सुनिश्चित हार सामनें देख,कांग्रेस के नेताओं का मानसिक सन्तुलन बिगडा - अरविन्द सिसोदिया congress & bjp

Seeing certain defeat, the mental balance of Congress leaders got disturbed - Arvind Sisodia

सुनिश्चित हार सामनें देख,कांग्रेस के नेताओं का मानसिक सन्तुलन बिगडा - अरविन्द सिसोदिया

जगत के स्वामी और जन जन के आराध्य प्रभु श्रीराम का आमंत्रण अस्विकार करने के साथ ही कांग्रेस भारत के जन मन से उतर गई है, अस्विकृत हो गई है। अब पूरी तरह कांग्रेस के सामने सुनिश्चित हार खडी है ! दुनिया के सबसे नासमझ व्यक्ति भी कांग्रेस की जीरो होती स्थिती को समझ रहा है। गठबंधन की डूबती नाव से कूद कूद कर भाग रहे हैं। दूसरी यात्रा पचास से शून्य की ओर चल रही है !! कांग्रेस नेता तेजी से गिर रही साख और अस्विकार्यता को समझ रहे हैं और बौखलाहट में मानसिक सन्तुलन खो बैठे हैं। जनता जानती है इन्हे चुनाव की नहीं चिकित्सा की जरूरत है। उनकी यह दुर्गती देश विरोधी और जनविरोधी नीतियों से ही हुई है।

By rejecting the invitation of Lord Shri Ram, the master of the world and the beloved of the people, the Congress has fallen out of the minds of the people of India and has been rejected. Now Congress faces certain defeat. Even the most ignorant person in the world is understanding the declining position of Congress. They are jumping from the sinking boat of the alliance and running away. The second journey is going from fifty to zero!! Congress leaders are realizing the rapidly falling credibility and unacceptability and have lost their mental balance in panic. The public knows that they need medical treatment, not elections. Their misery has happened due to anti-national and anti-people policies.

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"कांग्रेस बौखलाहट में दे रही आधारहीन बयान": मल्लिकार्जुन खरगे पर भड़के सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ मिल रहा है. शाहबानो केस में शरिया को सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर रखा गया है, ये सेकुलर स्टेट है. कांग्रेस गुलामी की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है.

30 जनवरी, 2024 

नई दिल्‍ली :- 

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि कांग्रेस बौखलाहट में आधारहीन बयान दे रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान निंदनीय है. उत्तर से दक्षिण तक लोकसभा चुनाव में लोग परिवारवाद को नकार रहे हैं, भारत में वास्तविकतौर पर लोकसत्ता हावी हो चुकी है. दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को एक रैली के दौरान आशंका व्यक्त की कि 2024 का लोकसभा चुनाव लोगों के लिए लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका होगा... क्योंकि अगर बीजेपी आगामी चुनाव जीतती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाही कर सकते हैं.


"आखिरी मौका, नहीं तो बीजेपी करेगी पुतिन की तरह शासन": खरगे ने दी चुनाव से पहले चेतावनी


सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कांग्रेस के एक-एक आरोप पर उन्‍हें आईना दिखाया. उन्‍होंने कहा, "कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री जीरो वोट पाकर प्रधानमंत्री बने थे. सारे वोट सरदार पटेल को मिले थे, लेकिन प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू बने थे. मनमोहन सिंह ने प्रणव मुखर्जी से कहा था कि मैडम ने मुझे प्रधानमंत्री बनने को कहा है. प्रधानमंत्री के तौर पर दो ही प्रधानमंत्री चुन कर आए हैं." भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर अभी तक देश में दो ही प्रधानमंत्री चुन कर आए हैं. पहले थे अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे हैं नरेंद्र मोदी. इसके अलावा कोई जनता द्वारा चुना हुआ प्रतीत नहीं हुआ. 


लोकसभा का कार्यकाल इंदिरा गांधी ने बढ़ाया था...

उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र की दुहाई देने वाले कांग्रेस के नेता शायद भूल गए कि राजीव गांधी के जमाने में एक अखबार ने कुछ खिलाफ लिखा, तो उनके विरूद्ध ही मामला दर्ज कर दिया गया और संस्‍थान की बिजली तक काट दी गई थी. टेलीग्राफ एक्ट कौन लेकर आया था...? राजीव गांधी के जमाने में ही टेलीग्राफ एक्‍ट आया था, जिसके तहत सरकार आम लोगों के पत्र पढ़ सकती थी और कार्रवाई कर सकती थी. पीवी नरसिंहाराव ने पैसे देकर सरकार बनाई, कोर्ट में साबित हो गया था.  लोकसभा का कार्यकाल इंदिरा गांधी ने बढ़ाया था. 


मीसा कौन लेकर आया था 

सुधांशु त्रिवेदी  ने पूछा, "मीसा कानून कौन लेकर आया था? मीसा यानी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम में आपातकाल के दौरान कई संशोधन किए गए और इंदिरा गांधी की निरंकुश सरकार ने इसके जरिए अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने का काम किया. लालू ने अपनी पुत्री का नाम मीसा रखा था और उस वक्त कहा था कि मैं कांग्रेस को उखाड़ फेंक दूंगा. आज कहां से कहां पहुंच गए. कांग्रेस के नेता देवकांत बरुवा ने कहा था कि 'इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इस इंडिया' और इस नारे के लिए आज तक माफी नहीं मांगी. अधिनायकवादी शक्तियों के हाथ से सत्ता निर्णायकतौर पर निकल रही है."


पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ

सुधांशु त्रिवेदी  ने कहा कि पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ मिल रहा है. शाहबानो केस में शरिया को सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर रखा गया है, ये सेकुलर स्टेट है. कांग्रेस गुलामी की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है. अंग्रेजों के गुलामी की मानसिकता अब भी कांग्रेसियों के अंदर है. गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का काम मोदी सरकार ने किया है. कांग्रेस और कांग्रेस गोत्र की पार्टियों का सत्ता अवसान हो रहा है. 


परिवारवाद के प्रतीक हैं राहुल गांधी, सुधांशु त्रिवेदी का I.N.D.I.A गठबंधन पर बड़ा हमला


सुधांशु त्रिवेदी ने इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी पर मंगलवार को बड़ा हमला बोला है.

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सुधांशु त्रिवेदी ने इंडिया गठबंधन पर हमला किया है.

BJP नेता ने कहा कि राहुल गांधी परिवारवाद के प्रतीक हैं.

नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी पर मंगलवार को बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि वे लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र चला रहे हैं. लेकिन भारत जनतंत्र का युग है. राहुल गांधी परिवारवाद के प्रतीक हैं, जनता ने परिवारवाद को नकार दिया है.


उन्होंने आगे कहा कि ‘हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में पूरी तरह ध्वस्त होने के बाद विपक्ष के इस तथाकिथत I.N.D.I.A गठबंधन की यारी अब छिन्न-भिन्न हो गई है. इस बौखलाहट में अब कांग्रेस पार्टी आपत्तिजनक बयान देने पर आ गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आधारहीन और अनर्गल बयान दिया है.’


सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा ‘देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी!, विधानसभा चुनावों में पूरी पराजय और तथाकथित I.N.D.I.A के विघटन के बाद गठबंधन और कांग्रेस पार्टी बौखला गई है. इसी बौखलाहट में कांग्रेस पार्टी ने आपत्तिजनक बयानबाजी शुरू कर दी है.’ उन्होंने आगे कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तर से दक्षिण तक देश की प्रबुद्ध जनता ने जो लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र चला रहे थे, उन्हें सबक सिखाने का काम किया.


उन्होंने आगे कहा कि ‘कश्मीर में अब्दुल्ला या मुफ्ती परिवार, चुनाव हार गए. पंजाब में बादल परिवार चुनाव हारा, हरियाणा में हुड्डा परिवार चुनाव हारा, अशोक गहलोत जी का बेटा चुनाव हारा, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की पत्नी चुनाव हारीं, चौधरी अजीत सिंह और उनके बेटे चुनाव हारे, बिहार में लालू प्रसाद यादव जी की बेटी चुनाव हारीं, तेलंगाना में केसीआर जी की बेटी चुनाव हारीं … और परिवारवाद के सबसे बड़े प्रतीक श्री राहुल गांधी भी चुनाव हारे.’


उन्होंने आगे कहा कि ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेबुनियाद बयान दिया है. चाहे वे कुछ भी कहें, सच तो यह है कि लोकतंत्र की आड़ में वंशवाद की राजनीति वर्षों से जारी थी. इसे अब मतदाताओं ने पूरी तरह खारिज कर दिया है. यह वंशवादी राजनीति अपने ग्रहण की ओर बढ़ रही है. दूसरी ओर, पीएम मोदी जी के कुशल नेतृत्व में सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय हो रहा है. पं. जवाहरलाल नेहरू जीरो वोट पाकर प्रधानमंत्री बने थे, श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी कैसे प्रधानमंत्री बने थे, ये भी सबको मालूम है.’



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