पर भारत में समस्त अन्य अतिक्रमित मंदिरों को भी अतिक्रमण मुक्त करावा कर वहां पूर्ववर्ती मंदिरों का पुनः निर्माण करवाना भारत सरकारों का सर्वोच्च कर्तव्य था। किंतु नेहरू कांग्रेस ने हिंदू समाज के साथ और भारतीय संस्कृति के साथ छल किया, धोखा दिया और हद तो तब हो गई। जब कांग्रेस की ही सरकार नें ही 1947 की स्थिती में इन जबरिया अतिक्रमणों के संरक्षण हेतु असंवैधानिक कानून तक बना दिया।

सिसोदिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देशहित और भारतीय संस्कृति के उत्थान और विकास को समर्पित है और निरंतर भारतीय संस्कृति के पुरातन वैभव को नवीनतम संसाधनों से विकसित करने में प्रयत्नशील रही है और इसी कारण कांग्रेस को सत्ता से उतार कर भाजपा को भारत की जनता ने चुना है। भाजपा को जनादेश भारतीय संस्कृति के हित चिंतन के लिए दिया गया जनादेश ही है और भाजपा अपने जनादेश की इच्छापूर्ती पूरी इमानदारी से कार्यरत है।

भाजपा के संभागीय प्रवक्ता अरविन्द सिसोदिया नें कहा कि भारत राजनैतिक रूप से 1947 में भले ही स्वतंत्र हुआ हो किन्तु भारत को सांस्कृतिक दृष्टि से स्वतंत्रता भाजपा की नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद ही मिली है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर एवं प्राण प्रतिष्ठा केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार होनें से ही संभव हो रहा है। यदि ये सरकारें नहीं होती जो ये मंदिर विधर्मी बनने ही नहीं देते।

सिसोदिया नें कहा देश का विभाजन हिन्दू और मुस्लिमों को अलग अलग देश देने के नाम पर हुआ था, पाकिस्तान इस्लामिक स्टेट बना और कांग्रेस नें हिन्दुओं से छल किया और धर्मनिरपेक्षता की ओट से निरंतर भारतीय संस्कृति को उसके साथ होनें वाले न्यायोंचित व्यवस्थाओं तक से बंचित रखा।

सिसोदिया नें आरोप लगाया कि यदी केंद्र में कांग्रेस सरकार होती तो वह सर्वोच्च न्यायालय के रामलला के पक्ष में दिये निर्णय को भी संसद के द्वारा बदलवा देती। जो पार्टी रामजी के आमंत्रण को ठुकरा सकती है वह मंदिर कैसे स्वीकार करती।

सिसोदिया ने कहा कांग्रेस अब पूरी तरह बेनक़ाव हो गईं है आजादी से लेकर अब तक वह प्रत्येक कदम पर वह श्रीराम मंदिर सहित भारतीय संस्कृति के विरुद्ध ही ख़डी मिली है। सिसोदिया ने कहा देश कांग्रेस के भारतीय संस्कृति विरोधी अघोषित एजेंडे को समझ चुका है और आने वाले समय में जनमत कांग्रेस को पूरी तरह नकार देगा।

भवदीय

अरविन्द सिसोदिया

9414180151

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