नितीश कुमार फिर श्रीरामजी की सेना में - अरविन्द सिसोदिया

नितीश कुमार फिर श्रीरामजी की सेना में - अरविन्द सिसोदिया

एक स्वतंत्र विश्लेषण

विपक्षी गठबंधन बनाने और प्रधानमंत्री मोदीजी को चुनौती देनें के लिए भाजपा से गठबंधन तोड़ कर लगभग सवा - डेढ़ साल पहले एनडीए छोड़ने वाले  बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते के अंदर ही राम विरोधी पार्टीयों के गठबंधन और रामजी का आमंत्रण ठुकराने वालों का त्याग कर, पुनः अपने दल बल के साथ रामजी की सेना में आ गये हैँ और 2024 का लोकसभा चुनाव वे एनडीए गठबंधन के घटक के रूप में लड़ेंगे।
नितीश कुमार यूँ तो जनता की नब्ज के अनुसार अपनी स्थिति बदलते रहते हैं।

भाजपा बिहार और बंगाल में तेजी से जनस्वीकृति की तरफ बढ़ रही है। बिहार में और बंगाल में आने वाले कुछ वर्षों में भाजपा को स्वयं के बलबूते सरकार बनाते देखेंगे।

श्रीराम के प्रति बिहारी जनमानस में अटूट जनआस्था व सम्मान से नितीश कुमार भी भली प्रकार से परिचित हैँ। वे मोदीजी के विरुद्ध तो हो सकते हैँ, मगर बिहार की रामजी के प्रति जनआस्था को पराजित नहीं कर सकते। जब पूरी दुनिया रामभक्ति में डूबी हुईं हो और बिहार में रामभक्ती चरम स्थिति में हो, तब जन इच्छा की समझ वाले नितीश कुमार यह समझ गए कि रामजी के आमंत्रण ठुकराने वालों को जनता ठुकराने जा रही है, वे डूबने वाले हैँ! कांग्रेस और लालूप्रसाद का राम विरोधी एजेंडा टिकने वाला नहीं हैँ!!

नितीश ने सही समय पर अपने बचाव का कदम उठाया और  बिहार में लालू की पार्टी की तरह बुरी दुर्गती की स्थिति होनें से अपनी पार्टी जेडीयू को बचा लिया है। वर्तमान स्थिति में भाजपा से हाथ मिला कर जेडीयू नें अपने आपको फिरसे स्ट्रांग कर लिया है, वहीं भाजपा भी बिहार में बिना टेंशन चुनाव लड़ने व जीतने की सुरक्षित स्थिति में पहुंच गईं है।


नीतीश कुमार ने रविवार 28 जनवरी 2024 को सुबह लालूप्रसाद यादव और कांग्रेस वाले गठबंधन के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर सरकार भंग कर दी और शाम 5 बजे 9 वीं बार पुनः मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।

कुल मिला कर अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही, रामजी के आमंत्रण को ठुकराने वाला इंडी गठबंधन बिखरने लगा है और यह बिखराव इस गठबंधन के साथ ही मुख्य घटक कांग्रेस को ऐतिहासिक पराजय की ओर बढ़ चला है।
इस समय कांग्रेस पंजाब, बिहार और बंगाल में शून्य की तरफ जाती दिख रही है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, मास्को जेल में..?

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

टुकड़े टुकड़े नगर निगमों को एक करने से जनता को राहत मिलेगी - अरविन्द सिसोदिया bjp rajasthan kota

पृथ्वी ईश्वर की प्रयोगशाला और जीवन प्रयोग से निकला उत्पादन jeevn or ishwar

बड़ी जनहानि से बचना सौभाग्य, बहुअयामी विशेषज्ञ जाँच होनी ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया cfcl

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान